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25-Sep-2025 01:20 PM
By First Bihar
Success Story: हार हो जाती है जब मान लिया जाता है, जीत तब होती है जब ठान लिया जाता है...शकील आजमी की ये पंक्तियां राजस्थान के भीलवाड़ा जिले के IPS ईश्वर लाल गुर्जर के जीवन पर बिल्कुल सटीक बैठती हैं। एक वक्त था जब ईश्वर 10वीं कक्षा में फेल हो गए थे और पढ़ाई छोड़ने की सोच रहे थे। लेकिन आज वे न केवल IPS ऑफिसर हैं, बल्कि UPSC सिविल सेवा परीक्षा को तीन बार सफलतापूर्वक पास कर चुके हैं। उनकी यह सफलता युवाओं के लिए संघर्ष और उम्मीद की मिसाल बन गई है।
ईश्वर लाल गुर्जर का जीवन संघर्षों से भरा रहा है। साल 2011 में जब वे 10वीं में फेल हुए, तो मन में निराशा इतनी गहरी थी कि उन्होंने पढ़ाई छोड़ने तक का मन बना लिया था। लेकिन तभी उनके किसान पिता श्री सुवालाल गुर्जर ने उन्हें समझाया कि एक नाकामी जिंदगी का अंत नहीं होती। पिता की उस सलाह ने उनके जीवन की दिशा बदल दी। उन्होंने दोबारा 10वीं की परीक्षा दी और 54% अंकों के साथ पास हुए। फिर 12वीं में 68% अंक लाकर पास हुए और आगे की पढ़ाई प्राइवेट स्टूडेंट के रूप में महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय, अजमेर से पूरी की।
पढ़ाई के साथ-साथ उन्होंने सरकारी नौकरियों की तैयारी शुरू की, लेकिन सफलता इतनी आसानी से नहीं मिली। वे 5 बार अलग-अलग सरकारी परीक्षाओं में फेल हुए जिनमें राजस्थान वनरक्षक भर्ती, पटवारी, जेल प्रहरी और RAS मेन्स 2018 शामिल हैं। यूपीएससी में भी वे तीन बार असफल हुए 2019 में प्रीलिम्स नहीं निकला, 2020 में इंटरव्यू तक पहुंचे लेकिन चयन नहीं हुआ, और 2021 में फिर से असफलता मिली।
लेकिन इसी दौरान उन्होंने कई सफलताएं भी अर्जित कीं। 2019 में रीट परीक्षा पास कर थर्ड ग्रेड टीचर बने। फिर 2021 में राजस्थान पुलिस सब-इंस्पेक्टर में चयन हुआ। इसी वर्ष उन्होंने RAS परीक्षा पास कर SDM पद प्राप्त किया। फिर उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि सामने आई — UPSC 2022 में AIR 644 हासिल कर वे IRS अधिकारी बने। लेकिन उन्होंने यहीं रुकना नहीं चुना।
2023 में UPSC में AIR 555 हासिल करके वे IPS ऑफिसर बन गए। इसके बाद भी उन्होंने फिर से प्रयास किया और UPSC 2024 में AIR 483 हासिल की, जो उनके सतत प्रयास और मजबूत आत्मबल का प्रतीक है।
ईश्वर लाल गुर्जर ने यह सब हिंदी मीडियम से पढ़ाई करके हासिल किया है। उन्होंने दिखाया कि संसाधन सीमित हो सकते हैं, लेकिन यदि जज़्बा, मेहनत और लगन असीम हो, तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं होता। उनकी यह कहानी उन युवाओं के लिए खास संदेश है जो एक असफलता के बाद उम्मीद छोड़ देते हैं। जहां अधिकतर लोग IPS मनोज शर्मा की कहानी से प्रेरित हैं, जिन पर आधारित फिल्म '12th Fail' ने दर्शकों का दिल जीत लिया था, वहीं अब ईश्वर गुर्जर की असल जिंदगी भी किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं लगती। शायद भविष्य में उनकी संघर्ष यात्रा भी बड़े पर्दे पर दिखे और लाखों युवाओं को नई प्रेरणा दे।
ईश्वर लाल गुर्जर की यह यात्रा बताती है कि असफलता एक अंत नहीं, बल्कि शुरुआत हो सकती है। हार वही मानता है जो रुक जाता है, लेकिन जो चलते रहता है, वह एक दिन ज़रूर जीतता है। उनका जीवन हर उस छात्र के लिए प्रेरणा है जो परिस्थितियों से टूट जाता है।