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11-Dec-2020 02:42 PM
PATNA: तीन दिन से आईपीएस अरविंद पांडेय चर्चा में बने हुए हैं. यह चर्चा उनके उपर सरकार द्वारा की गई कार्रवाई को लेकर हो रही है. वही, विपक्ष इस कार्रवाई को साजिश बता रहा है. लेकिन अब अरविंद पांडेय ने अपनी चुप्पी तोड़ी है.
कोई बयान नहीं दे सकता
अरविंद पांडेय ने अपने फेसबुक पेज पर पहले कविता लिखी है. उसके बाद उसके विस्तार से बताया है. उन्होंने लिखा है कि आहट पाकर जब जब शृगाल ज्वरग्रस्त दिखें, जब दुष्ट भेड़िए त्राहि त्राहि कह रुदन करें. जब नाम श्रवण कर दुष्टों में भय पलता है,बस यही अप्रतिम, अपराजेय सफलता है. पंक्तियां मेरी एक लंबी कविता का अंश हैं. इस कविता के बारे में अरविंद पांडेय ने लिखा कि ‘’जो मैंने 2 साल पहले लिखी थी... इसकी अन्यथा व्याख्या न करें..दूसरी बात : 2 दिनों पूर्व से जो समाचार सोशल मीडिया में प्रसारित हो रहा है उस पर मैं कोई टिप्पणी नहीं कर सकता और सभी से यह अनुरोध है कि आप भी न करें..सरकार के किसी निर्णय पर सरकारी सेवक द्वारा विहित रीति से आगे की अनुक्रिया की जा सकती है.’’
DGP के मजबूत दावेदार-RJD
इस कार्रवाई में आरजेडी को साजिश नजर आ रहा है. आरजेडी ने कहा कि बिहार की बदत्तर विधि व्यवस्था की सबसे बड़ी वजह पुलिस विभाग में नियुक्ति और पदस्थापन में सरकार द्वारा अपनायी जा रही भेदभाव पूर्ण नीति रहा है. अभी बिहार में पुलिस महानिदेशक पद पर नियुक्ति होने वाली है. पुलिस महानिदेशक के पद पर नियुक्ति के लिए उच्चतम न्यायालय द्वारा कुछ शर्तें लगा दी गई है. उन शर्तों के आधार पर पुलिस महानिदेशक पद के लिए अरविंद पांडेय एक मजबूत दावेदार हैं. लेकिन सामाजिक पृष्ठभूमि और ईमानदार छवि के कारण राज्य सरकार अरविंद पांडेय को पुलिस महानिदेशक नहीं बनाना चाह रही है. इसलिए एक सुनियोजित साजिश के तहत इन्हें रास्ते से हटाने के लिए उस मामले को पुनर्जीवित कर दिया गया है. जिसे 2013 में हीं तत्कालीन मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के आदेश से बंद कर दिया गया था.
2 वेतन वृद्धि पर लगी रोकी
दो दिन पहले बिहार सरकार ने राज्य के सीनियर आईपीएस अफसर के ऊपर कड़ा एक्शन लिया है. भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी अरविंद पांडेय के ऊपर बीडीओ की हत्या के मामले में कार्रवाई की गई. सरकार ने इनकी चार वेतनवृद्धियों पर रोक लगाने का आदेश दिया है. इसी गंभीर मामले में आईपीएस अरविंद पांडेय के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की गई. बिहार सरकार की ओर से इन्हें जो दंड दिया गया है, उसके मुताबिक अरविंद पांडेय को वर्तमान में मिल रहे वेतन से 2 वेतन वृद्धियां घटा दी जाएंगी और इसके अलावा भविष्य में भी दी जाने वाली दो वेतन वृद्धियां भी नहीं दी जाएंगी. सरकार की ओर से जारी आदेश के मुताबिक मनातू प्रखंड के बीडीओ भवनाथ झा की हत्या के समय 1988 बैच के आईपीएस अफसर अरविंद पांडेय पलामू जिला के एसपी थे. जब उग्रवादियों ने बीडीओ भवनाथ झा की हत्या की तब इनके ऊपर आरोप लगा कि पुलिस कप्तान रहते अरविंद पांडेय ने जिम्मेदारियों को सही तरीके से नहीं निभाया. इनकी कार्यशैली में लापरवाही पाई गई.