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30-Aug-2025 08:21 AM
By First Bihar
Success Story: उत्तर प्रदेश के पिलखुवा जिले के रहने वाली आशना चौधरी ने कड़ी मेहनत और लगन से यूपीएससी परीक्षा में सफलता हासिल कर अपने क्षेत्र का नाम रोशन किया है। आज वे लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा बन रहे हैं।
संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की सिविल सेवा परीक्षा पास करना आसान नहीं है। हर साल लाखों खिलाड़ी इसमें शामिल होते हैं, लेकिन केवल चुनिंदा ही अपनी मंजिल तक पहुंचते हैं। आशना ने भी इस कठिन राह को चुना और आईएएस की जगह अपनी पसंद से आईपीएस (भारतीय पुलिस सेवा) का चयन किया। वे उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में सक (सर्कल ऑफिसर) के पद पर हैं।
उन्होंने 12वीं की पढ़ाई गाजियाबाद से ह्यूमैनिटीजेशन से किया है, और ग्रेजुएशन दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रतिष्ठित लेडी श्रीराम कॉलेज से अंग्रेजी साहित्यकार (व्यावसायिक) किया फिर पोस्ट-ग्रेजुएशन 2023 साउथ एशियन यूनिवर्सिटी, दिल्ली से अंतर्राष्ट्रीय संबंध किया. आशना ने ग्रेजुएशन के बाद यूपीएससी की तैयारी शुरू की। पहले दो प्रयासों में उन्हें असफलता मिली, लेकिन वे मनी नहीं हारे। तीसरे प्रयास में 2023 में उन्होंने ऑल इंडिया रैंक 116 हासिल की और संस्थानों में रैंकिंग जुटाई।
आशा का मानना है कि सफलता की कुंजी निरंतर परिश्रम, सही रणनीति और धैर्य है। असफलताओं से निराश होकर उन्होंने अपने कमजोर विषयों पर काम किया और अपनी तैयारी को लगातार बेहतर बनाया। आशना की सफलता के पीछे उनके परिवार का भी बड़ा योगदान है। परिवार ने उन्हें हमेशा पढ़ाई और नौकरी के लिए पदमुक्त कर दिया। उनके पिता और माता ने शिक्षा को बढ़ावा दिया और हर कदम पर सहयोग दिया। आशना चौधरी का कहना है कि यूपीएससी में परीक्षाओं जैसा हार मानना विकल्प नहीं है। यदि सही दिशा में मेहनत की जाए और कारीगरी बनाई जाए, तो मंजिल निश्चित है।