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01-Jun-2025 03:11 PM
By First Bihar
DESK: अक्सर आप देखते होंगे की काम के वक्त लोग मोबाइल पर बात करते हैं। जो कही से उचित नहीं है। चाहे वो पुलिस कर्मी हो या डॉक्टर हो या फिर कोई भी हो। यदि काम के वक्त कोई मोबाइल पर बात करें तो सावधान हो जाइए। क्योंकि तब उनका फोकस मोबाइल पर रहता है, ऐसे में लापरवाही की संभावना अधिक रहती है। पूरी ईमानदारी पूर्वक ड्यूटी का निर्वहन करने के लिए कही कही तो पुलिस कर्मियों पर कड़ाई भी बरती जाती है और जहां नहीं इस पर ध्यान नहीं दिया जाता वहां बड़ी घटनाएं लापरवाही के चलते हो जाती है। कभी-कभी तो पुलिस की गिरफ्त से अपराधी भी फरार हो जाता है। वही मोबाइल पर बात करने के दौरान इलाज के समय मरीज की जान पर भी बन जाती है। ऐसा ही एक मामला तमिलनाडु के वेल्लोर जिले के एक सरकारी हॉस्पिटल से सामने आई है जहां लापरवाही के कारण एक नवजात शिशु की उंगली कट गई।
इस घटना को जानने के बाद लोग भी हैरान रह गये। घटना 24 मई की है जब वेल्लोर के सरकारी अस्पताल में मल्लिपालपम निवासी विमलराज ने अपनी प्रेग्नेंट पत्नी निवेथा को एडमिट कराया था। जिसके कुछ ही घंटे बाद बेटे का जन्म हुआ। डॉक्टरों की माने तो नवजात शिशु के शरीर में शुगर की मात्रा कम थी। जिसके चलते उसे ग्लूकोज चढ़ाया जा रहा था। इसी दौरान नर्स ने ग्लूकोज की सुई देने के लिए टेप काटने के लिए कैंची का इस्तेमाल किया। इसी दौरान गलती से नवजात की उंगली ही काट दी।
आरोप है कि टेप काटने के दौरान नर्स मोबाइल पर बात कर रही थी। इस मामले में नर्स की लापरवाही साफ दिखाई दे रही है। यदि नर्स काम के वक्त मोबाइल पर बात नहीं करती तो यह घटना नहीं होती। इस घटना से परिजनों के बीच कोहराम मचा हुआ है। नवजात शिशु के पिता विमलराज ने इसे बड़ी लापरवाही करार दिया है। विमलराज ने बताया कि उनके नवजात शिशु की उंगली काटने के बाद उन्हें करीब दो घंटे तक बच्चे से मिलने नहीं दिया गया। उनका कहना था कि अस्पताल की नर्स की लापरवाही का खामियाजा उनके बच्चे को भुगतना पड़ गया। उन्होंने दोषी नर्स के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
वही मामला सामने आने के बाद अस्पताल प्रशासन में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में बेहतर इलाज के लिए नवजात शिशु को चेन्नई के स्टैनली अस्पताल रेफर कर दिया गया। जहां उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है। वही मामले को लेकर वेल्लोर की जिलाधिकारी सुब्बुलक्ष्मी भी हैरान हैं। उन्होंने इसकी जांच के आदेश दे दिए हैं। डीएम का कहना है कि यदि यह साबित होता है कि नवजात शिशु को ग्लूकोज चढ़ाने के दौरान नर्स फोन पर बात कर रही थी। उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।