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09-Feb-2022 09:05 AM
PATNA : भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों से घिरे मगध विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ राजेंद्र प्रसाद को लेकर राजभवन और सरकार आमने-सामने नजर आ रही है। विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ राजेंद्र प्रसाद के ऊपर जो आरोप लगे और स्पेशल विजिलेंस यूनिट ने जो कार्रवाई शुरू की उसे लेकर राजभवन ने आपत्ति जताई थी। इस कार्रवाई के बारे में राज्य सरकार को पत्र लिखते हुए कहा था कि इस मामले में जांच एजेंसी को कोई भी एक्शन लेने के पहले राजभवन से अनुमति लेनी चाहिए थी। माना जा रहा था कि यह मामला कहीं ना कहीं उलझ सकता है लेकिन राज्य सरकार ने इस मामले में एक्शन जारी रखने का फैसला किया है। कुलपति डॉ राजेंद्र प्रसाद के खिलाफ निगरानी की स्पेशल विजिलेंस यूनिट जो कार्रवाई कर रही है वह आगे भी जारी रहेगी।
सूत्रों की मानें तो राज्य सरकार राज भवन की तरफ से लेटर जारी होने के बावजूद इसे तरजीह नहीं दे रही है। राज्य सरकार की तरफ से राजभवन की तरफ से आपत्ति जताए जाने के बावजूद वीसी डॉ राजेंद्र प्रसाद के खिलाफ एक्शन जारी है। आरोपी कुलपति के खिलाफ एसयूवी ने अपनी जांच और तेज कर दी है। आय से अधिक संपत्ति और फर्जीवाड़े के मामले में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत उनके खिलाफ एक्शन लिया गया है और जानकार बताते हैं कि इस मामले में एक्शन के लिए किसी से अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं है। दरअसल राज्यपाल के प्रधान सचिव रॉबर्ट एल चोंग्थू 25 जनवरी को राज्य के मुख्य सचिव को एक पत्र लिखा था। पत्र में कहा गया था कि जिससे कानून के तहत वीसी डॉ राजेंद्र प्रसाद के खिलाफ एक्शन लिया जा रहा है। उस मामले में सक्षम प्राधिकार से अनुमति ली जानी चाहिए थी। इस अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन करने का आरोप भी लगाया गया था और इस पर राजभवन की तरफ से आपत्ति जताई गई थी।
आपको बता दें कि कॉपी घोटाला और पुस्तकों की खरीद में भ्रष्टाचार से जुड़े मामले को लेकर अब तक के विजिलेंस की स्पेशल यूनिट ने विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डॉ लाइब्रेरी इंचार्ज और हिंदी डिपार्टमेंट के हेड के अलावे वीसी के पिए और असिस्टेंट को गिरफ्तार किया है और उन्हें जेल भेजा जा चुका है। स्पेशल विजिलेंस यूनिट पिछले दिनों डॉ राजेंद्र प्रसाद से भी लंबी पूछताछ कर चुकी है। तकरीबन ₹300000000 की सरकारी राशि के दुरुपयोग का आरोप झेल रहे डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद के खिलाफ कभी भी बड़ा एक्शन लिया जा सकता है।