Illegal sand mining : बिहार में अवैध बालू खनन पर सख्ती: 400 पुलिस बल की तैनाती, तीन दिन में राजस्व लक्ष्य पूरा करने का आदेश Bihar News: सोशल मीडिया पर हथियार के साथ युवक की तस्वीर वायरल, जांच में जुटी पुलिस Bihar land dispute : बिहार में जमीन न्याय ठप! 15 साल में भी नहीं भरे DCLR के 101 पद, लाखों भूमि मामले अधर में Bihar News: पटना में सिपाही ने ट्रांसफर से नाराज होकर किया कांड, वरीय अधिकारियों पर लगाए गंभीर आरोप Danapur Bihta Elevated Road : दानापुर–बिहटा एलिवेटेड रोड: यातायात प्रतिबंध में आंशिक राहत, दिन में चलेगी गाड़ियां Indian Railway: भारतीय रेलवे की नई पहल: रेलवे ट्रेनों के पुराने और जर्जर डिब्बों में खुलेंगेअस्पताल Bihar News: बिहार में कोहरे ने रोका रेल–हवाई यातायात, ट्रेनें घंटों लेट तो उड़ानें रद्द Bihar Weather: बिहार में ठंड ने तोड़ा तीन साल का रिकॉर्ड, शितलहर से जनजीवन प्रभावित बिहार में ठंड का कहर जारी, पटना-मुजफ्फरपुर-शिवहर-लखीसराय के बाद अब सारण में भी स्कूल बंद, अब इस दिन खुलेगा विद्यालय अरवल पुलिस की बड़ी कार्रवाई, विवाहिता की हत्या के आरोपियों को दबोचा, कारतूस तस्करी का भी किया खुलासा
29-Jan-2021 09:16 AM
NALNDA : बिहार में सबसे कम वर्किंग डे में सूबे में पहली बार कोई फैसला सुनाया गाय है. 9 कार्य दिवस में मामले की सुनवाई करते हुए नाबालिक के रेप के दोषी किशोर को सजा सुनाई गई है.
किशोर न्याय परिषद के प्रधान दंडाधिकारी मानवेन्द्र मिश्र ने महज 9 कार्य दिवस में मामले की सुनवाई करते हुए 6 साल की बच्ची के साथ हुई दुष्कर्म के मामले में आरोपी किशोर को आईपीसी और पास्को की धाराओं में तीन-तीन वर्ष की सजा दी है. दोनों सजा एक साथ चलेंगी. अभियुक्त की उम्र 16 वर्ष से 2 माह कम है इसलिए उसे स्पेशल होम पटना में रखा जाएगा.
दरअसल 26 जुलाई 2020 की दोपहर 6 साल की बच्ची अपने घर के बाहर खेल रही थी तभी दूर के रिश्ते में लगने वाले चाचा और पड़ोसी उसे अकेला पाकर अपने घर बहला-फुसलाकर ले गया और बच्ची के साथ दुष्कर्म किया. बच्ची रोते हुए अपने घर आई और घरवालों को सारी बात बताई. जानकारी दिए जाने के बाद ग्रामीणों ने उसे पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया. इस मामले में अभियोजन के तरफ से आठ गवाह, जबकि बचाव पक्ष से दो गवाहों का परीक्षण किया गया.
लेकिन आरोपी की उम्र 15 वर्ष 10 माह 13 दिन होनों के कारण उसे तीन साल की सजा सुनाई गई. यह सूबे का पहला मामला है, जिसमें महज नौ सुनवाई में ही निष्पादन कर दिया गया.