गिरिडीह में निःशुल्क स्वास्थ्य जाँच शिविर का आयोजन, 400 से अधिक लोगों का इलाज 23 दिसंबर को पटना में नितिन नवीन का रोड शो, घर से बाहर निकलने से पहले जान लीजिए रूट चार्ट VB-G RAM G Act: ‘विकसित भारत- जी राम जी’ बिल को राष्ट्रपति की मिली मंजूरी, अब मजदूरों को 125 दिनों का रोजगार VB-G RAM G Act: ‘विकसित भारत- जी राम जी’ बिल को राष्ट्रपति की मिली मंजूरी, अब मजदूरों को 125 दिनों का रोजगार गोल प्रतिभा खोज परीक्षा 2025: छात्रों की प्रतिभा को पहचानने और मार्गदर्शन देने का भरोसेमंद मंच बिहार के मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत के गृह जिले का हाल देखिये, टॉर्च की रोशनी में हुआ मरीज का इलाज, वीडियो हो गया वायरल नए साल के जश्न की तैयारी में बिहार के माफिया: पटना में सरकार की नाक के नीचे चल रही थी नकली शराब फैक्ट्री; ऐसे हुआ खुलासा नए साल के जश्न की तैयारी में बिहार के माफिया: पटना में सरकार की नाक के नीचे चल रही थी नकली शराब फैक्ट्री; ऐसे हुआ खुलासा पटना के सचिवालय थाना क्षेत्र में अवैध शराब तस्करी का भंडाफोड़, धंधेबाज भी गिरफ्तार मांझी ने खुले मंच से बेटे को समझाया: BJP ने बेईमानी की है, अब इंकलाब जिंदाबाद करने के लिए तैयार होइये, मैं भी मंत्री की कुर्सी छोड़ूंगा
19-Feb-2020 07:26 AM
By Rahul Singh
PATNA : बिहार के ऊर्जा मंत्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर कहा है कि बिहार में बिजली का निजीकरण नहीं होगा.
ऊर्जा मंत्री ने सरकार को दो टूक कहा है कि सरकारी बिजली कंपनियों का काम राज्य में असाधारण और उत्साहवर्धक रहा है. इसलिए निजीकरण के बजाए देश के दूसरे राज्य बिहार की बिजली कंपनी का अनुसरण करें. वहीं ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने ऊर्जा मंत्रालय के अपर सचिव को पत्र लिखकर खुद को उस कमेटी से सदस्य के तौर पर बाहर करने को कहा है जो बिजली कंपनियों के निजीकरण के लिए बनी है.
बता दें कि बिहार के ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र यादव ने 13 फरवरी को केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह को पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने कहा है कि देश में प्रयोग के तौर पर निजी कंपनियों को बिजली आपूर्ति करने का जिम्मा दिया जा रहा था तो बिहार में भी गया, मुजफ्फरपुर व भागलपुर में भी इस पर काम हुआ. साल 2013 में तीनों शहरों में बिजली आपूर्ति का जिम्मा निजी एजेंसियों को दे दिया गया. लेकिन बिहार में यह प्रयोग पूरी तरह असफल रहा. तीनों शहरों में बिजली आपूर्ति बद से बदतर हो गई. किसी तरह की नई विद्युत संरचना का निर्माण भी निजी कंपनियों ने नहीं किया. बाध्य होकर निजी कंपनियों के एकरारनामे को रद्द करना पड़ा. इससे साफ है कि बिहार में बिजली के क्षेत्र में सरकारी कंपनियों की ओर से किए जा रहे कार्य सराहनीय, असाधारण व उत्साहवर्धक साबित हो रहे हैं तो निजी क्षेत्र के प्रयोग असफल रहे हैं. पहले भी बिहार ने साफ कर दिया था कि बिजली क्षेत्र में निजीकरण पर सरकार सहमत नहीं हैं.