ब्रेकिंग न्यूज़

बेगूसराय में बाढ़ का कहर: 12 घंटे में 7 की मौत, प्रशासन पर लापरवाही का आरोप BIHAR: गंगा नदी में 100 KM बहकर बचा शख्स, बेंगलुरु से आने के बाद पटना में लगाई थी छलांग Bihar News: बिहार में पानी में डूबने से दो सगी बहनों की मौत, छोटी सी गलती और चली गई जान Bihar Crime News: बिहार में एक धुर जमीन के लिए हत्या, चचेरे भाई ने लाठी-डंडे से पीट-पीटकर ले ली युवक की जान Bihar Crime News: बिहार में एक धुर जमीन के लिए हत्या, चचेरे भाई ने लाठी-डंडे से पीट-पीटकर ले ली युवक की जान Bihar News: बिहार में दर्दनाक सड़क हादसे में देवर-भाभी की मौत, मायके से लौटने के दौरान तेज रफ्तार वाहन ने रौंदा Bihar News: बिहार में दर्दनाक सड़क हादसे में देवर-भाभी की मौत, मायके से लौटने के दौरान तेज रफ्तार वाहन ने रौंदा Bihar News: पुनौरा धाम को देश के प्रमुख शहरों से जोड़ने की कवायद शुरू, सड़क, रेल और हवाई मार्ग से होगी कनेक्टिविटी Bihar News: पुनौरा धाम को देश के प्रमुख शहरों से जोड़ने की कवायद शुरू, सड़क, रेल और हवाई मार्ग से होगी कनेक्टिविटी Bihar News: बिहार के स्कूल-कॉलजों में खुलेगी डिजिटल लाइब्रेरी, इतने करोड़ खर्च करेगी नीतीश सरकार

49 साल बाद 150 रु की घड़ी चोरी का फैसला, बुजुर्ग आरोपी को जुर्माना भरने के बाद मिली राहत

49 साल बाद 150 रुपये की घड़ी चोरी मामले में कोर्ट ने फैसला सुनाया। बुजुर्ग आरोपी ने कहा कि हुजूर, मैं बहुत बुढ़ा हो गया हूं और अक्सर बीमार रहता हूं। मैं अपना जुर्म कबूल करता हूं, लेकिन कृपया मुझे कम से कम सजा दी जाए।

Bihar

04-Aug-2025 02:52 PM

By First Bihar

DESK: बिहार के पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश में 150 रुपये की घड़ी चोरी होने का मामला पूरे 49 साल तक कोर्ट में चला। आरोपी की गुहार के बाद फैसला आया और कोर्ट ने सजा सुनाई। आरोपी के जुर्म कबूलने के बाद मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने दोषी करार देते हुए सभी धाराओं में बिताई गई अवधि की सजा और ढाई हजार रुपये अर्थदंण्ड की सजा सुनाई। जुर्माना भरने के बाद बुजुर्ग और बीमार हो चुका आरोपी घर वापस चला गया। 


दरअसल मामला झांसी के टहरौली थाना क्षेत्र के बमनुआ गांव का है। 1976 में एलएसएस सहकारी समिति में चोरी और गबन का मामला दर्ज हुआ था। समिति में मध्यप्रदेश के ग्वालियर के रहने वाले कन्हैयालाल चपरासी के पद पर कार्यरत था। उसके साथ लक्ष्मी प्रसाद और रघुनाथ भी काम करते थे। तत्कालीन सचिव बिहारीलाल गौतम ने तीनों के खिलाफ टहरौली थाने में शिकायत दर्ज करायी थी कि तीनों ने 150 रुपए कीमत की एक घड़ी और रसीद बुक चुरा ली है। साथ ही आरोप लगाया था कि इन्होंने सदस्यों के फर्जी हस्ताक्षर करके 14,472 रुपए की वसूली की। लक्ष्मी प्रसाद ने अकेले ही 3887.40 रुपए की रसीद काटी थी। पुलिस ने मामला दर्ज कर तीनों को गिरफ्तार किया और चार्जशीट दाखिल कर दी। बाद में तीनों को जमानत मिल गई।


49 साल की लंबी कानूनी लड़ाई

मुकदमा चलते-चलते लंबा समय लग गया और आरोपी लक्ष्मी प्रसाद और रघुनाथ की मौत हो गई। सिर्फ कन्हैया लाल ही जीवित रहा और हर तारीख पर कोर्ट में पेश होता रहा। 23 दिसंबर 2023 को कन्हैया लाल पर आरोप तय हुए, लेकिन फैसला नहीं आया।


3 अगस्त 2025 को आया फैसला

शनिवार (3 अगस्त 2025) को जब फिर से सुनवाई हुई तो कन्हैयालाल अदालत में हाजिर हुआ। उसने जज साहेब से कहा कि "हुजूर, मैं बहुत बुढ़ा हो गया हूं और अक्सर बीमार रहता हूं। हर बार तारीख पर आना मेरे लिए मुश्किल हो रहा है। मैं अपना जुर्म कबूल करता हूं, लेकिन कृपया मुझे कम से कम सजा दी जाए।


कोर्ट का फैसला

मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मुन्नालाल ने कन्हैयालाल को दोषी करार देते हुए उसे अब तक जेल में बिताई गई अवधि को ही सजा माना साथ ही ढाई हजार रूपये का जुर्माना लगाया। जुर्माना भरने के बाद कन्हैयालाल अदालत से घर लौट गया, और आखिरकार यह 49 साल पुराना मामला अपने अंजाम तक पहुंचा।