ब्रेकिंग न्यूज़

पटना में नगर निगम की लापरवाही से खुला मेनहोल बना जानलेवा, नाले में गिरा बच्चा पहली उड़ान बनी आखिरी सफर, सऊदी नौकरी पर निकले युवक ने फ्लाइट में दम तोड़ा, विदेश में नौकरी का सपना रह गया अधूरा जमुई में नक्सलियों की बड़ी साजिश नाकाम, जंगल से 24 सिलेंडर बम बरामद भागलपुर-हंसडीहा मुख्य मार्ग पर भीषण सड़क हादसा, महिला की मौत, 6 की हालत गंभीर Patna News: पटना एयरपोर्ट के लिए जारी हुआ नया आदेश, उल्लंघन किया तो होगी कड़ी कार्रवाई बेगूसराय में टला बड़ा हादसा: चलती ट्रेन के इंजन में लगी आग, यात्रियों ने कूदकर बचायी अपनी जान गांधी सेतु पर ट्रक और पिलर के बीच फंसा बाइक सवार, ट्रैफिक पुलिस ने किया रेस्क्यू AI in election: AI की चालबाज़ी से उलझे बिहार के वोटर! फर्जी कॉल्स-Deepfake से फैला भ्रम, अब चुनाव आयोग कसेगा शिकंजा! प्यार के लिए लड़का बना लड़की, अब पति किन्नर से शादी की जिद पर अड़ा Bihar politics : तेजस्वी ने किया 'महिला संवाद' पर हमला, जदयू का पलटवार...क्या महिलाओं की तरक्की से डरते हैं नेता प्रतिपक्ष?

ashtami 2024 date and time : 10 या 11 अक्टूबर, कब है अष्टमी? यहां पढ़ें सही डेट और पूजा का शुभ मुहूर्त

ashtami 2024 date and time : 10 या 11 अक्टूबर, कब है अष्टमी? यहां पढ़ें सही डेट और पूजा का शुभ मुहूर्त

09-Oct-2024 09:08 AM

PATNA : सनातन धर्म में शारदीय नवरात्र का विशेष महत्व है। इस दौरान मां दुर्गा की विधि-विधान से पूजा की जाती है। इसके साथ ही मां दुर्गा का व्रत रखा जाता है। इस व्रत को रखने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। ज्योतिषियों की मानें तो इस बार अष्टमी तिथि पर शिववास योग का निर्माण हो रहा है। ऐसे में लोगों के अंदर इसको लेकर दुविधा है की इस बार अष्टमी तिथि कब है। 


दरअसल, हर वर्ष आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से लेकर नवमी तिथि तक शारदीय नवरात्र मनाया जाता है। इस वर्ष 03 अक्टूबर से लेकर 11 अक्टूबर तक शारदीय नवरात्र है। हर वर्ष की भांति सप्तमी तिथि के अगले दिन अष्टमी मनाई जाएगी। हालांकि, अष्टमी तिथि को लेकर साधक दुविधा में है। आइए, शारदीय नवरात्र की अष्टमी तिथि की सही डेट एवं शुभ मुहूर्त जानते हैं-


इस बार आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि 10 अक्टूबर को भारतीय समयानुसार दोपहर 12 बजकर 31 मिनट पर शुरू होगी और 11 अक्टूबर को दोपहर 12 बजकर 06 मिनट पर समाप्त होगी। इसके बाद नवमी तिथि शुरू होगी। इसका अर्थ है कि अष्टमी तिथि 10 तारीख को ही है। लेकिन आप 11 तारीख को अष्टमी तिथि की पूजा कर सकते हैं। इसके बाद नवमी तिथि बीतेगा जो 12 अक्टूबर को दोपहर में खत्म होगा और इसके बाद दसवीं तिथि की पूजन की जाएगी।


पंडितों एवं धर्म जानकारों की मानें तो शारदीय नवरात्र के दौरान मां दुर्गा की पूजा निशा काल में होती है। शारदीय नवरात्र की सप्तमी तिथि मां काली को समर्पित है। इस तिथि पर मां कालरात्रि की पूजा की जाती है। एक ही तिथि पर सप्तमी-अष्टमी पड़ने पर अष्टमी व्रत मां कालरात्रि को समर्पित तिथि पर नहीं किया जाता है। इसके अगले दिन अष्टमी का व्रत रखा जाता है। इसके लिए अष्टमी व्रत 11 अक्टूबर को रखा जाएगा। वहीं, नवमी पूजन एवं हवन भी 11 अक्टूबर को किया जाएगा। साधक 12 अक्टूबर को व्रत का पारण कर सकते हैं।