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12-Apr-2022 09:10 AM
PATNA : खरमास की बाधा 14 अप्रैल को समाप्त हो जाएगी. इसके साथ ही शादी-विवाह पर एक महीने से लगी रोक भी हट जाएगी. 14 अप्रैल को सूर्य के राशि परिवर्तन के साथ ही खरमास उतर जाएगा और शुभ और मांगलिक कार्यों पर लगा ब्रेक हट जाएगा. इसके बाद शादी विवाह, जनेऊ, मुंडन, गृहप्रवेश, भूमि पूजन जैसे शुभ कार्य शुरू हो जाएंगे. ज्योतिषाचार्यों के अनुसार 14 अप्रैल से 8 जुलाई तक मिथिला पंचांग में 38 और बनारसी पंचांग के अनुसार 46 लग्न मुहूर्त हैं.
शादी के शुभ लग्न और मुहूर्त निर्णय के लिए वृष, मिथुन, कन्या, तुला, धनु और मीन लग्न में से किसी एक का होना जरूरी है. वहीं नक्षत्रों में से अश्विनी, रेवती, रोहिणी, मृगशिरा, मूल, मघा, चित्रा, स्वाति, श्रवणा, हस्त, अनुराधा, उत्तरा फाल्गुन, उत्तरा भद्रा व उत्तरा, आषाढ़ में किसी एक का रहना जरूरी है.
अति उत्तम मुहूर्त के लिए रोहिणी, मृगशिरा या हस्त नक्षत्र में से किसी एक की उपस्थिति जरूरी है. यदि वर और कन्या दोनों का जन्म ज्येष्ठ मास में हुआ हो, तो उनका विवाह ज्येष्ठ में नहीं होगा. तीन ज्येष्ठ होने पर विषम योग बनता है और ये वैवाहिक लग्न में निषेध है.
आठ जुलाई के बाद चार्तुमास लगने के दौरान चार महीनों तक मांगलिक कार्यो पर विराम लग जाएगा. मिथिला पंचांग के अनुसार अप्रैल माह में आठ दिन, मई महीने में 12 दिन, जून महीने में 11 दिन एवं जुलाई महीने में चार दिन हैं. वहीं बनारस पंचांग के अनुसार अप्रैल माह में 11 दिन, मई में 16 दिन, जून माह में 15 दिन एवं जुलाई माह में चार दिन विवाह के शुभ लग्न हैं.