Bihar News: बिहार में खुलेंगी इतनी PDS दुकानें, पटना समेत कई जिलों में डीलरशिप का मिलेगा मौका NHAI road work : बिहार के इन शहरों में जाने का है प्लान तो जरूर देख लें यह खबर, बदल गया ट्रैफिक रुट; इन रास्तों पर परिचालन बंद Bihar News: ‘10 हजार खर्च कर दिए, लौटाने के लिए पैसे नहीं’, पुरूषों ने महिला रोजगार योजना की राशि लौटाने से किया इनकार Bihar News: ‘10 हजार खर्च कर दिए, लौटाने के लिए पैसे नहीं’, पुरूषों ने महिला रोजगार योजना की राशि लौटाने से किया इनकार निगरानी का बड़ा एक्शन, भवन निर्माण विभाग के अधिकारी के ठिकानों पर छापेमारी; आय से अधिक संपति का मामला BJP President: आडवाणी और शाह के ग्रुप में इस तरह नितिन की हो सकती है एंट्री, अध्यक्ष बनते ही साथ में जुड़ जाएगा यह रिकॉर्ड Bihar Development Plan : इस तरह तैयार होगी बिहार की नई रूपरेखा, CM नीतीश कुमार ने ट्वीट कर बताया विकसित बिहार पूरा विजन; यह योजना होगा लागू Vande Bharat Sleeper Train: पटना से पहली बार शुरु होगी स्लीपर वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन, जान लें रुट और टाइमिंग VLTD mandatory in Bihar : बिहार सरकार का बड़ा फैसला, अब सभी गाड़ियों में लगाना होगा यह खास डिवाइस; एक बटन दबा कर हादसे में मिलेगी मदद Bihar News: बिहार में जीविका दीदियों के लिए बड़ी खुशखबरी, नीतीश सरकार करने जा रही ऐसा काम; हो जाएगी बल्ले-बल्ले
24-May-2025 02:34 PM
By First Bihar
UP: उत्तर प्रदेश के दीनी मदरसों में प्रवेश प्रक्रिया को अब और अधिक पारदर्शी और अनुशासित बनाया जा रहा है। जमीअत उलमा-ए-हिंद ने एक अहम फैसला लिया है। राज्य के अब किसी भी मदरसे में बच्चों को बिना आधार कार्ड के दाखिला नहीं मिलेगा। यह नियम केवल बच्चों पर लागू नहीं होगा बल्कि उनके अभिभावकों पर भी लागू होगा। मदरसा में प्रवेश के लिए अभिभावकों को भी आधार कार्ड के साथ-साथ शपथ पत्र दिखाना जरूरी होगा।
मदरसा में प्रवेश के समय हर बच्चे को आधार कार्ड अनिवार्य रूप से प्रस्तुत करना होगा। साथ ही बच्चे के अभिभावक का भी आधार कार्ड अनिवार्य होगा। अभिभावकों से एक शपथ पत्र भी लिया जाएगा जिसमें यह स्पष्ट रूप से लिखा होगा कि उन्होंने अपने बच्चे का दाखिला मदरसे में अपनी स्वेच्छा से कराया है और इस पर किसी प्रकार का दबाव नहीं है।
जमीअत उलमा के सेंट्रल जोन की दो दिवसीय बैठक में दीनी मदरसों की शिक्षा प्रणाली, आंतरिक व्यवस्था और प्रवेश प्रक्रिया में सुधार पर विस्तृत चर्चा की गई। इस बैठक में संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी भी शामिल हुए। प्रांतीय उपाध्यक्ष मौलाना अमीनुल हक अब्दुल्ला कासिमी ने जानकारी दी कि अब मदरसों की पारदर्शिता को बढ़ाने पर विशेष जोर दिया जा रहा है। हर प्रकार के दस्तावेज और प्रशासनिक कागजात को संभाल कर रखने की बात कही गयी।
यदि कोई छात्र किसी अन्य राज्य या जिले से आता है, तो उसके प्रवेश से पहले अतिरिक्त सत्यापन करना अनिवार्य होगा। ऐसे मामलों में मदरसा संचालकों को छात्र के निवास, पहचान और पारिवारिक पृष्ठभूमि की भी जांच करनी होगी। साथ ही इन छात्रों के अभिभावकों से भी शपथ पत्र लेना होगा।
मदरसों के संचालन के लिए अब उन्हें एक वैध सोसाइटी के तहत पंजीकृत कराना जरूरी होगा। कासिमी ने स्पष्ट किया कि चूंकि दीनी मदरसे "शिक्षा का अधिकार अधिनियम (RTE)" के तहत नहीं आते हैं, इसलिए मान्यता संबंधी किसी भी सवाल का जवाब सुप्रीम कोर्ट के संबंधित आदेशों और RTE कानून की प्रतियों के जरिए दिया जाएगा। इस उद्देश्य से सभी मदरसा संचालकों को एक विशेष किट दी गई है, जिसमें आरटीई एक्ट, सुप्रीम कोर्ट के निर्णय, और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी शामिल है, ताकि वे जरूरत पड़ने पर सटीक उत्तर दे सकें।
मदरसों में छात्रों की सुरक्षा पर विशेष रूप से ध्यान देने को कहा गया है। छात्रावास और रसोईघर की नियमित सफाई सुनिश्चित करने को कहा गया है। आग से सुरक्षा के लिए उचित अग्निशमन व्यवस्था हर हाल में करने को कहा गया है। सभी कर्मचारियों और स्टाफ को अग्निशमन प्रणालियों के संचालन का प्रशिक्षण देने को कहा गया है। यह पहल उत्तर प्रदेश के दीनी मदरसों में शिक्षा की गुणवत्ता, पारदर्शिता और सुरक्षा को बढ़ाने की दिशा में किया गया है। जमीअत उलमा-ए-हिंद का यह निर्णय मदरसों को एक सुदृढ़, जिम्मेदार और कानूनी ढांचे के तहत संचालित करने की दिशा में सहायक होगा। बच्चों को एक सुरक्षित और व्यवस्थित शैक्षणिक माहौल मिले यह सुनिश्चित किया गया है।