Bihar Election 2025: ‘तीन बंदर आए हैं, पप्पू, टप्पू और अप्पू’ सीएम योगी आदित्यनाथ का महागठबंधन पर तंज Bihar Election 2025: ‘तीन बंदर आए हैं, पप्पू, टप्पू और अप्पू’ सीएम योगी आदित्यनाथ का महागठबंधन पर तंज Indian Rupee Weak: अमेरिकी डॉलर के मुकाबले धराशायी हुआ रुपया, जानिए गिरावट की बड़ी वजह ED Action: अनिल अंबानी के खिलाफ ED की बड़ी कार्रवाई, रिलायंस ग्रुप की 3,084 करोड़ से अधिक की संपत्तियां अटैच ED Action: अनिल अंबानी के खिलाफ ED की बड़ी कार्रवाई, रिलायंस ग्रुप की 3,084 करोड़ से अधिक की संपत्तियां अटैच Patna News: पटना मेट्रो प्रोजेक्ट ऑफिस में लगी भीषण आग, कई दस्तावेज जलकर हुए खाक; शॉर्ट सर्किट की आशंका Bus Accident: भीषण सड़क हादसे में बस सवार 20 लोगों की दर्दनाक मौत, मुख्यमंत्री ने जताया शोक; अधिकारियों को दिए निर्देश Bus Accident: भीषण सड़क हादसे में बस सवार 20 लोगों की दर्दनाक मौत, मुख्यमंत्री ने जताया शोक; अधिकारियों को दिए निर्देश Bihar Assembly Election : 'हर एक व्यक्ति अनंत सिंह बनकर चुनाव लड़े ...', अनंत सिंह के जेल जाने के बाद मोकामा में बोले ललन सिंह -अब कमान हमारे हाथ है Bihar Election 2025: एक कदम से चुके 18 रणबाकुरों की हो रही अग्निपरीक्षा, दांव पर खुद का भी कद; क्या कर पाएंगे किला फतह
22-Sep-2020 03:25 PM
DESK : एक महिला 30 साल की उम्र में अपने 6 बच्चों और पति को छोड़कर प्रेमी के साथ भाग गई थी. घरवालों ने बहुत खोजा पर वह कहीं नहीं मिली. बिना मां के बच्चे को किसी तरह पिता ने पाला और बहुत कष्ट सहा.
अब महिला 25 साल बाद 55 की उम्र में अपने पति और बच्चों के पास वापस लौटी. इस कहानी में सबसे खास बात यह है कि पति और बच्चों ने उसे स्वीकार भी कर लिया. मामला गढ़वा के केतार थाना इलाके के जोगियाबीर गांव की है. जहां 25 साल पहले अपने प्रेमी के साथ भाग गई महिला अपने घर लौट आई. अब उसके प्रेमी की भी मौत हो गई है.जब वह घर लौटी तो पहले तो पति और बेटों ने अपनाने से इनकार कर दिया, पर गांव के लोगों के हस्तक्षेप के बाद उसे परिवार ने अपना लिया. 25 साल बाद घर लौटी महिला ने जब अपने बेटा, बहू, पोतों व परपोतों से भरापूरा घर देखा तो रोने लगी.
परिजनों ने बताया कि यशोदा देवी 25 साल पहले करीब 30 साल की थी. उसके छह बेटे थे. इसी दौरान उसने उसका प्रेम प्रसंग छाताकुंड निवासी विश्वनाथ साह के साथ हो गया और महिला घर छोड़कर अपने प्रेमी के साथ फरार हो गई. वह छत्तीसगढ़ के सीतापुर जाकर अपने प्रेमी के साथ रहने लगी. 15 दिन पहले ही उसके प्रेमी विश्वनाथ की मौत हो गई, जिसके बाद विश्वनाथ के घर वालों ने उसे अपनाने से इनकार कर दिया. अकेली पड़ी महिला ने घर लौटने का निर्णय लिया और पति बच्चों के पास वापस आ गई. रविवार की रात नौ बजे महिला घर पहुंची तो सभी हैरान रह गए. बच्चों ने तो अपनी मां को पहचाना तक नहीं. परिवार ने बेरूखी दिखाते हुए उसे घर से बाहर निकाल दिया. पर वह कहीं नहीं गई. अगले दिन दोपहर तक दरवाजे पर खड़ी रही. यशोदा ने गांव के लोगों को बताया कि वह भले ही प्रेमी के साथ रह रही थी, पर अपने बेटों से लगातार संपर्क में थी. बेटों को जरूरत पड़ने पर आर्थिक मदद भी करती थी. उसके बाद गांव के लोगों के सामने बेटों ने भी मां से मिल रही मदद को स्वीकार किया. गांव के लोगों के समझाने के बाद परिजन उसे साथ रखने पर सहमत हो गए.अब महिला अपने पति और बच्चों के साथ रह रही है. महिला सात पोता, नौ पोती और तीन परपोतों को देखकर वह भावुक हो गई. बारी-बारी से गले लगाकर वह रोने लगी.