पटना में नगर निगम की लापरवाही से खुला मेनहोल बना जानलेवा, नाले में गिरा बच्चा पहली उड़ान बनी आखिरी सफर, सऊदी नौकरी पर निकले युवक ने फ्लाइट में दम तोड़ा, विदेश में नौकरी का सपना रह गया अधूरा जमुई में नक्सलियों की बड़ी साजिश नाकाम, जंगल से 24 सिलेंडर बम बरामद भागलपुर-हंसडीहा मुख्य मार्ग पर भीषण सड़क हादसा, महिला की मौत, 6 की हालत गंभीर Patna News: पटना एयरपोर्ट के लिए जारी हुआ नया आदेश, उल्लंघन किया तो होगी कड़ी कार्रवाई बेगूसराय में टला बड़ा हादसा: चलती ट्रेन के इंजन में लगी आग, यात्रियों ने कूदकर बचायी अपनी जान गांधी सेतु पर ट्रक और पिलर के बीच फंसा बाइक सवार, ट्रैफिक पुलिस ने किया रेस्क्यू AI in election: AI की चालबाज़ी से उलझे बिहार के वोटर! फर्जी कॉल्स-Deepfake से फैला भ्रम, अब चुनाव आयोग कसेगा शिकंजा! प्यार के लिए लड़का बना लड़की, अब पति किन्नर से शादी की जिद पर अड़ा Bihar politics : तेजस्वी ने किया 'महिला संवाद' पर हमला, जदयू का पलटवार...क्या महिलाओं की तरक्की से डरते हैं नेता प्रतिपक्ष?
26-Feb-2025 04:46 PM
भारत सरकार 5 प्रमुख सरकारी बैंकों में अपनी हिस्सेदारी घटाएगी। इन बैंकों में सरकार की वर्तमान हिस्सेदारी और बिक्री की योजना कुछ इस प्रकार है:
यह कदम SEBI के दिशा-निर्देशों के अनुपालन में उठाया जा रहा है, जिसमें सभी लिस्टेड कंपनियों के लिए 25% सार्वजनिक हिस्सेदारी का प्रावधान है। सरकारी बैंकों के मामले में, अगस्त 2026 तक सरकार को अपनी हिस्सेदारी को इस स्तर तक लाना होगा। इसके साथ ही, सरकार का उद्देश्य बैंकों को अधिक निजी निवेशकों के लिए आकर्षक बनाना और बैंकिंग सेक्टर में सुधार लाना है।
इसके अतिरिक्त, सरकार को अपने खर्चों को पूरा करने के लिए अतिरिक्त फंड की आवश्यकता है। विशेषज्ञों के अनुसार, सरकार के पास ₹43,000 करोड़ से अधिक की अतिरिक्त हिस्सेदारी है, जिसे सेकेंडरी मार्केट के जरिए बेचा जा सकता है। इस हिस्सेदारी बिक्री से सरकारी खजाने में substantial रकम आएगी, जो कि भविष्य में अन्य सरकारी योजनाओं और कार्यक्रमों में उपयोग की जा सकेगी।
सरकार इस हिस्सेदारी बिक्री के लिए दो प्रमुख तरीकों का इस्तेमाल करेगी:
हालांकि, सरकार का मुख्य ध्यान ऑफ़र फॉर सेल पर होगा, क्योंकि इससे तत्काल ज्यादा फंड प्राप्त किया जा सकेगा।