ब्रेकिंग न्यूज़

Bigg Boss 19: बिग बॉस 19 में मालती चाहर की वाइल्ड कार्ड एंट्री से मचा धमाल, घर में बदल गए रिश्तों के समीकरण Patna News: पटना में चुनाव से पहले गाड़ी से लाखों रुपए बरामद, वाहन चेकिंग के दौरान मिली सफलता Patna News: पटना में चुनाव से पहले गाड़ी से लाखों रुपए बरामद, वाहन चेकिंग के दौरान मिली सफलता Road Accident In Bihar: पटना में दर्दनाक सड़क हादसे में दो की मौत, दो घायल Rohit Sharma Statement: गिल के वनडे कप्तान बनने पर पहली बार बोले रोहित,गौतम गंभीर और अगरकर को लेकर भी किया खुलासा Bihar Crime News: पटना के प्रेमी जोड़े की यूपी में बेरहमी से हत्या, युवती के भाई पर हत्या का आरोप Bihar Crime News: पटना के प्रेमी जोड़े की यूपी में बेरहमी से हत्या, युवती के भाई पर हत्या का आरोप Bihar BEd CET 2025 : बिहार बीएड प्रवेश परीक्षा का एडमिट कार्ड जारी, यहां से करें डाउनलोड; जानिए कितने नंबर की होगी परीक्षा पूर्णिया में विद्या विहार क्रिकेट अकादमी की ओर से रमेश चंद्र मिश्रा मेमोरियल स्कूल T20 क्रिकेट टूर्नामेंट का शुभारंभ, 23 नवम्बर को ग्रैंड फाइनल Atal Pension Yojna New Rule: बदल गया अटल पेंशन योजना का नियम, क्या आपने भी नहीं किया अपडेट; यहां देखें डिटेल

Bihar Assembly Election : NDA में बड़ा भाई -छोटा भाई का रोल खत्म ! BJP -JDU की बैठक से सामने आई बड़ी जानकारी; इस फोर्मुले पर बनी सहमती

Bihar Assembly Election : बैठक में सबसे महत्वपूर्ण फैसला यह रहा कि अब एनडीए में "बड़ा भाई-छोटा भाई" वाला फार्मूला पूरी तरह खत्म कर दिया गया है। यानी अब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) बराबर सीटों पर चुनाव मैदान में उतरेंगी।

Bihar Assembly Election

05-Oct-2025 01:34 PM

By First Bihar

Bihar Assembly Election : बिहार में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान बस कुछ ही दिनों में होने वाला है। चुनाव आयोग जल्द ही इसका शेड्यूल जारी करेगा। इसी बीच राज्य की सत्तारूढ़ एनडीए गठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर आज बड़ी बैठक हुई, जिसमें कई अहम निर्णय लिए गए। इस बैठक में सबसे महत्वपूर्ण फैसला यह रहा कि अब एनडीए में "बड़ा भाई-छोटा भाई" वाला फार्मूला पूरी तरह खत्म कर दिया गया है। यानी अब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) बराबर सीटों पर चुनाव मैदान में उतरेंगी।


जानकारी के अनुसार, आज सुबह पटना में भाजपा और जेडीयू के शीर्ष नेताओं की बैठक हुई। इस बैठक में केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, जेडीयू के वरिष्ठ नेता ललन सिंह, और उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी समेत कई दिग्गज नेता मौजूद रहे। सूत्रों के मुताबिक, दोनों दलों के बीच सीट बंटवारे को लेकर गहन चर्चा हुई और आखिरकार एकमत से यह तय किया गया कि इस बार किसी को बड़ा या छोटा भाई नहीं माना जाएगा।


इस फैसले का सीधा अर्थ यह है कि भाजपा और जेडीयू बराबर सीटों पर चुनाव लड़ेंगी। उदाहरण के तौर पर, यदि जेडीयू को 102 सीटें दी जाती हैं, तो भाजपा भी 102 सीटों पर चुनाव मैदान में होगी। बाकी बची हुई सीटें सहयोगी दलों—जैसे हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) आदि को दी जाएंगी।


एनडीए के इस नए फार्मूले को गठबंधन के अंदर संतुलन बनाए रखने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है। पिछली बार के चुनाव में भाजपा ने जेडीयू से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ा था, जिससे कई बार गठबंधन के अंदर ‘बड़ा भाई-छोटा भाई’ को लेकर असहमति की स्थिति बनी थी। लेकिन इस बार दोनों दल बराबरी के आधार पर चुनाव लड़ने जा रहे हैं, ताकि कार्यकर्ताओं और नेताओं के बीच संदेश जाए कि गठबंधन में सब बराबर हैं।


राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह फैसला आने वाले चुनाव में एनडीए के लिए बड़ा रणनीतिक कदम साबित हो सकता है। इससे जहां भाजपा अपने वोट बैंक को मजबूत बनाए रखेगी, वहीं जेडीयू को भी अपने जनाधार को बनाए रखने में मदद मिलेगी। एनडीए के इस नए समीकरण के बाद विपक्षी महागठबंधन (राजद, कांग्रेस और वाम दल) की भी नजर इस पर टिकी हुई है। माना जा रहा है कि अब विपक्ष को भी सीट बंटवारे में नया गणित बनाना पड़ेगा। बिहार की राजनीति में लंबे समय से ‘बड़ा भाई-छोटा भाई’ का फार्मूला चर्चा में रहा है—कभी जेडीयू बड़ा भाई रही तो कभी भाजपा। लेकिन इस बार दोनों दलों ने स्पष्ट संदेश दे दिया है कि वे समान साझेदारी के साथ आगे बढ़ेंगे।


चुनाव नजदीक आते ही भाजपा और जेडीयू दोनों ने अपने-अपने स्तर पर तैयारी तेज कर दी है। दोनों दलों ने उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। साथ ही, उन सीटों की पहचान की जा रही है जहां पिछली बार कम अंतर से हार हुई थी। इसके अलावा गठबंधन के साझा मुद्दों और चुनावी घोषणापत्र पर भी काम शुरू हो गया है। कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि इस बार बिहार की राजनीति में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। ‘बड़ा भाई-छोटा भाई’ की राजनीति खत्म कर एनडीए ने यह दिखा दिया है कि वह चुनाव में एकजुटता और बराबरी के आधार पर उतरने जा रहा है। अब देखना यह होगा कि इस नए समीकरण का जनता पर क्या असर पड़ता है और क्या एनडीए इस फार्मूले के दम पर सत्ता में वापसी कर पाता है या नहीं।