शराबबंदी वाले बिहार में शराब की बड़ी खेप बरामद, शराब तस्कर महेश राय गिरफ्तार वैशाली से बड़ी खबर: दलान से घर लौट रहे बुजुर्ग को मारी गोली SAHARSA: ई-रिक्शा को ट्रक ने मारी टक्कर, पलटने से महिला की मौत; शादी समारोह में शामिल होने जा रही थी मृतका ARRAH: कोइलवर में डेंगू-मलेरिया से बचाव के लिए अनोखी पहल, उद्योगपति अजय सिंह और देवनारायण ब्रह्मचारी जी महाराज रहे मौजूद जब नीतीश के गांव में जाने की नहीं मिली इजाजत, तब बिहारशरीफ में गरजे प्रशांत किशोर, कहा..आज भ्रष्टाचार की कलई खुल जाती Ara News: बीरमपुर क्रिकेट टूर्नामेंट (सीजन 7) का भव्य समापन, बीजेपी नेता अजय सिंह ने विजेता टीम को किया सम्मानित Ara News: बीरमपुर क्रिकेट टूर्नामेंट (सीजन 7) का भव्य समापन, बीजेपी नेता अजय सिंह ने विजेता टीम को किया सम्मानित BIHAR: कार साइड लगाने को लेकर बारात में बवाल, दो पक्षों के बीच जमकर मारपीट-फायरिंग Life Style: पिंक सॉल्ट सफेद नमक से कैसे है अलग, शरीर के लिए कौन है अधिक फायदेमंद? Bihar School News: कैसे पढ़-लिखकर होशियार बनेंगे बिहार के बच्चे? हेडमास्टर ने नदी में फेंक दी किताबें
17-Jul-2022 09:23 PM
PATNA: अंधेरों की हर एक साजिश यहां नाकाम हो जाए...उजाले हर तरफ हो रोशनी का नाम हो जाए...मेरी कोशिश तो नफरत को दिलों से दूर करना है..मेरा मकसद है दुनिया में मोहब्बत आम हो जाए…मशहूर शायरा शबीना अदीब ने रविवार की शाम पटना के श्रोताओं को जब अपनी ये शायरी सुनाई तो हर एक उसमें खो से गए। उनकी शायरी में बात कुछ ऐसी थी कि श्रोता मंत्रमुग्ध से हो उसे सुन रहे थे। उन्होंने अपनी शायरी से ऐसा समां बांधा कि हर तरफ से वाह-वाह की आवाज आने लगी।
मौका था भारतीय नृत्य कला मंदिर सभागार फ्रेजर रोड पटना में आयोजित महफ़िल ए मुशायरा का जिसमें देश और दुनिया के विभिन्न हिस्सों से आए दस मशहूर शायरों ने एक से बढ़कर एक शायरी सुना कर इस शाम को यादगार बना दिया। दुबई की साहित्यिक और सांस्कृतिक संस्था नाविशता की ओर से पटना लिटरेरी फेस्टिवल के साथ मिलकर इस मुशायरा को आयोजित किया गया था।
इसमें शबीना अदीब ने अपनी शायरी से समाज में बढ़ रही नफरत को दूर करने के लिए मोहब्बत का पैगाम दिया। उन्होंने अपनी शायरी से बताया कि सिर्फ मोहब्बत ही दिलों से नफ़रत को दूर कर सकती है। इस महफ़िल ए मुशायरा में आलम खुर्शीद ने अपनी शायरी से सामाजिक रिश्तों और इंसान की आदतों को बखूबी बयां किया। उनका अंदाज ए बयां इतना मनमोहक था कि हर आम व खास वाह-वाह कह उठा। उनकी शायरी के हर शब्द श्रोताओं के दिल में उतर गए। अपनी शायरी से उन्होंने महफ़िल ए मुशायरा में जान डाल दी।
उनकी शायरी कुछ यूं थी..दोस्तों के साथ चलने में भी ख़तरे हैं हज़ार..भूल जाता हूं हमेशा मैं संभल जाने के बाद..अब ज़रा सा फ़ासला रख कर जलाता हूं चराग़.. तजरबा ये हाथ आया हाथ जल जाने के बाद.. मैं जिस जगह भी रहूंगा वहीं पे आएगा...मिरा सितारा किसी दिन ज़मीं पे आएगा..लकीर खींच के बैठी है तश्नगी मेरी..बस एक ज़िद है कि दरिया यहीं पे आएगा…
महफ़िल ए मुशायरा में जब शायर शकील आज़मी ने अपनी शायरी पेश की तो श्रोताओं का उत्साह देखते बन रहा था। उनके हर शेर सुनने वालों पर जादू सा असर कर रहे थे। उनकी शायरी यहां मौजूद लोगों के दिलों को छू गई।
उनकी शायरी कुछ यूं थी..परों को खोल ज़माना उड़ान देखता है..ज़मीं पे बैठ के क्या आसमान देखता है..मिला है हुस्न तो इस हुस्न की हिफाज़त कर..संभल के चल तुझे सारा जहान देखता है..कनीज़ हो कोई या कोई शाहज़ादी हो..जो इश्क़ करता है कब ख़ानदान देखता है।
अज्म शाकीरी ने अपनी शायरी में इंसान के अंदर की नैतिकता और उसूलों के महत्व को बताया। बताया कि झूठ के सहारे और अपना जमीर बेचकर काम करने वाले भले ही जिंदगी में कामयाब दिखते हों लेकिन वे गलत हैं। अज्म शाकीरी की शायरी को पटना वालों ने काफी पसंद किया। उनकी शायरी कुछ यूं थी..खुद को सस्ता बेचकर वो उम्र भर ज़िन्दा रहा..हम शरीफुन्नफ्स थे नायाब होकर मर गये..यूं बेरूख़ी के साथ न मुंह फेर के गुज़र ए साहिबे जमाल तेरा आइना हूं मैं…
सरवर नेपाली ने अपनी शायरी से समाज में व्याप्त भ्रष्टाचार और विभिन्न समस्याओं को बड़े ही खूबसूरत अंदाज में पेश किया। अपनी शायरी से उन्होंने खूब वाहवाही बटोरी। उनकी शायरी के बोल थे - बेशक लगा कर देख लें भरपूर जोर आप..हरगिज़ बना न पाएंगे कौए को मोर आप..देंगे किसी गरीब को इंसाफ क्या हुजूर...मुंसिफ हैं आप दिन में तो रातों में चोर आप…