'कल्याण ज्वेलर्स' के नाम पर फर्जी सोने-चांदी की दुकान चलाने वाले पर चला प्रशासन का डंडा, बांड भरवाकर दुकानदार से बैनर हटवाया Bihar News: अवैध मेडिकल दुकानों और क्लिनिक संचालकों के खिलाफ प्रशासन का बड़ा अभियान, कई लोग हिरासत में बिहार का 'पुष्पा' निकला संजीव मुखिया, पत्नी को MP और MLA बनाने के लिए किया पेपर लीक Bihar Crime News: भीड़ ने पीट-पीटकर ले ली युवक की जान, एक ग़लतफ़हमी और हो गया बड़ा कांड राज्यसभा के उप सभापति से मिले अजय सिंह, महुली खवासपुर-पीपा पुल के पक्कीकरण की मांग मधुबनी में गरजे मुकेश सहनी, कहा..हक मांगने से नहीं मिलता, छीनना पड़ता है Bihar News: टुनटुन यादव के प्रोग्राम में फायरिंग के बाद एक्शन में आई पुलिस, एक को दबोचा अन्य की तलाश जारी PK ने जमुई में भरी हुंकार, बोले..नीतीश चचा को हटाना है इस बार, भूमि सर्वे और दाखिल खारिज में जमकर हो रहा भ्रष्टाचार Caste Census:जातीय जनगणना पर केंद्र के फैसले का JDU महासचिव ने किया स्वागत, नीतीश कुमार के विजन की बताई जीत Bihar Education News: सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल-प्रधान शिक्षकों का पावर कट, स्कूल के दूसरे शिक्षक को बड़ा अधिकार, ACS एस सिद्धार्थ ने सभी DEO को भेजा पत्र
15-Oct-2019 04:35 PM
CHHAPRA : देशभर में विभिन्न तरीकों के सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. सामाजिक सेवकों की ओर से बिहार में भी दशहरा बाद सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. यूं तो देश भर में दुर्गा पूजा बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. वैसे तो छपरा जिले के रिविलगंज का दशहरा पूजा कई मायनों में खास और अलग होता है. लेकिन इसबार सांस्कृतिक कार्यक्रम के नाम पर ऐसा कुछ हुआ कि सभी लोग हैरत में पड़ गए. दुर्गा पूजा के समापन के बाद रिविलगंज में विसर्जन पूर्णिमा के बाद यानि एकम तिथि को शुरू होता है जो लगभग 35 घंटे तक चलता है.
रिविलगंज में एक दर्जन से ज्यादा पूजा समितियां कतारबद्ध होकर प्रतिमा का विसर्जन करती हैं. यहां सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है. लेकिन इसबार सांस्कृतिक कार्यक्रम के नाम पर बार डांसरों ने अश्लीलता की सारी हदें पार कर दी. दरअसल सांस्कृतिक कार्यक्रम में ऑर्केस्ट्रा को बुलाया गया था. जहां बार बालाओं ने अश्लील भोजपुरी गानों पर जमकर ठुमके लगाए.
ऑर्केस्ट्रा और डीजे पर प्रतिबंध के बावजूद भी खुले आसमान के नीचे छोटे कपड़े में बार बालाओं का नाच चलता रहा और लोग शर्म से पानी-पानी होते रहें. डांस भी ऐसा की कोई भी महिलाएं इस प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम में एक मिनट भी ना ठहर पाए. आस्था के नाम पर कानून और समाज की बंदिशों को सरेआम ताक पर रख दिया गया. लोग भी साथ में झूमकर नाचे. लोगों ने डांसरों के ऊपर जमकर पैसे भी लुटाये. लेकिन ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि अश्लील भोजपुरी गानों पर बार बालाओं को झुमाना ही सांस्कृतिक कार्यक्रम रह गया है.