Bihar Election 2025: बिहार चुनाव बना वैश्विक लोकतंत्र की सीख का केंद्र, इतने देशों के अधिकारी पहुंचे पटना; EVM सेंटर से पोलिंग बूथ तक लेंगे जानकारी Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का पहला चरण: 18 जिलों की 121 सीटों पर कल पड़ेगा वोट, 3.75 करोड़ मतदाता करेंगे इतने उम्मीदवारों का फैसला Kartik Purnima 2025: आज है कार्तिक पूर्णिमा, जानिए स्नान-दान और देव दिपावली का महत्व गया जी में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा का रोड शो, डॉ. प्रेम कुमार के समर्थन में मांगा वोट Bihar Election 2025: 6 नवंबर को महिलाओं के बैंक खातों में 10-10 हजार भेजने पर कांग्रेस ने जताई आपत्ति, चुनाव आयोग से की शिकायत Bihar Election 2025: 6 नवंबर को महिलाओं के बैंक खातों में 10-10 हजार भेजने पर कांग्रेस ने जताई आपत्ति, चुनाव आयोग से की शिकायत Bihar Election 2025: बिहार वोटिंग से पहले पुलिस का बड़ा एक्शन, हथियार और गहनों के साथ 23 लाख कैश बरामद Bihar Election 2025: बिहार वोटिंग से पहले पुलिस का बड़ा एक्शन, हथियार और गहनों के साथ 23 लाख कैश बरामद Bihar Election 2025: मुजफ्फरपुर में चिराग पासवान की रैली में भारी हंगामा, देरी से पहुंचने पर लोगों ने किया बवाल, फेंकी कुर्सियां Bihar Election 2025: मुजफ्फरपुर में चिराग पासवान की रैली में भारी हंगामा, देरी से पहुंचने पर लोगों ने किया बवाल, फेंकी कुर्सियां
15-Feb-2023 03:17 PM
By mritunjay
ARWAL: बिहार के अरवल में मैट्रिक परीक्षा के दौरान छात्र को शौचालय में बंधक बनाने का मामला सामने आया है। घटना करपी प्रखंड के इंटर स्तरीय उच्च विद्यालय करपी परीक्षा केंद्र की है। जहां परीक्षा के पहले दिन दूसरी पाली में परीक्षार्थियों को शौचालय में 6 घंटे तक बंधक बनाया गया। वही अरवल बालिका उच्च विद्यालय में एक छात्रा को फर्जी छात्र बताकर परीक्षा से वंचित कर दिया गया। विद्यालय में तैनात मजिस्ट्रेट के द्वारा छात्रों की जांच की जा रही थी। इसी दौरान मजिस्ट्रेट ने छात्र को स्कॉलर बताकर उसे परीक्षा हॉल से बाहर निकाला और शौचालय में बंद कर दिया। छात्र ने अपना आधार कार्ड और एडमिट कार्ड दिखाया लेकिन मजिस्ट्रेट ने उसकी एक न सुनी और शाम 7 बजे तक शौचालय में ही बंद रखा। जिसके बाद परीक्षा समाप्त होते ही छात्र के परिजन ढूंढने लगे काफी देर बाद जब बाहर निकला तो छात्र ने पूरे घटना की आपबीती सुनाई जिसके बाद परिजनों में कोहराम मच गया।
मजिस्ट्रेट की मनमानी के कारण छात्रों का भविष्य अधर में लटक गया छात्र ने बताया कि उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया कई बार एडमिट कार्ड और आधार कार्ड दिखाते रहा लेकिन उसे परीक्षा हॉल से बाहर कर दिया गया। दरअसल शहर तेलपा का रहने वाला नीतीश कुमार परीक्षा देने के लिए करपी हाईस्कूल परीक्षा केंद्र पर पहुंचा था परीक्षा शुरू होने से पहले उसे परीक्षा हॉल में प्रवेश कराया गया आधे घंटे तक छात्र परीक्षा दिया इसके बाद मजिस्ट्रेट जांच करने पहुंचे जांच के दौरान एक शिक्षक उसके साथ मौजूद थे जिन्होंने कहा कि छात्र फर्जी है जिसके बाद मजिस्ट्रेट ने छात्र को उठाया और शौचालय में बंद कर दिया। शौचालय के अंदर से छात्र चीखते चिल्लाते रहे लेकिन किसी ने उसकी मदद नहीं की। घटना की जानकारी मिलने के बाद परिजन सुबह करपी थाना पहुंचे और मजिस्ट्रेट के खिलाफ मामला दर्ज कराने की गुहार लगाई लेकिन थाना अध्यक्ष ने परिजनों को डीएम से मिलने की बात कही जिसके बाद परिजन छात्रों को लेकर डीएम से मिलने समाहरणालय पहुंचे। हालांकि डीएम से परिजनों की मुलाकात नहीं हो पाई लेकिन परिजनों ने स्थापना शाखा में आवेदन दिया है।
मजिस्ट्रेट के द्वारा मैट्रिक परीक्षा में मजिस्ट्रेट की मनमानी से 4 मासूम बच्चे 6 घंटे तक शौचालय में चीखते चिल्लाते रहे अपनी भविष्य की गुहार लगाते रहे लेकिन छात्रों की पीड़ा ना तो सेंटर में तैनात केंद्र अधीक्षक समझ पाए और ना ही मजिस्ट्रेट इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि बच्चों को जब शाम 7:00 बजे शौचालय के दरवाजा खोलकर बाहर निकाला गया होगा तो उनकी स्थिति कैसी होगी। ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि क्या मजिस्ट्रेट किसने अधिकार दिया कि छात्रों को शौचालय में बंधक बनाया जाए।