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16-Feb-2023 07:21 AM
By First Bihar
PATNA : बिहार में फर्जी डिग्री के सहारे नियोजित शिक्षक की नौकरी लेने वालों की तत्काल गिरफ्तारी के आदेश जारी कर दिये गये हैं. निगरानी ब्यूरो ने सभी जिलों को निर्देश दिया जारी किया है कि वैसे सभी नियोजित शिक्षकों को गिरफ्तार किया जाये, जिनके खिलाफ एफआईआर दर्ज है. वहीं, जिनकी डिग्री का सत्यापन लंबित है, उनकी जांच भी जल्द पूरा कर लेने का निर्देश दिया गया है.
2400 से ज्यादा शिक्षक गिरफ्तार होंगे
बता दें कि बिहार में अब तक 2401 ऐसे शिक्षकों की पहचान हो चुकी है जिन्होंने फर्जी डिग्री के सहारे नौकरी हासिल की है. ऐसे लोगों के खिलाफ अब तक 1196 एफआईआर दर्ज करायी जा चुकी है. नियोजित शिक्षकों की नियुक्ति में जांच का सिलसिला 2015 से ही चल रहा है. लेकिन उनके खिलाफ क्या कार्रवाई हुई है इसकी खबर निगरानी ब्यूरो को नहीं है. निगरानी ब्यूरो को ही शिक्षकों की जांच का जिम्मा मिला था. अब निगरानी विभाग ने सभी जिला पुलिस से ये जानकारी मांगी है कि जिनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज हुई वैसे शिक्षक अभी कहां हैं. निगरानी ने ये भी पूछा है कि अब तक उनकी गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई है.
निगरानी विभाग के डीजी आलोक राज ने इस मामले को लेकर पुलिस मुख्यालय को भी पत्र लिखा है. राज्य के पुलिस मुख्यालय से ये अनुरोध किया गया है कि वह सभी जिला पुलिस को ये निर्देश जारी करे कि फर्जी डिग्री के सहारे नौकरी लेने के आरोपी शिक्षकों को जल्द गिरफ्तार किया जाये. बता दें कि पूरे बिहार में निगरानी ने जांच कर फर्जी सर्टिफिकेट पर बहाल शिक्षकों पर मुकदमा दर्ज कराया है. शिक्षकों की डिग्री जांचने की प्रक्रिया अब तक जारी है. लेकिन जिनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है वे गिरफ्तार हुए या नहीं इसकी कोई जानकारी निगरानी विभाग को नहीं है. ऐसे में निगरानी ने आदेश जारी कर तत्काल गिरफ्तारी शुरू करने को कहा है.
सबसे ज्यादा FIR नालंदा में
नियोजित शिक्षकों की जांच में अब तक 2401 शिक्षकों की डिग्री को जाली पाया गया है. उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करायी जा चुकी है. अब निगरानी विभाग के डीजी इस महीने के आखिरी सप्ताह में समीक्षा बैठक कर फर्जी शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की जानकारी लेंगे. निगरानी की जांच में बिहार के हर जिले में फर्जी शिक्षक पाये गये हैं. अब तक की जांच मेंऐसा कोई जिला नहीं हैं, जिसमें गड़बड़ी नहीं मिली है.
फर्जी शिक्षकों की जांच के बाद दर्ज एफआईआर की संख्या के लिहाज से सबसे ज्यादा फर्जीवाड़ा नालंदा में पकड़ा जा चुका है. अब तक वहां 79 एफआईआर दर्ज करायी जा चुकी है. उधर गया में 71 एफआईआर दर्ज करायी गयी है, जिसमें 218 शिक्षकों को आरोपी बनाया गया है. इसके अलावा में सारण में 170 फर्जी शिक्षक, मुंगेर में 142 फर्जी शिक्षक, जहानाबाद में 124, बेगूसराय में 136, भागलपुर में 113 , सुपौल में 104, बांका में 101, अरवल में 87 , नालंदा में 81, समस्तीपुर में 89 , जमुई में 81, पटना में 67 , पूर्णिया में 70, रोहतास में 74 , खगड़िया में 72 और गोपालगंज में 76 फर्जी शिक्षकों की पहचान हो चुकी है.
दो लाख शिक्षकों की जांच लंबित
खास बात ये भी है कि तकरीबन दो लाख शिक्षकों की डिग्री की जांच अधूरी है. बिहार विद्यालय परीक्षा समिति, सीबीएसई औऱ आईसीएसई बोर्ड के साथ साथ विश्वविद्यालयों में प्राथमिक शिक्षकों के दो लाख से ज्यादा सर्टिफिकेट जांच के लिए लंबित हैं. निगरानी विभाग के एक अधिकारी के मुताबिक अगर बोर्ड औऱ विश्वविद्यालयों से सारी रिपोर्ट आ जाती है तो फर्जी शिक्षकों की तादाद कई गुणा ज्यादा हो सकती है. उनसे आग्रह किया जा रहा है कि वे जल्द सर्टिफिकेट की जांच कर रिपोर्ट भेजे.
फर्जी शिक्षक बर्खास्त होंगे
राज्य सरकार पहले ही ये आदेश जारी कर चुकी है कि जिन शिक्षकों की डिग्री फर्जी पायी जाती है उन्हें तत्काल सेवा से हटा दिया जाये. शिक्षा विभाग के आदेश के मुताबिक जो भी शिक्षक निगरानी की जांच में गलत पाये जायेंगे या उनकी बहाली फर्जी प्रमाण-पत्र हुई पायी जाएगी, उन सबों को सेवा से बर्खास्त कर दिया जाएगा. विभाग ने ऐसे कुछ शिक्षकों पर कार्रवाई भी की है. बर्खास्त किये गये शिक्षकों ने कोर्ट में याचिका भी दायर कर रखी है इसमें कुछ मामले कोर्ट में भी चल रहे हैं।
इस बारे में निगरानी ब्यूरो के डीजी आलोक राज ने मीडिया को बताया कि सभी जिलों को आदेश दिया गया है कि फर्जीवाड़े में नामजद शिक्षकों को गिरफ्तार कर सख्त कार्रवाई करें. उनसे इसकी अपडेट रिपोर्ट भी मांगी गई है. पुलिस मुख्यालय को भी पत्र लिखकर सभी जिलों को ऐसे शिक्षकों पर कार्रवाई करने से का आदेश जारी करने का अनुरोध किया गया है.