Bihar News: शिक्षक का शव बंद कमरे से बरामद, तलाक के बाद से बढ़ गया था अकेलापन और तनाव Bihar News: शैक्षणिक हब के रूप में विकसित होगा बिहार का यह जिला, एस.सिद्धार्थ ने बताया सरकार का प्लान मुंह में मधुमक्खी जाने से गई थी संजय कपूर की जान, जानें... ऐसी हालत में करना चाहिए कौन सा काम? Bihar News: भागलपुर-हंसडीहा फोरलेन के लिए 406 भूस्वामियों से ली जाएगी जमीन, गजट जारी Bihar Crime News: बिहार में शराब पार्टी करते 17 लोग अरेस्ट, होटल मालिक के ऊपर इनाम घोषित Bihar Crime News: बिहार में शराब पार्टी करते 17 लोग अरेस्ट, होटल मालिक के ऊपर इनाम घोषित Bihar News: बिहार में अब स्कूलों की जमीन का लेखा-जोखा रखेगा शिक्षा विभाग, शुरू की बड़ी पहल पटना में वाटर मेट्रो सेवा शुरू होगी..बिहार सरकार ने केंद्र से कर दी बड़ी मांग, भारत में कहां चालू है यह सेवा, जानें... Air India के विमान में फिर आई खराबी, हांगकांग से दिल्ली आ रही फ्लाइट बीच रास्ते से वापस लौटी Air India के विमान में फिर आई खराबी, हांगकांग से दिल्ली आ रही फ्लाइट बीच रास्ते से वापस लौटी
15-Feb-2025 12:51 PM
By KHUSHBOO GUPTA
New India Co-operative Bank Scam: महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड के पूर्व जनरल मैनेजर हितेश प्रवीणचंद मेहता पर बैंक से 122 करोड़ रुपये गबन करने का आरोप लगा है। यह घोटाला तब हुआ जब हितेश बैंक के जनरल मैनेजर थे और दादर, गोरेगांव ब्रांच की जिम्मेदारी उनके पास थी। आरोप है कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए दोनों ब्रांच के खातों से 122 करोड़ रुपये का गबन किया।
बैंक के चीफ अकाउंट्स ऑफिसर की शिकायत पर दादर पुलिस ने इस मामले में केस दर्ज किया है। शिकायत के मुताबिक, यह घोटाला साल 2020 से 2025 के बीच हुआ। पुलिस को शक है कि हितेश के अलावा एक और व्यक्ति भी इस घोटाले में शामिल है। मामले की गंभीरता को देखते हुए इसे आगे की जांच के लिए इकोनॉमिक ऑफेंस विंग (EOW) को ट्रांसफर कर दिया गया है। दादर पुलिस ने BNS की धारा 316(5) और 61(2) के तहत FIR दर्ज की है।
आपको बता दें कि हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक ने न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक पर कड़े प्रतिबंध लगा दिए हैं। इस बैन के बाद अब बैंक न तो किसी को नया लोन दे सकेगा और न ही मौजूदा लोन का नवीनीकरण कर सकेगा। साथ ही, बैंक नई जमा राशी एक्सेप्ट नहीं कर पाएगा और कोई निवेश नहीं कर सकेगा। इसके अलावा अपनी देनदारियों के लिए पेमेंट भी नहीं कर सकेगा और संपत्तियों को बेचने पर भी रोक रहेगी।