ब्रेकिंग न्यूज़

RJD अध्यक्ष बनने के 20 दिन बाद लालू यादव ने बनाई अपनी टीम: इन नेताओं को मिली बड़ी जिम्मेदारी ISM पटना में अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन 'सस्टेनोवेट 2025' का भव्य शुभारंभ, देश-विदेश से जुटे शोधकर्ता दृष्टिपुंज आई हॉस्पिटल में कंटूरा विज़न लेसिक की बड़ी उपलब्धि: 300 सफल ऑपरेशन पूरे Bihar Crime News: अदालत में सबूत पेश नहीं कर सकी बिहार पुलिस, कोर्ट ने SHO समेत 7 पुलिसकर्मियों के खिलाफ जारी कर दिया अरेस्ट वारंट Bihar Crime News: अदालत में सबूत पेश नहीं कर सकी बिहार पुलिस, कोर्ट ने SHO समेत 7 पुलिसकर्मियों के खिलाफ जारी कर दिया अरेस्ट वारंट अरवल में करंट लगने से युवक की मौत, जर्जर तार बना हादसे की वजह, बिजली विभाग पर लापरवाही का आरोप Bihar Politics: बाल-बाल बचे सांसद पप्पू यादव, बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का दौरा करने के दौरान हुआ हादसा Bihar Politics: ‘लालू परिवार बिहार की बर्बादी का जिम्मेदार’ युवा चेतना सुप्रीमो रोहित सिंह का तेजस्वी पर बड़ा हमला Bihar Politics: ‘लालू परिवार बिहार की बर्बादी का जिम्मेदार’ युवा चेतना सुप्रीमो रोहित सिंह का तेजस्वी पर बड़ा हमला Bihar News: बिहार में यहां एक ही घर से निकले 60 किंग कोबरा, परिवार ने त्यागा मकान; गाँव वालों ने बदला रास्ता

एक विवाह ऐसा भी: दो सगे भाईयों की एक दुल्हन, तीनों ने एक साथ लिये सात फेरे

परिवार को एकजुट रखने और संपत्ति बंटवारे को रोकने के लिए हट्टी जनजाति के लोग दो दूल्हे और एक दुल्हन वाली शादी करते हैं। यह परंपरा पुरानी है लेकिन उसे जीवित रखने का काम सुनीता,प्रदीप और कपिल ने किया है। दो भाइयों ने एक ही दुल्हन से शादी कर ली।

HIMACHAL PRADESH

21-Jul-2025 03:39 PM

By First Bihar

HP: महाभारत में द्रौपदी ने 5 पांडव भाईयों से शादी की थी। द्रौपदी के पांच पति थे। इसी परंपरा को हिमाचल प्रदेश में अपनाया जाता है। यहां दो सगे भाइयों की एक ही पत्नी होती है। पहले की तुलना में आज ज्यादा पढ़े लिखे लोग हैं, लेकिन वो भी अपनी परंपरा को जीवित रखना चाहते हैं। कुछ गांवों में आज भी यह परंपरा कायम है। ताजा मामला सिरमौर के शिलाई गांव का है जहां दो भाइयों ने अब एक ही दुल्हन से शादी चला ली।


दोनों भाई का प्रदीप और कपिल नेगी है जबकि दुल्हन का नाम सुनीता चौहान है। तीनों की शादी का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। जिसे देखकर लोग भी दंग रह गये। सोशल मीडिया पर इस शादी की चर्चा खूब हो रही है। इस तरह की शादियां लोग संपत्ति के बंटवारे को रोकने और परिवार को एकजुट रखने के लिए कर रहे हैं। इस तरह की शादी हट्टी जनजाति के लोग करते हैं। यह पुरानी परंपरा है जिसे जीवित रखने का काम प्रदीप,कपिल और सुनीता ने किया है। इस अनोखी शादी का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है.


दुल्हन सुनीता चौहान,दूल्हा प्रदीप नेगी और दूसरे दूल्हे कपिल नेगी तीनों उच्च शिक्षित और आधुनिक सोच रखने वाले हैं। प्रदीप नेगी जो बड़ा भाई हैं,हिमाचल प्रदेश सरकार के जल शक्ति विभाग में कार्यरत हैं। जबकि उनके छोटे भाई कपिल नेगी विदेश में रहते हैं और हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री में जॉब करते हैं। वही दुल्हन सुनीता भी कम नहीं हैं। उसने भी आईटीआई से टेक्नीशियन की ट्रेनिंग ली है और तकनीकी रूप से दक्ष हैं। तीनों ने इस विवाह को पूरी स्वीकृति और आपसी सहमति से संपन्न किया। उनका कहना है कि उन्होंने यह निर्णय बिना किसी दबाव के लिया है और उन्हें अपने परंपरा पर गर्व है।


तीन दिनों तक चला विवाह कार्यक्रम

यह विवाह सिरमौर जिले के शिलाई उपमंडल के कुन्हाट गांव में हुआ। रस्में 12 जुलाई से शुरू हुईं और पूरे तीन दिन तक पारंपरिक गीतों, लोक नृत्यों और रीति-रिवाजों के साथ चलीं। शादी की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही हैं। लोगों को हैरानी इस बात की भी हो रही है कि तीनों अत्यंत शिक्षित, आधुनिक और पेशेवर जीवन जीने वाले लोग हैं — बावजूद इसके, उन्होंने अपने पूर्वजों की परंपरा को अपनाया।


प्रदीप नेगी का कहना है कि "हमने सार्वजनिक रूप से इस परंपरा को अपनाया क्योंकि हमें इस पर गर्व है। यह निर्णय हम तीनों ने मिलकर पूरी पारदर्शिता के साथ लिया है।" वहीं कपिल नेगी ने कहा कि "मैं भले ही विदेश में रहता हूं,लेकिन इस विवाह के माध्यम से हम एक संयुक्त परिवार की भावना को बनाए रखेंगे और सुनीता को पूरा सम्मान,स्थिरता और सहयोग देंगे।"जबकि दुल्हन सुनीता चौहान ने कहा कि वह बचपन से इस परंपरा के बारे में जानती थीं और उन्होंने पूरी इच्छा और समझदारी से इसे स्वीकार किया है। "यह मेरे लिए सिर्फ एक सामाजिक रिश्ता नहीं,बल्कि एक जिम्मेदारी और परंपरा का सम्मान है।"


बता दें कि हिमाचल प्रदेश की हट्टी जनजाति मुख्यतः सिरमौर जिले के ट्रांस-गिरी क्षेत्र में निवास करती है,सदियों से बहुपति प्रथा का पालन करती आ रही है। इस परंपरा का उद्देश्य सामाजिक और आर्थिक संतुलन बनाए रखना था।विशेषज्ञों का मानना है कि इस प्रथा का मुख्य कारण पैतृक संपत्ति के बंटवारे को रोकना था। जब सभी भाई एक ही महिला से विवाह करते थे,तो जमीन-जायदाद में फूट नहीं पड़ती थी और परिवार एकजुट रहता था। हालांकि,आज के दौर में साक्षरता,आर्थिक बदलाव और आधुनिक जीवनशैली की वजह से यह परंपरा लगभग समाप्ति के कगार पर है। लेकिन इस शादी ने इस प्रथा को एक बार फिर राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में ला दिया है।