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22-Nov-2024 08:52 PM
By First Bihar
PATNA: बिहार में चल रहे जमीन सर्वे के बीच राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री दिलीप जायसवाल ने बड़ा एक्शन लिया है। उन्होंने भ्रष्टाचार और कार्य में लापरवाही बरतने वाले 189 अंचलाधिकारियों (CO) का वेतन रोक दिया है वही 12 सीओ को सस्पेंड कर दिया है।
राजस्व विभाग में पहली बार इतनी बड़ी कार्रवाई
राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री व बिहार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मंत्री दिलीप जायसवाल ने कहा कि देश की आजादी के बाद यह पहली बार है जब राजस्व विभाग में इतने बड़े पैमाने पर कार्रवाई की गई है। उन्होंने कहा कि जो भी अधिकारी जनता के साथ अन्याय करेंगे या भ्रष्टाचार में लिप्त होंगे, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि आने वाले समय में वह और भी सख्त कार्रवाई करेंगे। जमीन सर्वे के दौरान कई शिकायतें मिल रही थीं कि अंचलाधिकारी रैयतों को कागजात सही समय पर नहीं दे रहे हैं और भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। इन शिकायतों के आधार पर मंत्री ने यह कार्रवाई की है।
मेरी कलम से कोई नहीं बचने वाला: दिलीप जायसवाल
मंत्री दिलीप जायसवाल ने आगे कहा कि मैंने राजस्व विभाग के पदाधिकारी और कर्मचारियों को खुला संदेश दे दिया है कि यदि वो जनता के साथ अन्याय करेंगे, जनता के काम में देर करेंगे, भ्रष्टाचार का अगर खेल होगा तो दिलीप जायसवाल एक ऐसा मंत्री है कि मेरी कलम से कोई नहीं बचेगा। उन्होंने कहा कि ना मेरी नजर से कोई बचने वाला है और ना मेरी कलम से कोई बचाने वाला है। सबका दिन लिखा हुआ है। यमराज के यहां जैसे दिन लिखा रहता है उसी तरह सबका दिन लिखा हुआ है। कोई किसी को बचा नहीं पाएगा। आने वाले समय में मेरा विकराल रूप सामने आएगा। इसके अलावे विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार ने भी उन DCLR के खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं जो अपना काम समय से नहीं कर रहे हैं। यह एक्शन बिहार में जमीन से जुड़े मामलों में पारदर्शिता और जवाबदेही लाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इससे भ्रष्टाचार और लापरवाही करने वाले अधिकारियों में खौफ पैदा होगा। इससे आम लोगों को जमीन से जुड़ी समस्याओं का निराकरण जल्दी से होगा।
मुजफ्फरपुर में भी सीओ पर कार्रवाई
वही मुजफ्फरपुर के जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने जिले में भूमि से संबंधित मामलों के निपटारे में हो रही देरी पर नाराजगी व्यक्त की है। उन्होंने दाखिल-खारिज सहित अन्य राजस्व मामलों में लापरवाही बरतने वाले कई अधिकारियों को निलंबन की चेतावनी दी है।जिलाधिकारी ने सभी अंचलाधिकारियों और राजस्व अधिकारियों के साथ एक बैठक की। बैठक में दाखिल-खारिज, परिमार्जन प्लस, आधार सीडिंग आदि मामलों की समीक्षा की गई। पाया गया कि कई अंचलाधिकारी और राजस्व कर्मचारी इन मामलों को लंबित रख रहे हैं। विशेषकर दाखिल-खारिज के 50 से अधिक आवेदन 11 राजस्व कर्मचारियों के पास लंबित पाए गए। परिमार्जन प्लस के भी 200 से अधिक आवेदन लंबित थे। आधार सीडिंग में भी कई कर्मचारियों का प्रदर्शन खराब पाया गया।
वेतन रोका और मांगा स्पष्टीकरण
जिलाधिकारी ने इन मामलों में लापरवाही को गंभीरता से लिया। उन्होंने संबंधित अधिकारियों का वेतन रोका और उनसे स्पष्टीकरण मांगा। यदि एक सप्ताह के भीतर सुधार नहीं होता है तो इन अधिकारियों को निलंबित कर दिया जाएगा। जिलाधिकारी ने सभी अंचलाधिकारियों को दिसंबर तक सभी लंबित मामलों का निपटारा करने का निर्देश दिया है। कटरा, मोतीपुर, मीनापुर और कांटी के अंचलाधिकारी का वेतन रोका गया है और उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया है। कई राजस्व कर्मचारियों का भी वेतन रोका गया है। जिलाधिकारी ने सभी अधिकारियों को जनता की समस्याओं के प्रति संवेदनशील होने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने सभी को सरकारी प्रावधानों के अनुसार काम करने को कहा है। जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया है कि जो भी अधिकारी लापरवाही करेंगे, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। मुजफ्फरपुर जिला प्रशासन भूमि से संबंधित मामलों में पारदर्शिता और दक्षता लाने के लिए प्रतिबद्ध है। जिलाधिकारी के इस कड़े रुख से उम्मीद है कि जिले में भूमि से संबंधित समस्याओं का समाधान जल्द ही होगा।