ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar Bhumi: बिहार में सोने, चांदी और हीरे से भी महंगे जमीन के भाव, जानिए इस इलाके में एक कट्ठे का क्या है रेट Gandhi Maidan : गांधी मैदान से रोक हटी, इन कामों के लिए दीघा घाट और कलेक्ट्रेट घाट बने नए केंद्र; प्रसाशन ने जारी किया नया आदेश Bihar News: बिहार में AI से जनरल टिकट धोखाधड़ी का खुलासा, पुलिस ने चार शातिरों को किया गिरफ्तार Bihar crime news : महिला पुलिसकर्मी का वीडियो बनाने पर बवाल, विरोध पर डायल-112 की जीप पर पथराव Amrit Bharat Express Bihar: नए साल 2026 में बिहार से चलेंगी 4 नई अमृत भारत ट्रेनें, यात्रियों को मिलेगा यह विशेष सुविधा CBI Raid: रक्षा मंत्रालय में तैनात आर्मी अफसर रिश्वत लेते गिरफ्तार, घर से 2.36 करोड़ नकद बरामद Mukhyamantri Mahila Rojgar Yojana : मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना 2025: 31 दिसंबर तक करें आवेदन, 10 हजार के बाद मिलेंगे 2 लाख रुपये Bihar News: फर्जी दरोगा रवि परासर तीसरी बार पकड़ाया, तीसरी बार अवैध शराब के साथ गिरफ्तार; जांच में खुल रही कई पोल Bihar News: बिहार में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार की नई दिशा, इन जिलों में डेस्टिनेशन प्लान और 5-स्टार होटल निर्माण Patna News: बिहटा–दानापुर फोरलेन एलिवेटेड सड़क पर इस दिन से दौड़ेंगी गाड़ियां, ट्रैफिक जाम से मिलेगी राहत

Mutual Fund SIP Return: म्यूचुअल फंड और SIP निवेशकों की चिंता, गिरावट के दौर में क्या हो रहा है?

शेयर बाजार में हालिया गिरावट के बीच म्यूचुअल फंड निवेशकों के बीच चिंता की लहर है, खासकर एसआईपी (सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) को लेकर। दिसंबर महीने में रिकॉर्ड संख्या में एसआईपी खाते बंद हुए।

Mutual Fund SIP Return

25-Jan-2025 06:10 AM

By First Bihar

Mutual Fund SIP Return: शेयर बाजार में गिरावट के साथ म्यूचुअल फंड निवेशकों के बीच चिंता की लहर दौड़ गई है, और खासतौर पर एसआईपी (सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) के प्रति उनकी आस्थाएं कमजोर होती दिखाई दे रही हैं। पिछले कुछ महीनों में म्यूचुअल फंड निवेशकों ने पहले की तुलना में ज्यादा एसआईपी खाते बंद किए हैं। दिसंबर महीने में रिकॉर्ड 45 लाख एसआईपी खाते बंद हो गए, जो अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है। इससे पहले मई 2024 में भी 44 लाख एसआईपी खाते बंद हुए थे, लेकिन दिसंबर का आंकड़ा इस बार और भी चौंकाने वाला है।


इस स्थिति ने बाजार के विशेषज्ञों को चिंता में डाल दिया है क्योंकि एसआईपी को हमेशा एक लंबी अवधि के निवेश विकल्प के रूप में देखा गया था, जिससे निवेशक बाजार के उतार-चढ़ाव से प्रभावित हुए बिना अच्छा रिटर्न कमा सकते थे। अब यह धारणा कमजोर हो रही है और लोग तात्कालिक लाभ के बजाय अपनी निवेश योजनाओं में बदलाव कर रहे हैं।


दिसंबर में नए एसआईपी खातों की संख्या भी काफी घट गई है, जो केवल नौ लाख रही, और यह पिछले सात महीनों में सबसे कम थी। इससे यह भी संकेत मिलता है कि नए निवेशक भी म्यूचुअल फंड और एसआईपी की ओर पहले जैसी रुझान नहीं दिखा रहे हैं।


इस बदलाव का कारण कई वित्तीय विशेषज्ञों के अनुसार निवेशकों का तात्कालिक प्रदर्शन या सालभर के रिटर्न के आधार पर फैसले करना है। यह शॉर्ट टर्म परिणाम कभी-कभी लंबे समय में अच्छा रिटर्न देने वाले फंडों को भी प्रभावित कर सकता है। ऐसे में निवेशकों को धैर्य रखने की आवश्यकता है और उन्हें अपने निवेश के दीर्घकालिक लक्ष्यों के प्रति सजग रहने की सलाह दी जाती है।


भारत में एसआईपी म्यूचुअल फंड आज भी मजबूत स्थिति में हैं और निवेशकों को इनका लाभ लंबी अवधि में मिल सकता है, लेकिन यह जरूरी है कि निवेशक शॉर्ट टर्म उतार-चढ़ाव से प्रभावित होकर जल्दबाजी में निर्णय न लें।