ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar Cabinet: साल के अंतिम दिन CM नीतीश ने घोषित की अपनी संपत्ति, नकद और बैंक में कितना रू है,जानें.... Bihar Police: मोतिहारी नगर निगम का वार्ड पार्षद पति फरार..SP ने 10 हजार रू का इनाम घोषित किया Bihar Transport News: बिहार में गाड़ियों की 'मैन्युअली फिटनेस जांच' पर रोक...कल से लागू होगी नई व्यवस्था, परिवहन मंत्रालय ने भेजा गाईडलाइन 1 करोड़ लोगों को सरकारी नौकरी और रोजगार देगी सरकार, बोले सम्राट चौधरी..बिहार के युवा मजदूरी करने नहीं, सम्मानजनक रोजगार पाने जाएं बाहर Health Ministry : 100mg से अधिक निमेसुलाइड टैबलेट्स पर बैन, स्वास्थ्य मंत्रालय का अहम फैसला Bihar accident news : : अनियंत्रित ट्रक ने बाइक सवार तीन युवकों को कुचला, दो की मौत, एक गंभीर घायल Bihar education news : बिहार में फर्जी शिक्षकों पर कड़ी कार्रवाई, निगरानी ब्यूरो ने हज़ारों टीचर के दस्तावेज़ों को खंगाला; जानिए पूरा डाटा Bihar Vigilance Department : 2025 में एक्शन में रही निगरानी ब्यूरो, दर्ज हुई 122 FIR; सबसे बड़ा धनकुबेर निकला यह कार्यपालक अभियंता Bihar land reform : 'क्या तमाशा है...', CO की विजय कुमार सिन्हा ने भरी सभा में लगा दी क्लास, कहा - सही काम को लटकाने का रवैया नहीं चलेगा Bhumi Sudhar Jansamvad : मेरा भाई भी गलत करेंगे तो नहीं छोड़ेंगे, बोले विजय सिन्हा - आपस में करेंगे गुंडागर्दी तो कर देंगे खत्म

बीते 10 महीने से लापता हैं यह IAS अधिकारी, नीतीश सरकार ने किया सस्पेंड

बीते 10 महीने से लापता हैं यह IAS अधिकारी, नीतीश सरकार ने किया सस्पेंड

29-Dec-2021 08:43 AM

PATNA : बिहार के एक आईएएस अधिकारी का पिछले 10 महीने से कोई अता पता नहीं है. सरकार को जब इसकी जानकारी मिली तो उसने सर्विस रोड का उल्लंघन बताते हुए इस मामले में आईएएस अधिकारी को निलंबित कर दिया है. मामला आईएएस अधिकारी डॉ जितेंद्र गुप्ता से जुड़ा हुआ है. डॉ जितेंद्र गुप्ता 2013 बैच के आईएएस अधिकारी हैं. बिहार कैडर के आईएएस अधिकारी की चर्चा खूब रही है. 


आईएएस अधिकारी डॉ जितेंद्र गुप्ता को 1 नवंबर 2021 के प्रभाव से निलंबित किया गया है. निलंबन की अवधि में डॉक्टर गुप्ता का मुख्यालय आयुक्त पटना प्रमंडल में रखा गया है. इस मामले में डॉ जितेंद्र गुप्ता से संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन उनकी तरफ से कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आ पाई है.


5 साल पहले डॉ जितेंद्र गुप्ता उस वक्त सुर्खियों में आए थे, जब विजिलेंस ब्यूरो ने उन्हें रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया था. तब डॉ जितेंद्र गुप्ता कैमूर जिले के मोहनिया में एसडीओ के पद पर तैनात थे. उनके ऊपर आरोप लगा था कि वह ट्रांसपोर्टरों से अवैध वसूली कर रहे थे. उनके खिलाफ कार्रवाई की लेकिन जितेंद्र गुप्ता ने अपने को ट्रांसपोर्ट माफिया की तरफ से बुने गए जाल में फंसाने का आरोप लगाया था.


बाद में मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा और सुप्रीम कोर्ट मैं डॉक्टर जितेंद्र गुप्ता को राहत दी थी. पटना हाईकोर्ट ने विजिलेंस की प्राथमिकी को ही रद्द कर दिया था और मामले को ही आधारहीन करार दिया था. बाद में दिल्ली हाईकोर्ट केंद्रीय प्रशासनिक ट्रिब्यूनल से होते हुए मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा और सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप से डॉक्टर जितेंद्र गुप्ता के कैडर में ही बदलाव कर दिया गया. केंद्र सरकार के कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रालय ने उनका कैडर बदल दिया और बिहार के डर से उनका समायोजन नागालैंड कैडर में कर दिया गया. 15 दिसंबर 2020 को डॉ जितेंद्र गुप्ता नागालैंड कैडर के अधिकारी बन गए.


लेकिन अब जितेंद्र गुप्ता को लेकर बिहार के सामान्य प्रशासन विभाग में जो आदेश जारी किया है उसके मुताबिक बिहार कैडर से उनका तबादला नागालैंड कैडर में कर दिया गया था और इसके लिए उन्हें 15 दिसंबर 2020 को बिहार सरकार में निर्मित भी कर दिया. इसके बावजूद उन्होंने नागालैंड सरकार में योगदान नहीं दिया है. 


कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग भारत सरकार की तरफ से इस साल 8 अक्टूबर को यह जानकारी दी गई कि डॉ जितेंद्र गुप्ता ने नागालैंड सरकार में योगदान नहीं दिया है. डॉ जितेंद्र गुप्ता पिछले 10 महीने से बिना किसी जानकारी के ड्यूटी से गैरहाजिर पाए गए. इसके बाद अब उनके खिलाफ राज्य सरकार ने सेवा नियमावली के तहत कार्रवाई करते हुए निलंबन का आदेश जारी किया है.