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09-Sep-2025 07:52 AM
By First Bihar
Bihar News: बिहार में 15 पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों पर भारत निर्वाचन आयोग ने कड़ा रुख अपनाया है। इन दलों ने 2019 से लेकर अब तक एक भी चुनाव में हिस्सा नहीं लिया है, जिसके चलते इन्हें कारण बताओ नोटिस जारी की गई थी। 1 सितंबर को बिहार के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के समक्ष सुनवाई का मौका दिया गया, लेकिन ज्यादातर दल जवाब देने नहीं पहुंचे। अब इन दलों की स्थिति पर अंतिम फैसला लेने के लिए सीईओ ने अपनी रिपोर्ट भारत निर्वाचन आयोग को भेज दी है। इस कार्रवाई से इन दलों की मान्यता और सुविधाएं रद्द हो सकती हैं।
लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के तहत पंजीकृत दलों को कई लाभ मिलते है जैसे मुफ्त मतदाता सूची, चुनाव चिह्न आवंटन और कर छूट। लेकिन अगर कोई दल छह साल तक चुनाव नहीं लड़ता तो उसकी मान्यता रद्द की जा सकती है। जिन 15 दलों पर कार्रवाई की बात हो रही है, उनमें भारतीय आवाम एक्टिविस्ट पार्टी, भारतीय जागरण पार्टी, भारतीय युवा जनशक्ति पार्टी, एकता विकास महासभा पार्टी, गरीब जनता दल (सेक्युलर), जय जनता पार्टी, जनता दल हिंदुस्तानी, लोकतांत्रिक जनता पार्टी (सेक्युलर), मिथिलांचल विकास मोर्चा, राष्ट्रवादी युवा पार्टी, राष्ट्रीय सद्भावना पार्टी, राष्ट्रीय सदाबहार पार्टी, वसुधैव कुटुंबकम पार्टी, वसुंधरा जन विकास दल और यंग इंडिया पार्टी शामिल हैं। आयोग अब इनके पंजीकरण को सूची से हटाने पर विचार करेगा।
इस बीच, बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियां जोरों पर हैं। सोमवार से पटना में सहायक निर्वाची पदाधिकारियों के लिए दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू हुआ। यह प्रशिक्षण बिहार लोक प्रशासन एवं ग्रामीण विकास संस्थान (बिपार्ड), दशरथ मांझी श्रम एवं नियोजन अध्ययन संस्थान और राज्य स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण संस्थान, शेखपुरा में आयोजित किया गया। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी विनोद सिंह गुंजियाल के मार्गदर्शन में अधिकारियों को नामांकन, प्रतीक आवंटन, आदर्श आचार संहिता, ईवीएम-वीवीपैट, मतगणना और भेद्यता मानचित्रण जैसे विषयों पर प्रशिक्षण दिया गया।
चुनाव आयोग की यह कार्रवाई बिहार के राजनीतिक परिदृश्य को प्रभावित कर सकती है। निष्क्रिय दलों को हटाने से चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ेगी और केवल सक्रिय दल ही सुविधाओं का लाभ उठा सकेंगे। प्रशिक्षण के जरिए आयोग यह सुनिश्चित कर रहा है कि आगामी विधानसभा चुनाव शांतिपूर्ण और निष्पक्ष तरीके से संपन्न हों। लोगों से अपील है कि वे चुनाव प्रक्रिया में सक्रिय भागीदारी करें और निष्क्रिय दलों की स्थिति पर आयोग के अंतिम फैसले पर नजर रखें।