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07-May-2025 12:59 PM
By FIRST BIHAR
Operation Sindoor: 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की जान चली गई थी। इस हमले के बाद पूरे देश में पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को लेकर आक्रोश था। हर कोई बदले की मांग कर रहा था। अब, हमले के 15 दिन बाद, भारत ने उसका जवाब ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जरिए दे दिया है।
6 मई की देर रात, भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर में स्थित 9 से अधिक आतंकी ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक कर उन्हें पूरी तरह तबाह कर दिया। इस कार्रवाई के दौरान बड़ी संख्या में आतंकियों के मारे जाने की खबर है। हमले के बाद पाकिस्तान की ओर से दुनिया के सामने झूठा विलाप शुरू हो गया, लेकिन भारत के विदेश मंत्रालय और सेना ने हर झूठ को तथ्यों के साथ खारिज कर दिया।
'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद सेना की पीसी
भारत ने 7 मई को एक आधिकारिक प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें विदेश सचिव विक्रम मिसरी, और दो महिला सैन्य अधिकारी, कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंहमौजूद थे। इन दोनों बहादुर महिला अधिकारियों ने दुनिया के सामने यह बताया कि भारत कैसे आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई कर रहा है।
कौन हैं विंग कमांडर व्योमिका सिंह?
विंग कमांडर व्योमिका सिंह 18 दिसंबर 2004 को भारतीय वायुसेना में कमीशन हुईं। 13 वर्षों की सेवा के बाद 2017 में विंग कमांडर बनीं। लड़ाकू हेलिकॉप्टरों जैसे चीता और चेतक उड़ाने में विशेषज्ञता उन्हें हासिल है। उन्हें हज़ारों घंटे की फ्लाइंग का अनुभव प्राप्त है। 2021 में माउंट मणिरंग पर महिला विंग के साथ चढ़ाई कर चुकी हैं। बचपन से ही एयरफोर्स में जाने का सपना, नाम के अर्थ "जो आसमान को मुट्ठी में ले" से प्रेरणा मिली।
कर्नल सोफिया कुरैशी कौन हैं?
कर्नल सोफिया कुरैशी भारतीय सेना की कॉर्प्स ऑफ सिग्नल से जुड़ी हैं। 35 वर्ष की उम्र में वह पहली महिला बनीं जिन्होंने भारतीय सेना के पूरे कंटिंजेंट को मल्टी-नेशन मिलिट्री ड्रिल में लीड किया। 2016 में एक्सरसाइज़ फोर्स 18 की कमांडर रह चुकी हैं। गुजरात से हैं और बायोकैमिस्ट्री में डिग्री धारक हैं। संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन के तहत कोंगो में छह साल सेवा दे चुकी हैं। प्रेस कॉन्फ्रेंस में हिंदी में पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों की सटीक जानकारी साझा की।
भारत का कड़ा संदेश
ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ एक जवाबी हमला नहीं था, यह भारत का साफ संदेश था कि निर्दोषों की हत्या अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मुंबई 26/11 के बाद यह पहला ऐसा बड़ा आतंकी हमला था, जिसमें इतनी संख्या में आम नागरिक मारे गए। अब भारत ने न केवल बदला लिया, बल्कि पूरी दुनिया के सामने दिखा दिया कि वह आतंक के खिलाफ निर्णायक और सशक्त कार्रवाई करने में सक्षम है।