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01-Oct-2025 02:39 PM
By FIRST BIHAR
Kids Kidney Failure: मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में पिछले 23 दिनों में 6 बच्चों की किडनी फेल होने से मौत हो चुकी है। इस भयावह घटनाक्रम के बाद राज्य का स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड में है। भोपाल में भी Coldrif और Nextro-DS कफ सिरप की बिक्री पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया गया है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, छिंदवाड़ा के परासिया और आसपास के इलाकों में अब तक एक दर्जन से अधिक बच्चे अस्पतालों में भर्ती हैं, जिनमें से कई की हालत गंभीर बताई जा रही है। प्राथमिक जांच के बाद संदेह जताया गया है कि बच्चों को सर्दी-खांसी और बुखार में दी गई कफ सिरप की वजह से उनकी किडनी धीरे-धीरे फेल हो गई।
पहला मामला 7 सितंबर को सामने आया था, जब 5 वर्षीय अदनान खान को तेज बुखार और उल्टी की शिकायत पर अस्पताल ले जाया गया। हालत बिगड़ने पर उसे नागपुर रेफर किया गया, जहां डॉक्टरों ने बताया कि दोनों किडनी फेल हो चुकी हैं। इसके बाद लगातार मामले सामने आते गए और अब तक 6 बच्चों की मौत हो चुकी है।
जिला कलेक्टर शीलेंद्र सिंह ने चिकित्सकों की सलाह पर Coldrif और Nextro-DS कफ सिरप की बिक्री और उपयोग पर तत्काल रोक लगा दी है। मेडिकल स्टोर्स को निर्देश दिए गए हैं कि बच्चों को केवल प्लेन सिरप ही उपलब्ध कराएं। भोपाल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. मनीष शर्मा ने भी पुष्टि की है कि इन सिरप्स की आपूर्ति सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर नहीं होती, लेकिन निजी मेडिकल स्टोर्स पर जांच अभियान चलाया जाएगा।
प्रशासन ने पहले पानी और चूहे के सैंपल लिए थे, लेकिन रिपोर्ट नेगेटिव आई। अब जांच का फोकस कफ सिरप की गुणवत्ता और साइड इफेक्ट्स पर है। मामले की गंभीरता को देखते हुए ICMR और पुणे की लैब से विस्तृत जांच करवाई जा रही है। परासिया क्षेत्र में दूषित पानी की सप्लाई को लेकर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। स्थानीय लोगों का आरोप है कि नल से गंदा और पीला पानी आ रहा है, जिसकी शिकायतें कई बार की गईं, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
छिंदवाड़ा प्रशासन ने एडवाइजरी जारी करते हुए लोगों से अपील की है बच्चों को बिना डॉक्टर की पर्ची (प्रिस्क्रिप्शन) के दवा न दें। झोलाछाप डॉक्टरों से इलाज न कराएं। सर्दी-खांसी या बुखार होने पर तुरंत सरकारी अस्पताल ले जाएं। बच्चों की यूरिन हर 6 घंटे में चेक करें, रुकने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाएं और यदि उल्टी, सुस्ती या बुखार दो दिन से ज्यादा रहे, तो इलाज में देर न करें।