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15-Sep-2024 08:55 PM
By First Bihar
DESK: खुशी के हर मौके पर अब डीजे बजाया जाता है। बिना इसके कोई भी कार्यक्रम लोगों को अधूरा लगता है। इसलिए शादी का मौका हो या फिर इंगेजमेंट या बर्थ डे या फिर कोई अन्य आयोजन हरेक मौके पर डीजे की उपस्थिति देखी जाती है। लेकिन तेज साउंड के कारण कभी-कभी यह लोगों को नुकसान भी पहुंचाता है इसके बावजूद इसका इस्तेमाल धड़ल्ले से लोग करते हैं।
हालांकि इससे साउंड प्रदूषण भी होता है जिससे बुजुर्गों और बच्चों के साथ-साथ बीमार लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। डीजे की तेज साउंड के कारण एक व्यक्ति का ब्रेन हेमरेज हो गया। उसके सिर का नस फट गया और खून का थक्का जमने से उसकी हालत गंभीर हो गयी। घटना छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर की है जहां आनन-फानन में मरीज को अस्पताल पहुंचाया गया। लेकिन मरीज की गंभीर हालत को देखते हुए डॉक्टरों ने रायपुर हॉस्पिटल रेफर कर दिया।
मरीज की पहचान बलरामपुर के सनावल निवासी 40 वर्षीय संजय जायसवाल के रूप में हुई है। मरीज के परिजनों ने बताया कि संजय डीजे भाड़े पर चलाता है। जिस दिन उसे उल्टी और चक्कर आने के बाद ब्रेन हेमरेज हुआ। उस दिन उसने एक कार्यक्रम में डीजे बजाया था। ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि डीजे की तेज आवाज के चलते ब्रेन हेमरेज हुआ। वही इयर नोज थ्रोट (ENT) विभाग के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. शैलेंद्र गुप्ता ने जब सीटी स्कैन कराया तो पता चला कि सिर के पिछले हिस्से की नस फटने से ब्लड क्लॉटिंग हो गया।
उन्होंने बताया कि संजय जासवाल को पहले से कोई बीमारी नहीं थी। उन्हें ना तो सुगर था ना बीपी की शिकायत ही थी। अस्पताल में ब्लड प्रेशर नॉर्मल मिला था। उन्होंने बताया कि इस तरह का यह पहला मामला है। जो बेहद चिंता का विषय है। उन्होंने कि शादी विवाह और धार्मिक अवसरों पर जिस तरह से डीजे का प्रचलन बढ़ा है ये कही ना कही लोगों को नुकसान पहुंचाता है। एक स्वस्थ व्यक्ति 70 डेसीबल ध्वनि की तीव्रता झेल सकता है। जबकि डीजे में 150 डेसीबल से ज्यादा ध्वनि की तीव्रता होती है 70 डेसीबल से ज्यादा साउंड होने पर यह कान और दिमाग के लिए खतरनाक साबित होता है।
वही छत्तीसगढ़ में ध्वनि यंत्रों के लिए बनाए गए नियमों के बाद जिले में बिना अनुमति के डीजे बजाने पर प्रशासन ने रोक लगा दी है। अनुमति लेने के बाद कम आवाज में डीजे चलाने को कहा कहा गया है। इस आदेश के बाद डीजे संचालकों ने एसडीएम को ज्ञापन सौंपा है। दरअसल कानफोडू डीजे के पूर्ण प्रतिबंध लगाने के बाद संचालकों में खलबली मची हुई है। जिसके बाद अब नए नियम लागू कर दिए हैं। वहीं लापरवाही होने पर कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।