Bihar News: नक्सलवाद के खिलाफ बिहार पुलिस की बड़ी सफलता, तीन इनामी नक्सलियों ने DGP के सामने किया सरेंडर

Bihar News: मुंगेर में तीन इनामी नक्सली ने आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौटने का फैसला किया, भारी हथियार और गोला-बारूद पुलिस के समक्ष जमा किए गए।

1st Bihar Published by: FIRST BIHAR Updated Sun, 28 Dec 2025 03:15:39 PM IST

Bihar News

- फ़ोटो Reporter

Bihar News: मुंगेर से बड़ी खबर सामने आई है, जहां बिहार में नक्सलवाद के खिलाफ चल रही लड़ाई में महत्वपूर्ण सफलता मिली है। बिहार के डीजीपी विनय कुमार और एडीजी लॉ एंड ऑर्डर कुंदन कृष्णन के समक्ष तीन इनामी नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौटने का फैसला किया।


आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में 3-3 लाख रुपये के इनामी नारायण कोड़ा, बहादुर कोड़ा और दस्ता सदस्य बिनोद कोड़ा शामिल हैं। उन्होंने पुलिस के समक्ष भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद भी प्रस्तुत किया। सरकार की आत्मसमर्पण-सह-पुनर्वास नीति, सुरक्षा बलों के लगातार अभियान और जनसहयोग के कारण यह सफलता हासिल हुई। 


आत्मसमर्पण कार्यक्रम मुंगेर जिले के खड़गपुर थाना क्षेत्र स्थित आरएसके कॉलेज परिसर में आयोजित किया गया। इस दौरान बिहार के डीजीपी विनय कुमार, एडीजी लॉ एंड ऑर्डर कुंदन कृष्णन, एसटीएफ एसपी संजय सिंह समेत कई वरिष्ठ पुलिस अधिकारी और बड़ी संख्या में स्थानीय लोग उपस्थित रहे।


सरेंडर करने वाले नक्सली विभिन्न नक्सली कांडों में शामिल रहे हैं। नारायण कोड़ा 23, बहादुर कोड़ा 24 और बिनोद कोड़ा 3 नक्सली कांडों में फरार थे। कार्यक्रम में पूर्व में आत्मसमर्पण कर चुके नक्सली रावण कोड़ा और भोला कोड़ा के परिजन भी मौजूद रहे। अधिकारियों ने नक्सलियों के परिवारों को सम्मानित किया।


आत्मसमर्पण के दौरान नक्सलियों ने दो इंसास राइफल, चार एसएलआर राइफल, लगभग 500 चक्र कारतूस और 10 वॉकी-टॉकी पुलिस के समक्ष जमा किए। आत्मसमर्पण के बाद बिहार सरकार और मुंगेर जिला प्रशासन की ओर से इन नक्सलियों और उनके परिवारों को पुनर्वास नीति के तहत विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ प्रदान किया जाएगा। 


बिहार डीजीपी विनय कुमार ने बताया कि बिहार में दशकों से उग्रवाद एक बड़ी समस्या रहा है। मुंगेर सहित कई जिले इससे प्रभावित थे, लेकिन विकास योजनाओं और प्रशासनिक प्रयासों से लोगों को मुख्यधारा से जोड़ा गया है। इसका नतीजा है कि नक्सलवाद का प्रभाव तेजी से घट रहा है और लोग हिंसा छोड़कर विकास की ओर बढ़ रहे हैं।