Patna Firing Case: पटना के धनरूआ गोलीकांड में पुलिस का एक्शन, 33 लोगों के खिलाफ केस दर्ज; दारोगा समेत तीन को मारी थी गोली Patna Firing Case: पटना के धनरूआ गोलीकांड में पुलिस का एक्शन, 33 लोगों के खिलाफ केस दर्ज; दारोगा समेत तीन को मारी थी गोली Raja Raghuvanshi Murder Case: कौन है सोनम का आशिक राज कुशवाहा? जिसकी वजह से गई राजा रघुवंशी की जान Bihar Crime News: आर्म्स स्मगलर सस्पेंड ASI सरोज सिंह के नेटवर्क पर शिकंजा कसने की तैयारी, STF ने बनाई कई टीमें Bihar Crime News: आर्म्स स्मगलर सस्पेंड ASI सरोज सिंह के नेटवर्क पर शिकंजा कसने की तैयारी, STF ने बनाई कई टीमें Shreyas Talpade FIR: "निवेश लाओ-तिगुना पाओ स्कीम", बॉलीवुड एक्टर श्रेयस तलपड़े समेत 15 पर एफआईआर दर्ज Train Accident: लोकल ट्रेन से गिरकर पांच लोगों की मौत, धक्कामुक्की में कंपार्टमेंट से रेलवे ट्रैक पर गिरे Train Accident: लोकल ट्रेन से गिरकर पांच लोगों की मौत, धक्कामुक्की में कंपार्टमेंट से रेलवे ट्रैक पर गिरे Bihar politics: चुनावी साल में एक्टिव हुए सीएम नीतीश, भीषण गर्मी के बीच अचानक कहां रवाना हो गए? Bihar politics: चुनावी साल में एक्टिव हुए सीएम नीतीश, भीषण गर्मी के बीच अचानक कहां रवाना हो गए?
04-Mar-2025 04:58 PM
By First Bihar
भारतीय बीमा विनियामक एवं विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने हाल ही में बीमा कंपनियों के साथ अपनी तिमाही बैठक में महत्वपूर्ण चेतावनी दी। IRDAI ने बीमा कंपनियों को कमिशन पर सीमा लागू करने और उसका लाभ पॉलिसीहोल्डर्स को देने की सख्त हिदायत दी है।
इससे पहले, अप्रैल 2023 में IRDAI ने व्यक्तिगत बिजनेस सेगमेंट में कमिशन की सीमा हटा दी थी और इसके स्थान पर कुल खर्चों पर एक लिमिट तय की थी। यह नियम बीमाकर्ता की ओर से किए गए कमिशन और अन्य ऑपरेशनल कॉस्ट को शामिल करते हुए यह तय किया गया कि सामान्य बीमाकर्ता के मामले में सकल प्रीमियम का 30% से ज्यादा और एक स्टैंडअलोन स्वास्थ्य बीमाकर्ता के लिए 35% से ज्यादा खर्च नहीं हो सकता।
हालांकि, अप्रैल 2023 से पहले, स्वास्थ्य बीमा और मोटर इंश्योरेंस पर कमिशन सकल प्रीमियम का लगभग 19.5% था, जिसमें 15% कमिशन और 4.5% रिवॉर्ड शामिल था।
सूत्रों के अनुसार, IRDAI का मानना है कि बीमा कंपनियों ने इस छूट का गलत इस्तेमाल किया है और कमिशन में अत्यधिक वृद्धि की है, जबकि ऑपरेशनल खर्चों में कोई महत्वपूर्ण कमी नहीं आई है। परिणामस्वरूप, इंश्योरेंस की लागत में कोई कमी नहीं आई और इसका पूरा लाभ एजेंटों को मिल गया, न कि पॉलिसीहोल्डर्स को।
IRDAI ने बीमा कंपनियों को स्पष्ट रूप से चेतावनी दी है कि अगर यह लाभ पॉलिसीहोल्डर्स तक नहीं पहुंचाया गया, तो 2026 में इस फैसले की समीक्षा के बाद व्यक्तिगत कैटेगरी पर कमिशन की सीमाएं फिर से लागू की जा सकती हैं।
यह कदम भारतीय बीमा क्षेत्र में पारदर्शिता और पॉलिसीहोल्डर्स के हितों को सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है।