महाराष्ट्र में हिंदी भाषियों पर हमले के खिलाफ समाजसेवी अजय सिंह ने भोजपुर में दर्ज कराई शिकायत, कार्रवाई की मांग बिहार में अपराधी बेलगाम: बेतिया में नाबालिग से गैंगरेप, भागलपुर में महिला से दुष्कर्म की कोशिश ISM पटना में “अंतरराष्ट्रीय शोध और उच्च अध्ययन” पर सेमिनार,भारत-यूरोप शिक्षा सहयोग पर हुई चर्चा Bihar News: CM नीतीश ने संविदा-आउटसोर्स वाली नियुक्ति को लेकर की बड़ी घोषणा...इन्हें मिलेगा बड़ा लाभ, जानें... बिहार के उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा का जन्मदिन आज, भारत प्लस ग्रुप के CMD अजय सिंह ने दी बधाई Bihar Crime News: बिहार में उत्पाद विभाग की टीम पर फिर से हमला, दारोगा समेत चार जवान घायल; स्कॉर्पियो में तोड़फोड़ Bihar Crime News: बिहार में उत्पाद विभाग की टीम पर फिर से हमला, दारोगा समेत चार जवान घायल; स्कॉर्पियो में तोड़फोड़ Bihar Election 2025: बिहार में वोटर लिस्ट वेरिफिकेशन विवाद के बीच चुनाव आयोग का X पर पोस्ट, दिया अनुच्छेद 326 का हवाला Bihar Election 2025: बिहार में वोटर लिस्ट वेरिफिकेशन विवाद के बीच चुनाव आयोग का X पर पोस्ट, दिया अनुच्छेद 326 का हवाला मोतिहारी में जमीन माफियाओं का तांडव...अमेरिका में रहने वाले की प्रॉपर्टी पर कब्ज़ा की कोशिश, पुलिस जांच में जुटी
01-Sep-2024 09:37 AM
By First Bihar
PATNA : प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने आईएएस अधिकारी संजीव हंस और पूर्व विधायक गुलाब यादव के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति (डीए) मामले में मुकदमा दर्ज करने की सिफारिश राज्य सरकार से की है। इसे लेकर ईडी मुख्यालय ने बिहार के डीजीपी और विशेष निगरानी इकाई (एसवीयू) के एडीजी को पत्र लिखा है। लगभग 13 पेज के इस लेटर में आईएएस अधिकारी संजीव हंस और पूर्व विधायक गुलाब यादव की अवैध संपत्ति से संबंधित पूरा ब्योरा प्रस्तुत किया है। जांच एजेंसी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की धारा- 66(2) का प्रयोग करते हुए यह सिफारिश की है।
जानकारी के मुताबिक, ईडी ने लेटर में ब्लैक मनी और पद का दुरुपयोग करके जमा की गई करोड़ों की अवैध संपत्ति से जुड़े सभी साक्ष्य दिए गए हैं जिसके आधार पर पूरी तरह से आय से अधिक संपत्ति (डीए) का मामला बनता है। दो दिन पहले लिखा यह पत्र राज्य की एसवीयू को प्राप्त हो गया है। इस पर संबंधित एजेंसी ने उचित कार्रवाई भी शुरू कर दी है।
राज्य सरकार के स्तर पर अंतिम निर्णय होने के बाद इन दोनों के खिलाफ डीए केस में मुकदमा दर्ज हो सकता है। जल्द ही ईडी राज्य सरकार को इस मामले से जुड़े कुछ और ठोस साक्ष्य प्रस्तुत कर सकती है। पीएमएलए की धारा 66(2) के अंतर्गत भेजे गए सभी साक्ष्य ईडी ने अपनी सघन जांच के बाद पाया है। इसके आधार पर राज्य की एजेंसी को इन दोनों के साथ ही इनसे जुड़े अन्य लोगों के बारे में डीए की धाराओं के अंतर्गत मुकदमा दर्ज करना अनिवार्य हो जाता है। क्योंकि, धारा-66(2) को लेकर कुछ वर्ष पहले सुप्रीम कोर्ट ने विजय मदन लाल चौधरी के एक मामले में पारित आदेश में कहा था कि ईडी के स्तर से ऐसे साक्ष्य प्रस्तुत करने पर कार्रवाई करना अनिवार्य होगा।
मालूम हो कि, ईडी ने 16 जुलाई को संजीव और गुलाब के बिहार, दिल्ली, यूपी, पंजाब, पुणे के दो दर्जन ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की थी। इसमें संजीव के साले और अन्य रिश्तेदारों के अलावा एक जमीन ब्रोकर के ठिकाने भी शामिल थे। इलाहाबाद की एक महिला वकील ने इन दोनों के खिलाफ रेप समेत अन्य मामलों को लेकर 2021 में मुकदमा दर्ज कराया था। इसमें महिला को फ्लैट और गाड़ी भी देने की बात कही गई थी। इसी प्राथमिकी को आधार बनाकर ईडी ने कार्रवाई शुरू की थी। हालांकि हाईकोर्ट ने हाल ही में इस केस को खारिज कर दिया था।