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03-Dec-2019 08:00 AM
PATNA: हैदराबाद में वेटनरी डॉक्टर के साथ गैंगरेप और निर्मम तरीके से हत्या ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है. रेप के गुनहगारों को सरेआम सूली पर लटकाने की मांग हो रही है. इस घटना के विरोध में सड़क से संसद तक लोगों का प्रदर्शन जारी है. आम लोगों ने के साथ नेताओं ने भी रेप के कानून और और अधिक कठोर बनाने की मांग की है. सोमवार को संसद में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी कहा कि सरकार इस मामले में कठोरतम कानून बनाने को तैयार है.
वहीं हैदराबाद की इस घटना से बिहार सरकार और बिहार पुलिस ने भी सबक ली है. रेप से जुड़े केस में अब बिहार में भी प्रभावी कानून अमल किया जाएगा. रेप के दोषियों को सजा दिलाने के मकसद से रेप से जुड़े मामलों का अधिकतम 10 महीने में निपटारा होगा. जांच और ट्रायल के लिए 2-2 महीने और अपील के लिए 6 महीने की समय सीमा है. इससे पहले अपराध विधि संसोधन अधिनियम 2018 राज्य में प्रभावी तरीके से लागू नहीं हो पा रहा था. इसलिए सीआईडी ने इस बारे में सभी महिला थानों के थानाध्यक्षों को विशेष गाइडलाइन्स जारी किये हैं.
इस एक्ट में रेप से संबंधित कानून में बदलाव किए गए हैं. खासकर जांच, ट्रायल से लेकर अपील तक के लिए अधिकतम समय सीमा निर्धारित किया गया है. इसे लेकर सोमवार को पुलिस मुख्यालय में सीआईडी की एक बैठक की गई. जिसमें सीआईडी के एडीजी विनय कुमार और अन्य अधिकारियों ने महिला थानाध्यक्षों को विशेष गाइडलाइन्स जारी किये. इस बैठक में सभी जिलों से आई 40 से अधिक महिला थानेदार भी शामिल हुई.