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18-Feb-2023 03:52 PM
By First Bihar
PATNA: बिहार में तेजी से बढ़ रहे साइबर अपराध के मामलों को लेकर सरकार गंभीर हो गई है। साइबर अपराधी आम लोगों के साथ साथ सरकार के बड़े अधिकारियों को अपना निशाना बना रहे हैं। कोरोना काल के दौरान हुए डिजिटलाइजेशन ने साइबर अपराधों को और भी ज्यादा बढ़ावा दिया है। अब बिहार सरकार ने साइबर अपराधियों पर नकेल कसने के बड़ा फैसला लिया है। बिहार सरकार ने राज्यभर में 44 नए साइबर थाने को खोलने का निर्णय किया है।
सरकार बिहार के 38 जिलों के अलावा दो पुलिस जिला और चार रेल जिला में भी साइबर थाना खोलने जा रही है। बताया जा रहा है कि हर थाने में एसपी के स्तर पर एक-एक इंस्पेक्टर की नियुक्ति की जाएगी। साथ ही इन थानों के लिए पहली बार सरकार ने साइबर डीआईजी पद का भी सृजन किया है। इन साइबर थानों में केवल साइबर से जुड़े मामलों की शिकायत ही दर्ज होंगे। बिहार में तेजी से बढ़ रहे साइबर फ्रॉड पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने यह फैसला लिया है।
दरअसल, साइबर फ्रॉड से जुड़े मामले के लिए आर्थिक अपराध इकाई एक नोडल एजेंसी है। बिहार में किसी साइबर थाने की व्यवस्था नहीं होने के कारण सभी जिलों में 74 साइबर क्राइम एवं सीसीएसएमयू की स्थापना की गई थी, जो आर्थिक अपराध इकाई के अधीन है। सरकार ने अब इन्हीं सीसीएसएमयू को साइबर थाने में बदलने का फैसला लिया है। एडीजी जीएस गंगवार ने बताया कि, बड़े जिलों में तीन से चार सीसीएसएमयू वहीं छोटे जिलों में एक और दो सीसीएसएमयू कार्यरत हैं। अब जब 44 साइबर थाने खुल जाऐंगे तो लगभग 30 सीसीएसएमयू ही बचेंगे। बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 26 फरवरी को इन साइबर थानाओं का उद्घाटन करेंगे।