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21-Nov-2019 12:47 PM
DELHI: मथुरा से बीजेपी सांसद हेमा मालिनी ने आज लोकसभा में वाटर क्राइसिस का मुद्दा उठाया. देश के कई हिस्सों में लोगों को पीने का पानी नहीं मिलने का मुद्दा उठाते हुए हेमा मालिनी ने 'राइट टू वाटर' को मौलिक अधिकार में शामिल करने की मांग की.
हेमा मालिनी ने नीति आयोग के सर्वे का हवाला देते हुए कहा कि देश में 600 मिलियन लोगों को पीने के पानी की कमी है. हर साल करीब 2 लाख लोग पानी की कमी से मर रहे हैं. ये बहुत गंभीर मुद्दा है, इसलिए 'राइट टू वाटर' को मौलिक अधिकार में शामिल करना चाहिए. हेमा मालिनी ने ये भी पूछा कि क्या इस तरह का कोई प्रपोजल है.
जिस पर जवाब देते हुए केंद्रीय जल संसाधन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने बताया कि फिलहाल इस तरह का कोई प्रस्ताव सरकार के पास नहीं है. उन्होंने कहा कि 18 करोड़ से ज्यादा ग्रामीण आवास में से सिर्फ 3 करोड़ आवास तक ही पीने का शुद्ध पानी पहुंच रहा है. लोगों तक पीने के शुद्ध पानी को पहुंचाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रयासरत हैं. 15 करोड़ लोगों के घर तक पीने का शुद्ध पानी नल के माध्यम से पहुंचे इसके लिए केंद्र सरकार काम कर रही है साथ ही सवा 3 लाख करोड़ का बजट भी जारी किया है. लोगों तक शुद्ध पानी पहुंचाने के लिए केंद्र के साथ राज्य सरकारें भी कटिबद्ध हैं.