ब्रेकिंग न्यूज़

ट्रेनिंग के दौरान कैसे IAS-IPS अफसरों में हो जाता है प्यार, क्यों बढ़ रही है आपसी शादियों की संख्या अरवल में आंगनबाड़ी सहायिका की रेप के बाद पीट-पीटकर हत्या, इलाके में सनसनी Bihar Sand Scam: पटना में जब्त बालू का बड़ा खेल...EOU की जांच के बाद बिक्रम थाने में लाईसेंसधारियों के खिलाफ केस दर्ज Bihar Ips Officer: बिहार के 5 IPS अफसरों को मिला नया जिम्मा...आने वाले कुछ दिनों तक प्रतिस्थानी के तौर पर करेंगे काम BIHAR: अब 24 घंटे में बनेगा ड्राइविंग लाइसेंस, परिवहन मंत्री श्रवण कमार ने एजेंसी को दिये सख्त निर्देश सुपौल के लाल मोहम्मद इजहार ने रचा इतिहास, जिले का नाम किया रोशन, मुंबई इंडियंस ने 30 लाख में खरीदा वैशाली में मानव तस्करी और देह व्यापार का खुलासा, दो बहनों का रेस्क्यू, 5 गिरफ्तार बिहार: शहीद जवान अमिताभ बच्चन की प्रतिमा का अनावरण, पत्नी को नियुक्ति पत्र और 43 लाख की अनुग्रह राशि बिहार का दूसरा 'टारजन' दिलबर खान: 1 किलो दाल, 5 लीटर दूध और 50 रोटियों की खुराक से कर रहा हैरान करने वाले स्टंट बिहार पंचायत चुनाव 2026: आरक्षण और निर्वाचन प्रक्रिया पर निर्वाचन आयोग ने दी स्पष्ट जानकारी

Janta curfew ;जनता कर्फ्यू की कहानी: जब पूरे देश में गूंज उठी ताली और थाली की आवाज

Janta curfew ;22 मार्च 2020 का दिन भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर पूरे देश में जनता कर्फ्यू लगाया गया। इस दौरान लोगों ने स्वेच्छा से अपने घरों में रहकर कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने की दिशा

जनता कर्फ्यू, Janta Curfew, कोरोना महामारी, COVID-19, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, PM Modi, लॉकडाउन, lockdown, 22 मार्च, 22 March, 24 मार्च, 24 March, ताली-थाली बजाना, clapping and plate banging, स्वास्

22-Mar-2025 04:59 PM

By First Bihar

Janta curfew ; आज से ठीक पांच साल पहले, 22 मार्च को भारत की सड़कों पर एक अनोखा सन्नाटा पसरा था। यह दिन भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर जनता कर्फ्यू लागू किया गया। देशवासियों ने कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे को देखते हुए स्वेच्छा से अपने घरों में रहने का फैसला किया। इस कर्फ्यू के दौरान किसी पर कोई कानूनी पाबंदी नहीं थी, लेकिन फिर भी लोग एहतियात बरतते हुए बाहर नहीं निकले।


जनता कर्फ्यू का मुख्य उद्देश्य लोगों को महामारी की गंभीरता से अवगत कराना और उन्हें सतर्क रहने के लिए प्रेरित करना था। हालांकि, बाद में यह स्पष्ट हुआ कि यह कर्फ्यू देशव्यापी लॉकडाउन की पूर्व तैयारी का हिस्सा था, जो इसके ठीक दो दिन बाद 24 मार्च को लागू कर दिया गया।

जब पूरे देश में ताली और थाली गूंज उठी

जनता कर्फ्यू के दौरान एक भावनात्मक और ऐतिहासिक दृश्य सामने आया। प्रधानमंत्री मोदी ने स्वास्थ्यकर्मियों के सम्मान में शाम 5 बजे ताली और थाली बजाने का आह्वान किया, जिसे पूरे देश ने एकजुटता के साथ अपनाया। लोग अपनी बालकनी और छतों पर आकर तालियां, थालियां और शंख बजाने लगे। यह दृश्य न केवल देशवासियों की एकजुटता का प्रतीक बना बल्कि महामारी के खिलाफ एकजुट होकर लड़ने का संकल्प भी दर्शाया।

कैसे बढ़ता गया लॉकडाउन

जनता कर्फ्यू के बाद, 24 मार्च को प्रधानमंत्री मोदी ने पूरे देश में 21 दिनों के लॉकडाउन की घोषणा की। हालांकि, संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए यह लॉकडाउन कई चरणों में बढ़ाया गया और कुल 68 दिनों तक चला। यह महामारी नियंत्रण के लिए अब तक के सबसे कठोर कदमों में से एक था, जिसने पूरे देश को बदलकर रख दि

 जनता कर्फ्यू की कहानी: जब पूरे देश में गूंज उठी ताली और थाली की आवाज

आज से ठीक पांच साल पहले, 22 मार्च को भारत की सड़कों पर एक अनोखा सन्नाटा पसरा था। यह दिन भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर जनता कर्फ्यू लागू किया गया। देशवासियों ने कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे को देखते हुए स्वेच्छा से अपने घरों में रहने का फैसला किया। इस कर्फ्यू के दौरान किसी पर कोई कानूनी पाबंदी नहीं थी, लेकिन फिर भी लोग एहतियात बरतते हुए बाहर नहीं निकले।जनता कर्फ्यू का मुख्य उद्देश्य लोगों को महामारी की गंभीरता से अवगत कराना और उन्हें सतर्क रहने के लिए प्रेरित करना था। हालांकि, बाद में यह स्पष्ट हुआ कि यह कर्फ्यू देशव्यापी लॉकडाउन की पूर्व तैयारी का हिस्सा था, जो इसके ठीक दो दिन बाद 24 मार्च को लागू कर दिया गया।

जब पूरे देश में ताली और थाली गूंज उठी

जनता कर्फ्यू के दौरान एक भावनात्मक और ऐतिहासिक दृश्य सामने आया। प्रधानमंत्री मोदी ने स्वास्थ्यकर्मियों के सम्मान में शाम 5 बजे ताली और थाली बजाने का आह्वान किया, जिसे पूरे देश ने एकजुटता के साथ अपनाया। लोग अपनी बालकनी और छतों पर आकर तालियां, थालियां और शंख बजाने लगे। यह दृश्य न केवल देशवासियों की एकजुटता का प्रतीक बना बल्कि महामारी के खिलाफ एकजुट होकर लड़ने का संकल्प भी दर्शाया।

कैसे बढ़ता गया लॉकडाउन

जनता कर्फ्यू के बाद, 24 मार्च को प्रधानमंत्री मोदी ने पूरे देश में 21 दिनों के लॉकडाउन की घोषणा की। हालांकि, संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए यह लॉकडाउन कई चरणों में बढ़ाया गया और कुल 68 दिनों तक चला। यह महामारी नियंत्रण के लिए अब तक के सबसे कठोर कदमों में से एक था, जिसने पूरे देश को बदलकर रख दि