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20-Dec-2020 05:20 PM
PATNA : जमीन का म्यूटेशन यानी कि दाखिल-ख़ारिज कराने के लिए अंचलाधिकारियों को कैंप लगाने का निर्देश दिया गया है. दरअसल म्यूटेशन के मामलों को समय से निष्पादन के लिये डीसीएलआर और सीओ के काम का भी मूल्यांकन शुरू हुआ तो पता चला कि लंबित आवेदनों की संख्या बढ़ गई है. पटना जिले के सदर अंचल में ऑनलाइन दाखिल-खारिज के सबसे अधिक मामले लंबित हैं, जबकि बिक्रम में सबसे कम हैं. पटना सदर में 21 फीसदी आवेदन पर कार्रवाई नहीं हो सकी. जबकि बिक्रम में मात्र 6 फीसदी आवेदन का निबटारा नहीं हो पाया है.
पटना जिले में अब तक कुल दो लाख 84 हजार 529 ऑनलाइन दाखिल-खारिज के आवेदन प्राप्त हुए थे. इसमें एक लाख 48 हजार 666 आवेदनों को स्वीकृत कर दिया गया और 96 हजार 668 आवेदनों को अस्वीकृत कर दिया गया है. इसके साथ ही 39 हजार 195 आवेदन यानी 13.78 फीसदी मामले लंबित हैं. यह जानकारी जिलाधिकारी कुमार रवि को शनिवार को ऑनलाइन दाखिल-खारिज मामलों के कार्यों में प्रगति लाने के लिए सभी डीसीएलआर व अंचलाधिकारी के साथ बैठक में हुई. इस दौरान जिलाधिकारी ने सभी लंबित मामलों को निबटाने के लिए अंचलाधिकारियों को हर अंचल में कैंप लगाने का निर्देश दिया और 31 दिसंबर तक कार्य पूरा करने को कहा है.
सभी अंचलाधिकारियों को अंचल कार्यालय में ऑनलाइन दाखिल-खारिज के मामलों को निबटाने के लिए शिविर लगाने का निर्देश दिया है. इसके साथ ही प्रत्येक शनिवार को अंचलाधिकारी और थानाध्यक्ष को एक साथ भूमि विवाद के मामलों का निबटारा करने को कहा है. साथ ही शनिवार को चौकीदारी परेड कराने, शराबबंदी, सांप्रदायिक सद्भाव आदि कई बिंदुओं पर समीक्षा करने का निर्देश पदाधिकारियों को दिया है. इतना ही नहीं जिलाधिकारी ने एसडीओ, एसडीपीओ को पाक्षिक बैठक करने की जिम्मेदारी दी है और दाखिल-खारिज के मामलों की समीक्षा व मॉनिटरिंग करने का निर्देश भी दिया है.
बैठक में जिलाधिकारी के समक्ष यह बातें भी आयी कि पटना जिले में परिमार्जन के कुल 43 हजार 64 आवेदन प्राप्त हुए थे, जिसमें से 18 हजार 42 आवेदनों को स्वीकृत कर दिया गया और तीन हजार 131 आवेदनों को अस्वीकृत किया गया है और शेष 21 हजार 891 आवेदन लंबित हैं. इसमें सबसे अधिक मामले नौबतपुर, फतुहा, बख्तियारपुर अंचल में और बिक्रम में सबसे कम 16 फीसदी से कम मामले लंबित हैं. डीएम ने सभी अंचलाधिकारियों को लंबित परिमार्जन संबंधित मामलों को 31 दिसंबर तक निबटारा करने का टास्क दिया है. इसके साथ ही जिलाधिकारी ने भू लगान वसूली के कार्य में तेजी लाने का भी निर्देश दिया. बैठक में अपर समाहर्ता राजस्व राजीव श्रीवास्तव, सभी अनुमंडल पदाधिकारी, भूमि सुधार उप समाहर्ता व अंचलाधिकारी सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे.
आपको ये भी बता दें कि नए जमीन की रजिस्ट्री के म्यूटेशन को लेकर लोगों को अब परेशान होने की जरूरत नहीं है. सरकार अब खुद ही इस काम को करेगी. अब किसी को दाखिल-खारिज के लिए आवेदन भी नहीं करना पड़ेगा. मकान, दुकान, फ्लैट , खेत, जमीन आदि की रजिस्ट्री होते ही म्यूटेशन की प्रक्रिया स्वत: शुरू हो जायेगी. निबंधन एवं राजस्व विभाग इसी महीने से 'सूओमोटो म्यूटेशन' की व्यवस्था शुरू करने जा रहा है. यही नहीं अंचल या अन्य अधिकारी अब पहले के आवेदन को लटकाकर बाद वाले का डिस्पोजल नहीं कर पायेंगे. जिसकी रजिस्ट्री पहले उसका म्यूटेशन भी पहले करना होगा. हालांकि, पुराने दस्तावेजों के म्यूटेशन के लिए ऑनलाइन की सुविधा अभी की तरह जारी रहेगी.
भूमि विवादों को जड़ को खत्म करने के लिए राज्य सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. सॉफ्टवेयर की मदद से सात दिनों के अंदर निबंधन और अंचल कार्यालय को आॅनलाइन जोड़ दिया जायेगा. जमीन की रजिस्ट्रेशन के लिए रैयत को ऑनलाइन आवेदन की जरूरत नहीं रहेगी. जमीन की रजिस्ट्री होते ही डीड (दस्तावेज) पीडीएफ फॉर्मेट में अंचल अधिकारी के लॉगिन में चला जायेगा. सीओ तुरंत ही म्यूटेशन की प्रक्रिया शुरू कर देंगे.