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19-May-2023 05:21 PM
By VISHWAJIT ANAND
PATNA: बिहार पुलिस अपने जवानों और अधिकारियों के मोबाइल और सोशल मीडिया प्रेम से परेशान हो गयी है. ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मी मोबाइल में ही लगे रह रहे हैं और दूसरी ओर कांड हो जाता है. लिहाजा पुलिस मुख्यालय ने अपने जवानों से लेकर अधिकारियों को चेतावनी दी है. ड्यूटी के दौरान मोबाइल का उपयोग नहीं करें. विशेष परिस्थिति में ही मोबाइल का उपयोग किया जा सकता है. पुलिस मुख्यालय ने वैसे पुलिसकर्मियों को कड़ी चेतावनी दी है जो रील्स और वीडियो बनाकर अपनी ड्यूटी, हथियार से लेकर वर्दी तक की जानकारी सोशल मीडिया पर डाल रहे हैं. अगर ऐसा किया तो कड़ी कार्रवाई होगी.
बिहार पुलिस के एडीजी मुख्यालय ने सारे एसपी से लेकर दूसरे आलाधिकारियों को पत्र भेजा है. पत्र में कहा गया है कि पुलिस मुख्यालय ने 1 जून 2021 को ही पत्र जारी कर ड्यूटी के दौरान पुलिस पदाधिकारियों और कर्मियों द्वारा अनावश्यक रूप से मोबाईल और दूसरे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण का प्रयोग नहीं करने का साफ साफ आदेश दिया था. लेकिन इसके बावजूद ऐसे मामले सामने आये हैं जिससे पता चलता है कि उस आदेश का पूरी तरह से अनुपालन नहीं हो रहा है. लिहाजा उस आदेश को फिर से याद दिलाने की जरूरत आ पडी है.
एडीजी मुख्यालय की ओर से 15 मई को जारी पत्र में कहा गया है कि पुलिसिंग एक खास प्रकार का काम है, जिसमें ड्यूटी के दौरान हमेशा सजग और सतर्क रहना पड़ता है. पुलिस पदाधिकारियों और कर्मियों से पूरी तरह से अनुशासन में रहने की अपेक्षा की जाती है. ऐसे में अगर पुलिस पदाधिकारियों और कर्मियों द्वारा ड्यूटी के दौरान अनावश्यक रूप से मोबाईल और दूसरे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण का उपयोग किया जाता है तो ड्यूटी से उनका ध्यान भटक जाता है. इससे कार्य क्षमता और दक्षता में कमी आती है. यह कर्त्तव्य के प्रति लापरवाही है.
सोशल मीडिया पर डाल रहे हथियार और वर्दी की जानकारी
एडीजी के पत्र में कहा गया है कि सोशल मीडिया पर ड्यूटी से जुड़ी जानकारी या किसी तरह के हथियार, अपनी वर्दी समेत अन्य किसी तरह की जानकारी को सार्वजनिक करना भी अनुशासनहीनता का परिचायक है. ऐसा करने से आम जनता के बीच पुलिस की छवि पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है. पुलिस की छवि खराब होती है.
ऐसे में ये आदेश दिया जाता है कि सारे पुलिस पदाधिकारी और कर्मी को विशेष परिस्थिति को छोड़ कर ड्यूटी के दौरान मोबाईल और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण का प्रयोग नहीं करना है. उन्हें सोशल मीडिया पर अपने कर्त्तव्य से जुड़ी जानकारी या किसी तरह के हथियार, अपनी वर्दी समेत अन्य किसी तरह की जानकारी को सार्वजनिक नहीं करना है. आलाधिकारी इस संबंध में निर्देश जारी करें और इसका अनुपालन सुनिश्चित करायें. अगर कोई पुलिस पदाधिकारी या जवान इसका उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जाये.