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27-Oct-2023 05:52 PM
By FIRST BIHAR
PATNA: बिहार में 1 लाख 22 हजार शिक्षकों की नियुक्ति में गड़बड़ी की लगातार शिकायतों के बीच बिहार लोक सेवा आयोग ने अभ्यर्थियों के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी दी है. लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष अतुल प्रसाद ने चेतावनी दी है- गलत शिकायत करने वालों को झूठ फैलाने का परिणाम भुगतना होगा.
शिक्षक अभ्यर्थियों पर कार्रवाई होगी
बिहार लोक सेवा आयोग की ओर से पत्र जारी किया गया है. इस पत्र में कहा गया है कि अध्यापक नियुक्ति प्रतियोगिता परीक्षा के लिए आयोजित परीक्षा के उपरांत दस्तावेज सत्यापन के दौरान अयोग्य पाये गये या अनुपस्थित रहने वाले अभ्यर्थियों पर कार्रवाई की जायेगी. बीपीएससी ने कहा है कि अध्यापक नियुक्ति प्रतियोगिता परीक्षा के आवेदन के समय अभ्यर्थियों ने योग्य उम्मीदवार होने का दावा किया था और उसके समर्थन में आवश्यक प्रमाण पत्र भी अपलोड किया था. लेकिन बहुत सारे अभ्यर्थी दस्तावेजी के सत्यापन के समय पर्याप्त अवसर मिलने के बावजूद उसमें अनुपस्थित रहे या असफल पाए गए.
बीपीएससी ने कहा है कि ऐसे अभ्यर्थियों के कारनामे से मानव बल और समय की बर्बादी हुई है. शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया भी बाधित हुई. वहीं, दूसरी ओर अभ्यर्थियों का ये काम गलत मंशा से नियुक्ति पाने का कुप्रयास मानने की सम्भावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता है. ऐसे में डॉक्यूमेंट वेरीफिकेशन में गैरहाजिर रहने या असफल होने वाले अभ्यर्थियों को निदेशित किया जाता है कि वे 07.11.2023 तक आयोग के ईमेल पर अपना स्पष्टीकरण दें कि क्यों नहीं आपके उक्त कृत्य को कदाचार की श्रेणी में मानते हुए आपके विरुद्ध विधि सम्मत अनुशासनिक कार्रवाई की जाये और आयोग के आगामी परीक्षाओं में भाग लेने से वंचित कर दिया जाये.
बीपीएससी ने कहा है कि 7 नवंबर तक तक स्पष्टीकरण नहीं देने वालों के बारे में ये माना जायेगा कि इस संबंध में उन्हें कुछ नहीं कहना है. इसके बाद बिहार लोक सेवा आयोग उनके खिलाफ विरुद्ध विधि सम्मत कार्रवाई के लिये स्वतंत्र होगा. आयोग ने कहा है कि दस्तावेज सत्यापन के दौरान अयोग्य पाये गये और अनुपस्थित अभ्यर्थियों की सूची आयोग के वेबसाइट पर उपलब्ध है.
उधर, बीपीएससी के अध्यक्ष अतुल प्रसाद ने कहा है-“हमें कुछ शिकायतें मिली हैं कि कटऑफ से अधिक अंक होने के बावजूद शिक्षक अभ्यर्थियों को चयन नहीं किया गया है. जांच करने पर पता चला कि वे बीएड धारक प्राइमरी टीचर अभ्यर्थी थे. ऐसे शिकायतकर्ताओं को झूठ फैलाने का परिणाम भुगतना पड़ सकता है.”