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26-Sep-2025 02:16 PM
By First Bihar
Success Story: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की कठिन परीक्षा में सफलता प्राप्त करना हर वर्ष लाखों युवाओं का सपना होता है, लेकिन मध्य प्रदेश की अंजलि सोंधिया की सफलता की कहानी लाखों युवाओं विशेषकर ग्रामीण और सामाजिक बंदिशों से घिरी लड़कियों के लिए एक प्रेरणा स्रोत बन गई है। बेहद सीमित संसाधनों और पारिवारिक चुनौतियों के बावजूद अंजलि ने UPSC भारतीय वन सेवा (IFS) परीक्षा 2024 में ऑल इंडिया 9वीं रैंक हासिल की और राज्य टॉपर बनीं।
अंजलि मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले के छोटे से गांव चंदरपुरा की रहने वाली हैं। उनका जन्म एक किसान परिवार में हुआ। पिता सुरेश सोंधिया की मृत्यु के बाद परिवार पर आर्थिक और भावनात्मक दोनों तरह का बोझ बढ़ गया, लेकिन अंजलि ने हार नहीं मानी। जब वह मात्र 15 वर्ष की थीं, तो परिवारवालों ने उनकी सगाई तय कर दी थी। उस समय उनके सपने अधूरे ही रहने वाले थे, लेकिन उनकी मां ने बेटी के सपनों को मरने नहीं दिया। उन्होंने सगाई तुड़वाई और अंजलि की शिक्षा जारी रखने में पूरा साथ दिया। यहीं से अंजलि की असली लड़ाई शुरू हुई।
अंजलि ने 2016 में 12वीं कक्षा पास करने के बाद कोई कोचिंग नहीं ली, बल्कि NCERT किताबें, पुराने प्रश्न पत्र, और ऑनलाइन संसाधनों के माध्यम से स्व-अध्ययन शुरू किया। शुरुआत में लगातार तीन प्रयास असफल रहे, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। चौथे प्रयास में, अंजलि की मेहनत रंग लाई और उन्होंने UPSC IFS परीक्षा 2024 में टॉप 10 में स्थान प्राप्त किया।
अंजलि मानती हैं कि अनुशासन, निरंतरता, और आत्मविश्वास किसी भी प्रतियोगी परीक्षा में सफलता की कुंजी हैं। उन्होंने UPSC के सिलेबस को गहराई से समझकर मूल किताबों पर फोकस किया। उनका मानना है कि कोचिंग नोट्स की बजाय NCERT और रेगुलर मॉक टेस्ट अधिक प्रभावी होते हैं। अंजलि रोजाना खुद को अपडेट रखती थीं और अपनी तैयारी का मूल्यांकन नियमित रूप से करती थीं।
अंजलि की कहानी उन युवाओं को राह दिखाती है जो सोचते हैं कि गांव में रहकर, बिना कोचिंग, सीमित साधनों में UPSC जैसी बड़ी परीक्षा पास नहीं की जा सकती। उन्होंने साबित कर दिया कि अगर इरादा मजबूत हो, तो कोई भी सामाजिक या आर्थिक बाधा सफलता के रास्ते में नहीं आ सकती। उनका यह संदेश हैसपनों को पूरा करने के लिए सबसे ज़रूरी है सब्र, लगन, और खुद पर विश्वास।
अंजलि सोंधिया न केवल एक UPSC टॉपर हैं, बल्कि वो आज देश भर की बेटियों के लिए एक रोल मॉडल बन चुकी हैं। उनकी यह यात्रा बताती है कि शादी की उम्र तय नहीं करती, सपने तय करते हैं आपकी दिशा।