ब्रेकिंग न्यूज़

MUNGER: अपने पैतृक गांव तारापुर पहुंचे डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी, 17620.90 लाख की योजनाओं का किया शिलान्यास Bihar Crime News: हत्या या आत्महत्या? बिहार में ससुराल आए युवक की संदिग्ध हालत में मौत, परिजनों ने जताई यह आशंका Bihar Crime News: हत्या या आत्महत्या? बिहार में ससुराल आए युवक की संदिग्ध हालत में मौत, परिजनों ने जताई यह आशंका Bihar News: बिहार के विकास दर में ऐतिहासिक छलांग, सम्राट चौधरी बोले- 10 लाख करोड़ का आंकड़ा पार करने जा रही GDP Bihar News: बिहार के विकास दर में ऐतिहासिक छलांग, सम्राट चौधरी बोले- 10 लाख करोड़ का आंकड़ा पार करने जा रही GDP Nepal Protest: बिहार बॉर्डर तक पहुंची नेपाल हिंसा की आग, चेकपोस्ट पर आगजनी; अलर्ट पर पुलिस और SSB Nepal Protest: बिहार बॉर्डर तक पहुंची नेपाल हिंसा की आग, चेकपोस्ट पर आगजनी; अलर्ट पर पुलिस और SSB Bihar Politics: गयाजी में NDA का कार्यकर्ता सम्मेलन, हजारों महिला और पुरुष हुए शामिल Bihar Politics: गयाजी में NDA का कार्यकर्ता सम्मेलन, हजारों महिला और पुरुष हुए शामिल मुंगेर: असरगंज कच्ची कांवरिया पथ पर मिला दुर्लभ रसेल वाइपर, वन विभाग ने किया रेस्क्यू

Social Media Ban: नेपाल में भारी प्रदर्शन के बाद सोशल मीडिया बैन हटा, गृहमंत्री ने दिया इस्तीफा

Social Media Ban: नेपाल में सोशल मीडिया पर लगाए गए प्रतिबंध के खिलाफ छिड़े देशव्यापी विरोध प्रदर्शनों ने गंभीर रूप ले लिया है। सोमवार को सरकार ने बढ़ते जनदबाव और हिंसक झड़पों के बीच सोशल मीडिया पर लगाए गए प्रतिबंध को हटा लिया है।

Social Media Ban

09-Sep-2025 07:23 AM

By First Bihar

Social Media Ban: नेपाल में सोशल मीडिया पर लगाए गए प्रतिबंध के खिलाफ छिड़े देशव्यापी विरोध प्रदर्शनों ने गंभीर रूप ले लिया है। सोमवार को सरकार ने बढ़ते जनदबाव और हिंसक झड़पों के बीच फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सऐप, यूट्यूब और स्नैपचैट पर लगाए गए प्रतिबंध को हटा लिया है। यह फैसला तब आया जब देशभर में जारी आंदोलन के दौरान कम से कम 20 प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई और 300 से अधिक लोग घायल हुए।


नेपाल सरकार ने बीते सप्ताह राष्ट्रीय सुरक्षा और "डिजिटल अनुशासन" के नाम पर प्रमुख सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर प्रतिबंध लगा दिया था। सरकार का तर्क था कि सोशल मीडिया पर फैल रही फर्जी खबरें, अफवाहें और 'अशांति फैलाने वाले कंटेंट' समाज में अस्थिरता का कारण बन रहे हैं। इस कदम का सबसे तीखा विरोध ज़ेनरेशन-Z यानी युवाओं द्वारा किया गया, जिन्होंने इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला बताया।


प्रतिबंध लगते ही राजधानी काठमांडू समेत पूरे देश में विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गए। विशेषकर दमक, पोखरा, विराटनगर और ललितपुर जैसे शहरों में युवाओं की भारी भीड़ सड़कों पर उतर आई। काठमांडू के न्यू बानेश्वर स्थित संसद भवन परिसर में प्रदर्शनकारियों ने पुलिस बैरिकेड्स तोड़ दिए और संसद भवन में घुसने की कोशिश की। स्थिति को संभालने के लिए पुलिस को आंसू गैस, पानी की बौछार और चेतावनी स्वरूप हवाई फायरिंग का सहारा लेना पड़ा।


दमक में स्थिति सबसे अधिक तनावपूर्ण रही, जहां प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के निजी आवास पर पथराव किया और ईस्ट-वेस्ट हाइवे को टायर जलाकर बंद कर दिया। सेना की तैनाती के साथ ही कई संवेदनशील इलाकों में देखते ही गोली मारने के आदेश जारी कर दिए गए थे।


इस बीच, देश के गृहमंत्री रामबहादुर थापा ने हिंसा में मारे गए लोगों की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने एक प्रेस वार्ता में कहा, यह सरकार की सामूहिक असफलता है। मैं नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा देता हूं।


हालांकि शुरुआती रुख में प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली सोशल मीडिया बैन पर अडिग नजर आए। उन्होंने रविवार की कैबिनेट बैठक में कहा था, “अगर कुर्सी भी छोड़नी पड़े, तो छोड़ दूंगा, लेकिन बैन नहीं हटेगा। देश की सुरक्षा और सामाजिक व्यवस्था बनाए रखना जरूरी है। लेकिन सोमवार को हुई आपात कैबिनेट बैठक के बाद अचानक रुख बदलते हुए उन्होंने सोशल मीडिया पर लगे प्रतिबंध को हटाने का फैसला लिया। उन्होंने बयान जारी करते हुए कहा, “इस संकट का कारण सरकार और युवा पीढ़ी के बीच बढ़ती संवादहीनता है। हमें अपने भविष्य के साथ संवाद करना होगा, न कि टकराव।”


यह विरोध सिर्फ सोशल मीडिया तक सीमित नहीं है। यह युवा वर्ग की उस नाराजगी का परिणाम है, जो वे सरकार की नीतियों, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के हनन को लेकर वर्षों से महसूस कर रहे हैं। सोशल मीडिया इन युवाओं के लिए सिर्फ मनोरंजन का माध्यम नहीं, बल्कि विचार-विनिमय और राजनीतिक भागीदारी का मंच है।


सरकार ने सुरक्षा बलों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं और प्रदर्शनकारियों से शांति बनाए रखने की अपील की है। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि सरकार प्रदर्शनकारियों के साथ संवाद के लिए तैयार है और जल्द ही प्रतिनिधिमंडल से बातचीत होगी। हालांकि हालात अभी भी पूरी तरह सामान्य नहीं हैं। देश के कई हिस्सों में इंटरनेट सेवाएं धीमी हैं और लोगों के मन में भय और अनिश्चितता व्याप्त है।


नेपाल में सोशल मीडिया बैन एक चिंगारी बनी जिसने वर्षों से सुलग रही असंतोष की आग को भड़का दिया। सरकार द्वारा प्रतिबंध हटाया जाना एक सकारात्मक कदम जरूर है, लेकिन यह केवल एक शुरुआत है। अब जरूरी है कि सत्ता और समाज के बीच भरोसे का पुल फिर से बनाया जाए।