बेगूसराय में तालिबानी सजा: युवक को पिलर से बांधकर बेरहमी से पीटा, वीडियो वायरल Bihar Ias Officer: बिहार के ये आईएएस अफसर केंद्रीय मंत्री के बने P.S , बिहार सरकार ने किया विरमित BIHAR: सहरसा में पुलिस महकमे में बड़ा फेरबदल, 3 थानाध्यक्ष समेत कई अफसरों का तबादला BIHAR: दो बाइक की सीधी टक्कर में एक की दर्दनाक मौत, दो की हालत नाजुक Bihar Land News: बिहार के इस जिले में 84 हजार से अधिक जमीनों की रजिस्ट्री पर क्यों लग गई रोक? जानिए.. इसके पीछे की वजह Bihar Land News: बिहार के इस जिले में 84 हजार से अधिक जमीनों की रजिस्ट्री पर क्यों लग गई रोक? जानिए.. इसके पीछे की वजह Bihar News: मदरसा शिक्षा बोर्ड का हुआ गठन, JDU नेता को बनाया गया अध्यक्ष तो MLC बने सदस्य, पूरी लिस्ट देखें... Chenab Bridge Story: चिनाब ब्रिज की नींव में बसी है इस प्रोफेसर की 17 साल की मेहनत Andre Russell-Virat Kohli: रसल को रास न आया टेस्ट क्रिकेट पर कोहली का बयान, कहा "सम्मान करता हूँ मगर..." Bihar Politics: VIP नेता संजीव मिश्रा पहुंचे महादलित बस्ती, जनसंवाद के ज़रिए रखी विकास की आधारशिला
09-Apr-2025 12:26 PM
By Viveka Nand
Bihar News: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले जेडीयू के नेता व पदाधिकारी परीक्षा में फेल हो गए . करीब नब्बे फीसदी प्रभारी टेबल रिपोर्टिंग कर रिपोर्ट नेतृत्व को सौंपा. समीक्षा की गई तो सभी की पोल खुली. इसके बाद सुधार का मौका दिया गया है. 20 दिनों में फिर से रिपोर्ट तैयार कर देने को कहा गया है. इस तरह से नीतीश की पार्टी की जमीनी हकीकत एक बार फिर से सामने आ गई है. अधिकांश नेता सिर्फ कागज पर ही एक्टिव रहते है, इस बात की भी पुष्टि हो गई.
90 फीसदी जदयू नेता परीक्षा में फेल
दरअसल, बिहार विधानसभा चुनाव से पहले नीतीश कुमार की पार्टी बूथ स्तर तक अपने कार्यकर्ताओं को एक्टिव करना चाहती है. इसके लिए हर बूथ पर 10 लोगों की कमेटी बनाने की कोशिश में है. इसके लिए जिलाध्यक्षों से लेकर विधानसभा प्रभारी और जिला प्रभारियों को टास्क दिया गया है . साथ ही सभी गांवों में वोटर लिस्ट के अनुसार वोटरों की जाति की पहचान करने, हर बूथ पर चार सबसे अधिक वोट वाली जातियों को चिन्हित कर, उन लोगों का नाम, मोबाईल नंबर के साथ देने को कहा गया था. पार्टी नेतृत्व ने जो टास्क दिया, उसे अधिकांश नेताओं ने पूरा नहीं किया. बैठक में मौजूद नेताओं ने बताया कि, जनता दल (यू) के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा व अन्य नेताओं ने मंगलवार को जब समीक्षा की तो पूरी पोल-पट्टी खुल गई. समीक्षा में पाया गया है कि अधिकांश नेताओं ने घर में बैठ कर बूथ कमेटी बना ली. साथ ही बूथों पर अधिक वोट वाली चार जातियों, उनकी संख्या के बारे में जो रिपोर्ट दी गई, उसमें भी भारी फर्जीवाड़ा पकड़ा गया. इसके बाद 80-90 फीसदी विधानसभा क्षेत्रों की रिपोर्ट को खारिज कर दिया गया. पार्टी ने कहा है कि यह रिपोर्ट ठीक नहीं है. कई जगहों से जो रिपोर्ट आई है, उसमें कई तरह की खामियां हैं. कई बूथों पर वोटर लिस्ट से ही नाम चढ़ा कर खानापूर्ति की गई है. ऐसा नहीं चलेगा. इसके बाद सभी विधानसभा प्रभारी, जिला प्रभारियों को 20 दिनों का समय दिया गया है,ताकि सुधार कर पूरी रिपोर्ट दें.
बता दें, मंगलवार को पटना स्थित जद (यू) प्रदेश कार्यालय के कर्पूरी सभागार में प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा की अध्यक्षता में पार्टी के जिला अध्यक्षों, जिला प्रभारियों एवं विधानसभा प्रभारियों की संगठनात्मक बैठक हुई थी. पार्टी की तरफ से कहा गया है कि उक्त बैठक में संगठनात्मक विस्तार और पार्टी के आगामी कार्यक्रमों की विस्तृत चर्चा हुई.बैठक में विधान परिषद में सत्तारूढ़ दल के उपनेता सह पार्टी कोषाध्यक्ष ललन सर्राफ, विधान परिषद में सत्तारूढ़ दल के मुख्य सचेतक संजय कुमार सिंह उर्फ गांधी जी, पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव मनीष वर्मा पूर्व सांसद सह अतिपिछड़ा प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष चंदेश्वर चंद्रवंशी, राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन, प्रदेश महासचिव सह मुख्यालय प्रभारी स्थापना चंदन कुमार सिंह, प्रदेश उपाध्यक्ष बैद्यनाथ प्रसाद सिंह विकल, प्रकोष्ठों के प्रभारी प्रो. नवीन आर्य चंद्रवंशी, पूर्व विधान पार्षद सतीश कुमार, पूर्व विधायक वशिष्ठ सिंह, अनिल कुमार, परमहंस कुमार, वासुदेव कुशवाहा, सुनील कुमार एवं कई वरीय कार्यकर्ता मौजूद रहे।