ब्रेकिंग न्यूज़

Makar Sankranti 2026: मकर संक्रांति पर बन रहे दो दुर्लभ संयोग, शुभ मुहूर्त में जरूर करें यह काम Makar Sankranti 2026: मकर संक्रांति पर बन रहे दो दुर्लभ संयोग, शुभ मुहूर्त में जरूर करें यह काम BSF Recruitment: BSF में इतने पदों पर निकली भर्ती, ऐसे करें आवेदन; जानिए.. कब है लास्ट डेट? BSF Recruitment: BSF में इतने पदों पर निकली भर्ती, ऐसे करें आवेदन; जानिए.. कब है लास्ट डेट? Bihar Education News: बिहार में शिक्षकों के ट्रांसफर-पोस्टिंग पर आया बड़ा अपडेट, क्या बोले शिक्षा मंत्री सुनील कुमार? Bihar Education News: बिहार में शिक्षकों के ट्रांसफर-पोस्टिंग पर आया बड़ा अपडेट, क्या बोले शिक्षा मंत्री सुनील कुमार? Bihar Bhumi: बिहार में दूर होगी जमीन से जुड़ी हर समस्या, दाखिल खारिज को लेकर विभाग ने दिए सख्त निर्देश Bihar Bhumi: बिहार में दूर होगी जमीन से जुड़ी हर समस्या, दाखिल खारिज को लेकर विभाग ने दिए सख्त निर्देश राज्यसभा सीट पर अड़े जीतनराम मांझी, जहानाबाद में बोले..अमित शाह ने वादा नहीं निभाया Bihar Crime News: बिहार में युवक को सरेआम मारी गोली, आपसी रंजिश में वारदात को अंजाम देने की आशंका

बिहार के 65 BDO पर कार्रवाई : दो अफसर सस्पेंड, कई अधिकारियों के वेतन वृद्धि पर रोक

 बिहार के 65 BDO पर कार्रवाई : दो अफसर सस्पेंड, कई अधिकारियों के वेतन वृद्धि पर रोक

16-Feb-2021 05:53 PM

PATNA : बिहार में अफसरशाही की कार्यशैली को लेकर खूब चर्चा होती है. पुलिस विभाग हो या प्रशासनिक महकमा, अपनी कारगुजारियों को लेकर ये अक्सर सुर्ख़ियों में ही रहते हैं. पुलिस अफसरों की कोताही और प्रशासनिक अफसरों की लापरवाही की काफी चर्चाएं होती रहती हैं. कुछ लोग तो इसकी शिकायत भी करते हैं और कुछ लोग सिस्टम के सामने घुटने तक देते हैं. आज हम ग्रामीण विकास विभाग के बारे में चर्चा कर रहे हैं. दरअसल विभाग की ओर से एक साल में 65 BDO पर कार्रवाई की गई. लेकिन उन्हें जो सजा दी गई, उसके बारे में जानकार आप भी हैरान रह जायेंगे.


ग्रामीण विकास विभाग के पास साल भर के भीतर सैंकड़ों शिकायतें आईं. जांच हुई तो उसमें 65 आरोप आंशिक या पूरी तरह सही पाए गए. शिकायतें तरह-तरह की थीं. इसलिए सबको सजा भी अलग-अलग सुनाई गई. किसी को सस्पेंड किया गया तो किसी को सिर्फ चेतावनी देकर छोड़ दिया गया. किसी बीडीओ की निंदा हुई तो किसी के एक या दो वेतन वृद्धि पर रोक लगा दी गई.


अरवल के बीडीओ पर आरोप लगा कि सरौती पैक्स की सदस्यता के मामले में अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर आदेश दिया. जांच में सही पाए जाने पर उन्हें चेतावनी दी गई. औरंगाबाद के दाउदनगर के तत्कालीन बीडीओ अशोक प्रसाद ने पंचायत चुनाव में एक नाबालिग का नामिनेशन स्वीकार कर लिया. जिसके कारण उन्हें सिर्फ चेतावनी की सजा दी गई.


कुछ बीडीओ पर कड़ी कार्रवाई भी हुई है. लेकिन, उसमें ग्रामीण विकास विभाग की खास भूमिका नहीं है. त्रिवेणीगंज, सुपौल के तत्कालीन बीडीओ शैलेश कुमार केसरी रिश्वखोरी के मामले में दबोचे गए और उन्हें जेल भेजा गया. निलंबित हुए और विभाग ने उनका योगदान भी स्वीकार कर लिया. इनके ऊपर विभागीय कार्यवाही चल रही है. वैशाली जिले के महनार के तत्कालीन बीडीओ प्रमोद कुमार को रिश्वत के आरोप में जेल जाने के बाद ही निलंबित किया गया था. जेल से निकले तो निलंबन से भी मुक्त हो गए. ग्रामीण विकास विभाग के मुख्यालय में काम कर रहे हैं.


विजय कुमार सौरभ भागलपुर जिला के शाहपुर के बीडीओ थे. योजनाओं में लारपवाही बरतने का आरोप लगा. सजा के तौर पर उन्हें भी सिर्फ और सिर्फ चेतावनी ही दी गई. यही आरोप शंभूगंज, बांका की बीडीओ दीना मुर्मू पर लगा. सजा भी वही-चेतावनी ही दी गई. ग्रामीण विकास विभाग ने शिकायतों की जांच के बाद जारी अधिसूचना में आरोपों का जो ब्यौरा दिया है, उसका भाव यही है कि बीडीओ गांव और गरीबों से जुड़ी योजनाओं के कार्यान्वयन में खास दिलचस्पी नहीं दिखाते हैं. 


उदवंतनगर, भोजपुर के बीडीओ धर्मेंद्र कुमार सिंह पर लगे आरोपों की बानगी देखिए-मुख्यालय से अनाधिकृत रूप से अनुपस्थिति, वरीय पदाधिकारी के आदेश का उल्लंघन, स्वेच्छाचारिता, अनुशासनहीनता, प्रधानमंत्री आवास योजना के मार्गदर्शन का उल्लंघन और वित्तीय अनियमितता। इन आरोपों के जवाब को विभाग ने अस्वीकार कर दिया. सजा दी गई-दो वेतन वृद्धि पर रोक. हालांकि, इसमें सजा देने वालों का भी कसूर नहीं है. क्योंकि घोर लापरवाही के मामले में भी चेतावनी या निंदा से बड़ी सजा देने का प्रावधान नहीं है.