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28-Mar-2025 05:58 PM
By First Bihar
Minimum Balance Penalty: भारतीय बैंकों द्वारा ग्राहकों से न्यूनतम बैलेंस न रखने पर भारी शुल्क वसूला जा रहा है। वित्त वर्ष 2023-24 में 11 सरकारी बैंकों ने इस मद में 2,331 करोड़ रुपये वसूले, जिसमें पंजाब नेशनल बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा और इंडियन बैंक सबसे आगे रहे।
बैंक ग्राहकों से केवल मिनिमम बैलेंस चार्ज ही नहीं, बल्कि अतिरिक्त एटीएम ट्रांजैक्शन शुल्क, स्टेटमेंट फीस, इनएक्टिविटी चार्ज और एसएमएस अलर्ट शुल्क जैसी कई अन्य मदों में भी पैसा वसूल रहे हैं। आप पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने इस मुद्दे को उठाते हुए बैंकों पर अनावश्यक शुल्क लगाने का आरोप लगाया।
बढ़ती पेनल्टी की रकम
एक रिपोर्ट के अनुसार, 2022-23 में सरकारी बैंकों ने मिनिमम बैलेंस न रखने पर 1,855.43 करोड़ रुपये वसूले थे, जो 2023-24 में बढ़कर 2,331 करोड़ रुपये हो गए। यानी एक साल में यह 25.63% अधिक हो गया। पिछले तीन वर्षों में इन 11 बैंकों ने ग्राहकों से कुल 5,614 करोड़ रुपये वसूले हैं।
सबसे अधिक मिनिमम बैलेंस चार्ज वसूलने वाले बैंक:
पंजाब नेशनल बैंक: 633.4 करोड़ रुपये बैंक जबकि ऑफ बड़ौदा: 386.51 करोड़ रुपये वहीँ ,इंडियन बैंक: 369.16 करोड़ रुपये बसूले हैं |
RBI के नियम क्या कहते हैं?
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के दिशानिर्देशों के अनुसार, बैंक को ग्राहकों को न्यूनतम बैलेंस नियमों की स्पष्ट जानकारी देनी होगी। कोई बदलाव होने पर ग्राहकों को पहले से सूचित किया जाना चाहिए। साथ ही, किसी भी स्थिति में पेनल्टी की वजह से खाते में नेगेटिव बैलेंस नहीं होना चाहिए।
SBI ने 2020 में हटाया मिनिमम बैलेंस चार्ज
देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI), ने 2020 में अपने ग्राहकों को राहत देते हुए इस चार्ज को पूरी तरह समाप्त कर दिया। अन्य बैंकों से भी ऐसी पहल की उम्मीद की जा रही है।
ग्राहकों के लिए चिंता का विषय
बैंकों द्वारा मिनिमम बैलेंस चार्ज और अन्य छिपे हुए शुल्क वसूलना लगातार विवाद का विषय बना हुआ है। हालांकि RBI ने पारदर्शिता बढ़ाने के निर्देश दिए हैं, लेकिन फिर भी कई बैंक ग्राहकों से छिपे हुए शुल्क वसूलते हैं। ऐसे में ग्राहकों को अपने बैंकिंग विकल्पों को समझदारी से चुनना चाहिए और ऐसे खातों का चयन करना चाहिए, जिनमें मिनिमम बैलेंस की शर्त न हो।