vigilance bureau bihar : 5,000 रुपये रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार हुआ ASI, निगरानी ब्यूरो की बड़ी कार्रवाई Oscar Shortlist Homebound: ऑस्कर 2026 के लिए शॉर्टलिस्ट हुआ 'होमबाउंड', करण जौहर के लिए गर्व का पल Bihar IPL Cricketers: बिहार के क्रिकेटरों की धाक! IPL में ईशान किशन से लेकर वैभव सूर्यवंशी तक; यहां देखें पूरी लिस्ट IIMC Vacancy: भारतीय जन संचार संस्थान में नौकरी पाने का मिल रहा सुनहरा अवसर, योग्य अभ्यर्थी समय रहते करें आवेदन.. नितिन नबीन को राष्ट्रीय फलक पर लाना बिहार की युवा पीढ़ी का सम्मान: सम्राट चौधरी Bihar News: बिहार के इस ग्रीनफील्ड फोरलेन का काम समाप्ति की ओर, जमीन की कीमतों में भारी बढ़ोतरी से स्थानीय लोग उत्साहित Education Department : पति-पत्नी को एक साथ मिला जिला शिक्षा पदाधिकारी का नोटिस, जानिए क्या रही वजह Bihar Bhumi: बिहार के सभी ADM-DCLR और CO को पटना बुलाया गया, भू स्वामियों की सहूलियत को लेकर डिप्टी CM विजय सिन्हा की बड़ी पहल Dhurandhar OTT Release: थिएटर के बाद ओटीटी पर रिलीज के लिए तैयार है ‘धुरंधर’, जान लें डेट BIHAR SCHOOL NEWS : बिहार की शिक्षा व्यवस्था में बड़ा बदलाव, सरकारी स्कूलों की कमान अब कॉम्प्लेक्स रिसोर्स सेंटर के हाथ; जानिए क्या होगा फायदा
12-Jun-2025 11:16 AM
By First Bihar
PM Awas Yojana 2025: प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत इस बार राज्य के सभी जिलों में सर्वेक्षण कार्य संपन्न हो चुका है। खास बात यह रही कि इस बार ग्रामीणों को सेल्फ सर्वे का भी विकल्प दिया गया था, जिसमें लोग खुद मोबाइल ऐप के माध्यम से अपने आवास की स्थिति और व्यक्तिगत विवरण दर्ज कर सकते थे। इस पहल का उद्देश्य पारदर्शिता और सहभागिता को बढ़ावा देना था।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, विभिन्न प्रखंडों से कुल करीब 65 हजार लोगों ने ऐप के जरिए स्वयं अपना नाम सूची में जोड़ा। पूरे सर्वे में कुल 4.43 लाख नए लाभुकों के नाम जुड़े हैं, जिसमें ये 65 हजार सेल्फ सर्वे वाले शामिल हैं। इनमें से सबसे अधिक भागीदारी पारू प्रखंड में रही, जहाँ 9788 लोगों ने सेल्फ सर्वे किया, जबकि सबसे कम मुरौल प्रखंड में केवल 1034 लोगों ने इस प्रक्रिया में भाग लिया।
हालांकि, ग्रामीण विकास विभाग द्वारा जब इस सूची की प्रारंभिक जांच की गई, तो कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। जांच में पाया गया कि कई ऐसे लोगों ने भी आवेदन किया है जिनके पास पहले से पक्का मकान मौजूद है। ऐसे लाभार्थी योजना के मापदंडों के अनुसार अयोग्य हैं। अब इन सभी मामलों की भौतिक सत्यापन (फिजिकल वेरिफिकेशन) कराया जाएगा। सत्यापन के दौरान यदि कोई आवेदक अयोग्य पाया जाता है, तो उसका नाम लाभुक सूची से हटा दिया जाएगा।
विभागीय अधिकारियों के अनुसार, भौतिक जांच पूरी होने के बाद मुख्यालय स्तर से अंतिम सूची को मंजूरी दी जाएगी। इसके बाद ही जिलों को आवास निर्माण के लिए लक्ष्य (target allocation) दिया जाएगा। इस योजना के तहत तीन माह के भीतर आवास निर्माण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, ताकि पात्र लोगों को जल्द से जल्द लाभ मिल सके।
हालांकि, अब तक केंद्र या राज्य स्तर से आगे की प्रक्रिया के संबंध में कोई नई गाइडलाइन जारी नहीं की गई है। ऐसे में जिलों को फिलहाल निर्देश है कि वे प्राथमिक जांच और भौतिक सत्यापन की प्रक्रिया को गंभीरता से पूरा करें, जिससे पात्रता को लेकर किसी तरह की गड़बड़ी न हो।
यह सर्वे और सत्यापन प्रक्रिया इस बात की भी परीक्षा है कि तकनीक के साथ योजनाओं को जोड़ने पर कितनी पारदर्शिता आ सकती है, लेकिन साथ ही यह भी सुनिश्चित करना जरूरी है कि इसका दुरुपयोग न हो। विभागीय सूत्रों के अनुसार, सत्यापन के बाद लाभुकों की अंतिम सूची में कई हजार नामों को हटाया जा सकता है, जिससे केवल असली जरूरतमंदों को ही इस योजना का लाभ मिल सके।