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04-Jun-2025 05:07 PM
By First Bihar
Census 2026-27: भारत सरकार ने अगली जनगणना को दो चरणों में आयोजित करने की योजना बनाई है और इस बार जातीय आंकड़े भी इकट्ठे किए जाएंगे।
पहला चरण 1 अक्टूबर 2026 से और दूसरा चरण 1 मार्च 2027 से शुरू होगी | सूत्रों के अनुसार, लद्दाख, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश जैसे पर्वतीय क्षेत्रों में जनगणना की शुरुआत पहले चरण में ही की जाएगी, ताकि मौसम और इलाकाई चुनौतियों को ध्यान में रखा जा सके। यह जनगणना सामाजिक न्याय और नीतियों के लिए डेटा आधारित योजनाएं तैयार करने में अहम भूमिका निभाएगी।
सूत्रों का कहना है कि देशभर में जनगणना और जातिगत गणना की प्रक्रिया 1 मार्च 2027 से शुरू होने की संभावना है, जबकि जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और उत्तराखंड जैसे विशेष भौगोलिक परिस्थितियों वाले राज्यों में यह प्रक्रिया 1 अक्टूबर 2026 से ही शुरू की जा सकती है। यह निर्णय केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव की उस घोषणा के कुछ हफ्ते बाद सामने आया है जिसमें उन्होंने कहा था कि कैबिनेट की राजनीतिक मामलों की समिति ने आगामी जनगणना में जातिगत आंकड़ों को शामिल करने की मंजूरी दे दी है।
अप्रैल में वैष्णव ने कहा था कि कैबिनेट कमेटी ऑन पॉलिटिकल अफेयर्स ने आगामी जनगणना में जातिगत आंकड़े शामिल करने का निर्णय लिया है। यह निर्णय सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में एक अहम कदम है, जो समग्र राष्ट्रीय विकास के लिए जरूरी है। गौरतलब है कि कांग्रेस, INDIA गठबंधन और विभिन्न क्षेत्रीय दलों की ओर से देशव्यापी जातीय जनगणना की लगातार मांग की जाती रही है।
हाल ही में कांग्रेस-शासित कर्नाटक सरकार ने अपनी ओर से एक जाति सर्वे कराया, लेकिन वोक्कालिगा और लिंगायत समुदायों ने इस पर नाराज़गी जताई और कहा कि सर्वे में उनकी सही हिस्सेदारी को नहीं दर्शाया गया। बता दें कि भारत में जनगणना हर 10 साल में एक बार होती है ताकि नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (NPR) को अपडेट किया जा सके। हालांकि, 2021 में प्रस्तावित जनगणना कोविड महामारी के कारण स्थगित कर दी गई थी। अब माना जा रहा है कि जनगणना चक्र में भी बदलाव किया जा सकता है।