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20-Feb-2025 01:12 PM
By First Bihar
टेस्ला भारत में अपनी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट स्थापित नहीं करेगी, बल्कि जर्मनी के बर्लिन-ब्रांडेनबर्ग स्थित गीगाफैक्ट्री में बनी कारों को सीधे भारत लाया जाएगा। इससे भारत में इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) बाजार को एक नई दिशा मिल सकती है, जो पहले ही तेजी से विकसित हो रहा है।
खबर है कि टेस्ला भारत में अपनी सबसे किफायती ईवी कार उतारने की योजना बना रही है, जिसकी कीमत लगभग 25,000 डॉलर (21.71 लाख रुपये) हो सकती है। हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि यह कौन सा मॉडल होगा, लेकिन भारत की मौजूदा आयात नीति के मुताबिक, यदि टेस्ला इस कार को भारत लाती है, तो इसकी कीमत लगभग 36 लाख रुपये तक पहुंच सकती है। इसका कारण यह है कि विदेश से आने वाली इलेक्ट्रिक वाहनों पर 75% बेसिक कस्टम ड्यूटी लगती है।
भारतीय बाजार में ईवी के लिए कस्टम ड्यूटी को लेकर कुछ अहम बदलाव हो सकते हैं। यदि टेस्ला जैसी कंपनियां केंद्र सरकार के साथ एमओयू करती हैं, तो 35,000 डॉलर से ऊपर की कारों पर कस्टम ड्यूटी 15% हो सकती है, लेकिन इसके लिए कंपनियों को कुछ शर्तें पूरी करनी होंगी। इन शर्तों के तहत कंपनियों को भारत में सालाना 8,000 से ज्यादा कारें नहीं बेचने की और पांच साल के भीतर भारत में निर्माण शुरू करने की जिम्मेदारी होगी। हालांकि, इन नीतियों में बदलाव की चर्चा भी हो रही है, और उम्मीद जताई जा रही है कि मार्च के अंत तक नई नीति जारी हो सकती है।
हालांकि टेस्ला की सबसे सस्ती कार के लॉन्च की चर्चा चल रही है, लेकिन कुछ रिपोर्ट्स में यह भी कहा जा रहा है कि टेस्ला अपने लोकप्रिय मॉडल 3 और मॉडल Y को भी भारत में लॉन्च कर सकती है। हालांकि, इन दोनों मॉडल्स की अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत 44,000 डॉलर (लगभग 33 लाख रुपये) से अधिक है, ऐसे में टेस्ला को इनकी कीमतों और स्पेसिफिकेशन्स को भारतीय बाजार के हिसाब से एडजस्ट करना होगा। यह देखना दिलचस्प होगा कि टेस्ला इन मॉडलों को भारतीय ग्राहकों के लिए किस तरह किफायती बनाती है।
टेस्ला ने भारत में अपनी शुरुआत के लिए पहले दो प्रमुख शोरूम के स्थान तय कर लिए हैं। एक शोरूम नई दिल्ली के एरोसिटी क्षेत्र में होगा, जो इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास स्थित है। दूसरा शोरूम मुंबई के प्रमुख बिजनेस हब बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स में होगा, जो छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास स्थित है।
बताया जा रहा है कि टेस्ला इस साल भारत से 8,000 करोड़ रुपये के पार्ट्स खरीदने की योजना बना रही है, भले ही कंपनी यहां मैन्युफैक्चरिंग यूनिट नहीं लगाएगी। इस कदम से भारतीय ऑटो इंडस्ट्री और सप्लाई चेन को भी फायदा हो सकता है और भारत को इलेक्ट्रिक वाहन के उत्पादन केंद्र के रूप में और भी सशक्त बना सकता है।