ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar Election 2025 : 14 पूर्व सांसद विधायक बनने के लिए मैदान में उतरे, जानिए किस पार्टी ने दिए सबसे ज्यादा टिकट; क्यों अपनाई यह रणनीति Bihar Election 2025 : वाह नेता जी वाह : चुनाव में बाजी मारने के लिए जनता के बीच घड़ी बंटवाने लगे मिथांचल वाले मंत्री जी ! अब आयोग लेगा एक्शन; क्या बढ़ जाएगी मुश्किलें ? Bihar News: बिहार में यहां 2 नई रेलवे लाइनें बिछाने की तैयारी, खर्च होंगे कुल ₹4879 करोड़ Bihar News: छठ में घर आना हुआ मुश्किल, ट्रेन में नहीं मिल रही सीट; जानिए रेलवे ने क्या कहा Bihar News: बिहार में इस ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट के लिए सरकार ने जारी किए ₹472 करोड़, स्थानीय लोगों में ख़ुशी की लहर Bihar Election 2025: पहले चरण में बाहुबलियों के साथ दिग्गजों के भी किस्मत का होगा फैसला, जानिए कितने प्रत्याशी मैदान में Bihar Election 2025: कुछ ने मैदान छोड़ा, तो कुछ ने बढ़ाई सियासी गर्मी; पहले चरण के अखाड़े में 121 सीटों पर इतने उम्मीदवार आजमाएंगे अपनी किस्मत केंद्र सरकार ने गैलेंट्री अवॉर्ड्स का किया ऐलान, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में बहादुरी दिखाने वाले सैनिकों को मिला वीर चक्र सम्मान कैमूर में आपसी विवाद में चली चाकू, 15 वर्षीय किशोर की इलाज के दौरान मौत बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री डॉ. श्रीकृष्ण सिंह की जयंती: युवा चेतना के राष्ट्रीय संयोजक बोले..‘श्रीबाबू में थी प्रधानमंत्री बनने की क्षमता’

बिहार में भी किसानों का प्रदर्शन, DM ऑफिस के बाहर धरने पर बैठे किसान

बिहार में भी किसानों का प्रदर्शन, DM ऑफिस के बाहर धरने पर बैठे किसान

27-Nov-2020 08:35 PM

By Jitendra Kumar

BEGUSARAI :  नए कृषि विधेयक को लेकर देशभर के किसानों में रोष का माहौल है. दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश में किसान सड़क पर उतरकर प्रदर्सन कर रहे हैं. केंद्र सरकार के इस नए विधेयक को लेकर बिहार के किसानों में भी काफी नाराजगी देखी जा रही है. अखिल भारतीय किसान समन्वय संघर्ष समिति के आह्वान पर शुक्रवार को बेगूसराय समाहरणालय के समक्ष धरना देकर किसान नेताओं ने सरकार द्वारा लागू किए गए नए विधेयक का जोरदार विरोध किया.


बेगूसराय जिले के समाहरणालय के दक्षिणी द्वार पर किसान कौंसिल जिलाध्यक्ष विद्यानंद यादव की अध्यक्षता में आयोजित धरना सभा को संबोधित करते हुए खेतिहर मजदूर यूनियन के प्रांतीय सचिव राम भजन सिंह ने कहा कि कृषि पर कॉर्पोरेट वर्चस्व खोपा जा रहा है. केंद्र सरकार देश में खाद्य असुरक्षा पैदा कर रही है. केंद्र सरकार द्वारा कृषि उपज वाणिज्य एवं व्यापार संवर्धन और सुविधा कानून, कृषि मूल्य आश्वासन बंदोबस्ती और सुरक्षा कानून, आवश्यक वस्तु अधिनियम तथा संशोधित बिजली बिल कानून को रद्द किया जाए. प्रखंड स्तरीय सरकारी कृषि उत्पादन क्रय केंद्र खोला जाए, इसको लेकर धरना प्रदर्शन किया जा रहा है.


ये चारों बिल किसानों के हित के खिलाफ है. इस बिल के जरिए किसानों का शोषण पहले की अपेक्षा और ज्यादा होगा और इस तथाकथित बिल के कारण किसान खेती छोड़ कर अपनी जमीन बेच कर भागने पर मजबूर होंगे. कृषि क्षेत्र कॉरपोरेट घराने का गुलाम बन जाएगा.


वक्ताओं ने कहा कि पांच सौ से अधिक किसान संगठनों का अखिल भारतीय किसान समन्वय संघर्ष समिति के आह्वान पर दिल्ली के आसपास के राज्यों के किसानों ने दिल्ली कूच किया तो उसके साथ बर्बरता की गई. यह सरकार हिटलर शाही कर रही है, हम किसानों का समर्थन करते हैं. इस किसान मजदूर विरोधी सरकार के खिलाफ हर स्तर पर आंदोलन किया जाएगा. हम अपने आंदोलन से सरकार को झुकने पर मजबूर कर देंगे.