ब्रेकिंग न्यूज़

AIMIM में टिकट बंटवारे को लेकर बवाल, प्रदेश अध्यक्ष पर टिकट बेचने का गंभीर आरोप BIHAR ELECTION 2025: बेतिया में कांग्रेस के खिलाफ अल्पसंख्यक समुदाय का विरोध, टिकट बंटवारे में अनदेखी का आरोप BIHAR ELECTION 2025: बड़हरा से RJD ने रामबाबू सिंह पर जताया भरोसा, सिंबल मिलते ही क्षेत्र में जश्न Patna Crime News: बिहार में चुनावी तैयारियों के बीच पटना से JDU नेता अरेस्ट, इस मामले में हुई गिरफ्तारी Patna Crime News: बिहार में चुनावी तैयारियों के बीच पटना से JDU नेता अरेस्ट, इस मामले में हुई गिरफ्तारी Bihar Election 2025: पूर्व IPS शिवदीप लांडे ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर दाखिल किया नामांकन, बिहार चुनाव में दिखाएंगे ताकत Bihar Election 2025: पूर्व IPS शिवदीप लांडे ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर दाखिल किया नामांकन, बिहार चुनाव में दिखाएंगे ताकत Bihar Election 2025: बिहार की सभी सीटों पर चुनाव लड़ेगी राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी, RLJP चीफ पशुपति पारस का बड़ा एलान Bihar Election 2025: बिहार की सभी सीटों पर चुनाव लड़ेगी राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी, RLJP चीफ पशुपति पारस का बड़ा एलान Bihar Assembly Election : ऐसे होगी बुर्के-घूंघट वाली वोटर्स की पहचान, चलेगा टीएन शेषन वाला आदेश

Police Corruption : रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार हुए DIG , नकद बरामद; CBI ने लिया एक्शन

सीबीआई ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को 5 लाख रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया, कार्यालय और आवास पर छापेमारी, नकद और दस्तावेज बरामद।

Police Corruption : रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार हुए DIG , नकद बरामद; CBI ने लिया एक्शन

16-Oct-2025 04:33 PM

By First Bihar

Police Corruption : पुलिस महकमे में भ्रष्टाचार की कहानियां अक्सर सुर्खियों में रहती हैं। कई बार आम लोगों को शिकायत रहती है कि किसी भी मामले में मदद या सुविधा पाने के लिए उन्हें बड़ी रकम चुकानी पड़ती है। ऐसी चर्चाओं में अक्सर यह भी सामने आता है कि विभाग के काम के लिए एक फिक्स रेट चार्ट मौजूद होता है, जिसमें काम की प्रकृति और रकम का विवरण होता है। हालांकि, यह कहना भी गलत नहीं होगा कि कई जगह पुलिस अधिकारी पूरी ईमानदारी और निष्पक्षता के साथ अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करते हैं और आम जनता की मदद के लिए तत्पर रहते हैं।


हाल ही में इस प्रणाली से जुड़ा एक मामला सामने आया है, जिसमें एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को उच्च स्तरीय जांच एजेंसी ने गिरफ्तार किया। अधिकारी कई थानों और तहसीलों के कामकाज में शामिल थे और उनके खिलाफ लंबे समय से शिकायतें मिल रही थीं कि वह मामलों में राहत दिलाने के एवज में पैसे की मांग करते थे।


सूत्रों के अनुसार, वरिष्ठ अधिकारी को एक स्क्रैप कारोबारी ने 5 लाख रुपये रिश्वत देने के आरोप में फंसाया था। शिकायतकर्ता का आरोप था कि अधिकारी ने एक मामले को निपटाने के लिए बड़ी रकम की मांग की थी और पहली किस्त देने के लिए अपने कार्यालय बुलाया। इस सूचना के आधार पर जांच एजेंसी ने पहले से योजना बनाकर जाल बिछाया और ट्रैप ऑपरेशन को अंजाम दिया।


जैसे ही अधिकारी ने 5 लाख रुपये की रिश्वत ली, जांच टीम ने मौके पर धावा बोलकर उन्हें रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के दौरान अधिकारी के पास से नकदी के बंडल बरामद हुए। यह गिरफ्तारी वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और विभाग में काम करने वालों के लिए एक चेतावनी के रूप में देखी जा रही है।


गिरफ्तारी के बाद जांच टीम ने अधिकारी के कार्यालय और आवास पर भी छापेमारी की। एजेंसी को संदेह है कि वहां से भ्रष्टाचार से अर्जित संपत्ति और अन्य संबंधित दस्तावेज बरामद हो सकते हैं। वरिष्ठ जांच अधिकारी ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है और उससे पूछताछ जारी है।


इस गिरफ्तारी से पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया है। अधिकारी का ट्रैप ऑपरेशन के दौरान पकड़ा जाना और नकदी बरामद होना इस बात का सबूत है कि उच्च पदों पर बैठे लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई की जा सकती है। इस तरह की कार्रवाई सिस्टम में पारदर्शिता बढ़ाने और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।


वहीं, आम लोगों के लिए यह मामला यह संदेश देता है कि यदि वे किसी भी मामले में असमान व्यवहार या अनुचित धन की मांग का सामना करते हैं, तो उच्च स्तरीय जांच एजेंसियों से शिकायत दर्ज करवा सकते हैं। हाल के वर्षों में कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां जांच एजेंसियों ने वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई की है।


इस घटना ने यह भी दिखाया कि उच्च पदों पर बैठे लोग भी जांच एजेंसियों की सतर्कता से बच नहीं सकते। आरोपी अधिकारी के खिलाफ अब जांच आगे बढ़ाई जा रही है, और अधिकारी से पूछताछ के दौरान भ्रष्टाचार से संबंधित अन्य जानकारियों का भी पता लगाने की कोशिश की जा रही है। अब इस मामले की पूरी जांच निष्पक्ष तरीके से की जा रही है, ताकि किसी भी स्तर पर भ्रष्टाचार के लिए जिम्मेदार लोगों को जिम्मेदार ठहराया जा सके। इस प्रकार की कार्रवाइयां सिस्टम में पारदर्शिता लाने और आम जनता का भरोसा बनाए रखने के लिए जरूरी हैं।


इस पूरे मामले ने यह साबित कर दिया है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई केवल चेतावनी नहीं बल्कि प्रभावी कदम हो सकता है। जांच एजेंसी ने जिस योजना के तहत ट्रैप ऑपरेशन किया, वह उदाहरण पेश करती है कि किस तरह से शिकायतों और संदिग्ध गतिविधियों का गंभीरता से समाधान किया जा सकता है।


अभी मामले की जांच जारी है, और अधिकारी के खिलाफ आगे की कानूनी कार्रवाई की संभावना बनी हुई है। यह घटना न सिर्फ पुलिस विभाग बल्कि आम जनता और मीडिया के लिए भी एक महत्वपूर्ण संदेश है कि नियम और कानून के तहत किसी भी स्तर पर किए जाने वाले गलत काम को अनदेखा नहीं किया जाएगा।