पटना में नगर निगम की लापरवाही से खुला मेनहोल बना जानलेवा, नाले में गिरा बच्चा पहली उड़ान बनी आखिरी सफर, सऊदी नौकरी पर निकले युवक ने फ्लाइट में दम तोड़ा, विदेश में नौकरी का सपना रह गया अधूरा जमुई में नक्सलियों की बड़ी साजिश नाकाम, जंगल से 24 सिलेंडर बम बरामद भागलपुर-हंसडीहा मुख्य मार्ग पर भीषण सड़क हादसा, महिला की मौत, 6 की हालत गंभीर Patna News: पटना एयरपोर्ट के लिए जारी हुआ नया आदेश, उल्लंघन किया तो होगी कड़ी कार्रवाई बेगूसराय में टला बड़ा हादसा: चलती ट्रेन के इंजन में लगी आग, यात्रियों ने कूदकर बचायी अपनी जान गांधी सेतु पर ट्रक और पिलर के बीच फंसा बाइक सवार, ट्रैफिक पुलिस ने किया रेस्क्यू AI in election: AI की चालबाज़ी से उलझे बिहार के वोटर! फर्जी कॉल्स-Deepfake से फैला भ्रम, अब चुनाव आयोग कसेगा शिकंजा! प्यार के लिए लड़का बना लड़की, अब पति किन्नर से शादी की जिद पर अड़ा Bihar politics : तेजस्वी ने किया 'महिला संवाद' पर हमला, जदयू का पलटवार...क्या महिलाओं की तरक्की से डरते हैं नेता प्रतिपक्ष?
15-Jul-2020 02:27 PM
DESK : कोरोना महामारी और मौसमी बीमारी दोनों के लक्षण एक जैसे हैं. ऐसे में सामान्य वायरल फीवर भी हमारे अन्दर कोरोना का खौफ पैदा कर दे रहा है. सामान्य व्यक्ति लक्षणों को लेकर भ्रम में है. राज्य में बढ़ते मामले भी चिंता का विषय बना हुआ है. ऐसे में लखनऊ के केजीएमयू के डॉक्टरों ने कोरोना से बचने के लिए कुछ जरुरी सलाह दी है.ये कदम उन्हें इसलिए उठने पड़े क्योंकि अस्पतालों में सामान्य सर्दी जुकाम और बुखार होने पर भी लोग इसे कोरोना समझ कर अस्पताल में जांच कराने पहुंच रहें हैं. जिस वजह से इन मरीजों में भी संक्रमण का खतरा बढ़ रहा है.
कोरोना काल में डॉक्टरों का कहना है कि अस्पताल जाने से बेहतर है कि आप अपने डॉक्टर से फ़ोन पर सलाह लें और निर्देशों का पालन करें. इन डॉक्टरों ने सामान्य रूप से कुछ सावधानियों को अपनाने के लिए भी सलाह दी है. आइये जानते हैं इन लोगों ने क्या सलाह दी है.:-
डॉक्टर के अनुसार कोरोना संक्रमण तीन चरणों में होता है-
-पहले स्टेज में मरीज के अन्दर लक्षण नहीं नजर आते हैं
-दूसरी स्टेज में मरीज को गले में खराश व बुखार होता है.
-तीसरी स्टेज के मरीज को खांसी, सांस लेने में तकलीफ, सांस फूलना और बुखार होता है.
डॉक्टर के मुताबिक उच्च जोखिम वाले लोगों को घर में अलग स्थान पर रखें. ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, दिल, सांस संबंधी मरीज व अंग प्रत्यारोपण कराने वाले मरीजों को विशेष सावधानी बरतनी चहिए. दो साल से कम उम्र के बच्चे और गर्भवती महिलाएं भी सावधान रहें.