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27-Aug-2022 06:17 PM
PATNA: चैथे अनूप मास्टर कोर्स (एएमसी) 2022 का आयोजन पटना के होटल मौर्य में हुआ। दो दिवसीय आयोजित इस कार्यक्रम में देश और विदेश से हड्डी के डॉक्टर जुड़े और जोड़ प्रत्यारोपण के क्षेत्र में आए नए बदलाव की जानकारी हासिल की। इस मौके पर देश में पहली बार जोड़ प्रत्यारोपण की लाइव रोबोटिक सर्जरी भी देखने को मिली।
देश के प्रसिद्ध रोबोटिक सर्जन और अनूप इंस्टीट्यूट ऑफ आर्थोपेडिक्स पटना के डायरेक्टर डॉ आशीष सिंह, कोलकाता से आए डॉ संतोष कुमार, हैदराबाद से आए डॉ आदर्श अन्नप्रेडी इस दौरान लाइव सर्जरी किया। पटना के होटल मौर्य में इसका उद्घाटन पटना हाईकोर्ट के जस्टिस पार्थ सारथी ने किया।
इस कोर्स के बारे में जानकारी देते हुए डॉ आशीष सिंह ने बताया कि चैथा अनूप मास्टर्स कोर्स दो दिनों का अकादमिक कोर्स है। जिसे अनूप इंस्टीट्यूट ऑफ ऑर्थोपेडिक्स एंड रिहैबिलिटेशन और बिहार आर्थोपेडिक्स एसोसिएशन की ओर से करवाया जा रहा है। इन दो दिनों में देश और दुनिया के प्रसिद्ध जोड़ प्रत्यारोपण विशेषज्ञ इस क्षेत्र में आए नए अपडेट और लेटेस्ट टेक्नोलॉजी की जानकारी दी।
इसमें नामचीन विशेषज्ञों ने कूल्हे और घुटने से संबंधित बीमारियों, जोड़ो को बचाने के लिए नई तकनीकों का उपयोग करने और जोड़ प्रत्यारोपण में सटीकता प्राप्त करने पर जानकारी दी। होटल मौर्य में इस दौरान रोबोट मौजूद रहा। इसमें शामिल होने वाले डॉक्टरों को रोबोटिक तकनीक से होने वाली घुटने, कूल्हे आदि की लाइव सर्जरी को देखने का मौका मिला।
मौर्य होटल में रोबोट मौजूद रहा जिसे भी वे देख और समझ सके। इस दौरान विशेषज्ञों से अपने सवाल भी पूछ सकने का मौका मिला। मौर्य होटल में इस दौरान करीब 350 डॉक्टर मौजूद रहे। वहीं जर्मनी, यूनाइटेड किंगडम, दक्षिण अफ्रीका, सऊदी अरब समेत विभिन्न देशों के करीब 10,000 विदेशी डॉक्टर वर्चुअल रूप से जुड़े।
जोड़ प्रत्यारोपण की लेटेस्ट टेक्नोलॉजी की दी गई जानकारी। राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधियों की भागीदारी के साथ आयोजित हो रहे इस दो दिवसीय एएमसी 2022 में साइंटिफिक सेशन, लेक्चर और लाइव सर्जरी के साथ ही इंटरैक्टिव सत्र भी आयोजित हुआ। जोड़ प्रत्यारोपण के विश्व स्तरीय विशेषज्ञों ने इसमें अपने अनुभव साझा किए।
इसमें पटना के डॉ आर .एन .सिंह और डॉ आशीष सिंह जोड़ प्रत्यारोपण के क्षेत्र में आए नए बदलाव, मरीजों को जोड़ प्रत्यारोपण की जरूरत नहीं पड़े इसकी नई तकनीक और स्टेम सेल, बोन मैरो ट्रांसप्लांट जैसी नवीनतम तकनीक से मरीजों के इलाज की जानकारी दी।
इस कोर्स मरीजों को लाभ मिलेगा। डॉ. आशीष सिंह ने कहा कि इस कोर्स को करने के बाद सर्जनों को सर्जरी से जुड़ी तकनीकों, मरीज की संतुष्टि लेवल के साथ ही मरीज को दिए जाने वाले परामर्श कौशल को बेहतर करने में मदद मिलेगी। इसका लाभ रोगी और समाज को होगा। जोड़ प्रत्यारोपण सर्जरी के परिणाम में सुधार करने में मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा कि अनूप इंस्टीट्यूट ऑफ आर्थोपेडिक्स पटना और बिहार आर्थोपेडिक्स एसोसिएशन की ओर से संचालित यह कोर्स पेशेवर संबंधों को बेहतर बनाने में मदद करता है। जिसके परिणामस्वरूप सर्जनों के बीच बेहतर सहयोग होता है। चार मरीजों की निः शुल्क सर्जरी हुई। लाइव रोबोटिक सर्जरी में टोटल हिप रिप्लेसमेंट, टोटल नी रिप्लेसमेंट और हाफ नी रिप्लेसमेंट कर के दिखाया गया।
जिसमें अपोलो दिल्ली से आए डॉ यश गुलाटी ने हाफ नी रिप्लेसमेंट किया। पटना के डॉ आशीष सिंह ने हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी किया। कोलकाता से आए डॉ संतोष कुमार ने रिप्लेसमेंट सर्जरी की। वहीं हैदराबाद के डॉ आदर्श अन्नप्रेडी ने भी ज्वाइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी कर के दिखाया। चार मरीजों की सर्जरी इस दौरान निः शुल्क हुई।
बिहार ऑर्थोपेडिक एसोसिएशन के सहयोग और मार्गदर्शन में हुई। इस सीएमई को रॉयल कॉलेज ऑफ सर्जन एडिनबर्ग, इंग्लैंड से मान्यता प्राप्त है। बिहार मेडिकल काउंसिल द्वारा भी इसे मान्यता प्राप्त है। इसे रोबोटिक सर्जरी की विश्व की सबसे बड़ी संस्था C.A.O.S से भी मान्यता मिली हुई है। डॉक्टरों ने रोबोटिक सर्जरी की प्रैक्टिस भी की।इसमें कोलकाता, दिल्ली, हैदराबाद, चंडीगढ़, अहमदाबाद, वाराणसी, जयपुर आदि शहरों के आर्थोपेडिक्स सर्जन भी शामिल हुए।
इस कोर्स के दौरान भारत में पहली बार हैंड्स ऑन रोबोटिक वर्कशॉप में दुनिया की सबसे उन्नत रोबोटिक मशीन पर डॉक्टर ने जोड़ प्रत्यारोपण की प्रैक्टिस भी की। इसके लिए यहां नकली हड्डियां भी मौजूद थीं जिसपर डॉक्टर प्रैक्टिस कर सके। यह वर्कशॉप पीजी स्टूडेंट्स और 65 से अधिक उम्र के डॉक्टरों के लिए निः शुल्क था।
उन्होंने बताया कि इस दौरान व्याख्यान देने और लाइव सर्जरी करने वाले डॉक्टरों को प्रमाणपत्र भी दिया जाएगा। वहीं 27 अगस्त की शाम में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया। बिहार आर्थोपेडिक्स एसोसिएशन ने इसे सराहा।
पटना में हो रहे इस मेगा एकेडमिक इवेंट को लेकर बिहार आर्थोपेडिक्स एसोसिएशन और उसके प्रेसिडेंट डॉ भरत सिंह, सेक्रेटरी डॉ महेश प्रसाद ने डॉ आशीष सिंह को उनके परिश्रम के लिए सराहा और बधाई दी है। एसोसिएशन की ओर से कहा गया कि बिहार आर्थोपेडिक्स एसोसिएशन और अनूप इंस्टीट्यूट ऑफ आर्थोपेडिक्स का ये प्रयास आर्थोपेडिक्स की दुनियां में एक मील का पत्थर साबित होगा।