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26-Feb-2025 04:39 PM
By First Bihar
SEBI का कहना है कि नए नियमों का उद्देश्य क्लेम न किए गए एसेट्स को कम करना और निवेशकों की संपत्ति के प्रबंधन में सुधार करना है, खासकर जब निवेशक बीमार होते हैं या उनका निधन हो जाता है। पिछले कुछ सालों में इस बात की चिंता बढ़ी थी कि कई निवेशकों के निधन के बाद उनके परिवारों को उनके निवेश का क्लेम करने में परेशानी होती थी। इसलिए, SEBI ने यह कदम उठाया है ताकि इन कठिनाइयों को कम किया जा सके और परिवारों को सुलभ तरीके से संपत्ति का हक मिल सके।
1 मार्च से लागू होने वाले नए नियमों के अनुसार, म्यूचुअल फंड्स और डीमैट अकाउंट्स के निवेशकों को अब नॉमिनी (नामांकित व्यक्ति) को घोषित करना अनिवार्य होगा। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यह नॉमिनेशन निवेशक द्वारा व्यक्तिगत रूप से किया जाएगा, न कि उनके पावर ऑफ अटॉर्नी (PoA) होल्डर्स द्वारा।
अब निवेशक म्यूचुअल फंड पोर्टफोलियो और डीमैट अकाउंट में अधिकतम 10 व्यक्तियों को नॉमिनी बना सकेंगे। इन नॉमिनीज को जॉइंट होल्डर्स के रूप में जोड़ा जा सकता है या फिर वे अलग-अलग सिंगल अकाउंट्स या फोलियो के रूप में अपने हिस्से का प्रबंधन कर सकते हैं। यह बदलाव न केवल निवेशकों को अधिक विकल्प देगा, बल्कि निवेश की पारदर्शिता को भी बढ़ावा देगा।
निवेशक अब अपनी नॉमिनी की जानकारी को ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से अपडेट कर सकते हैं। ऑनलाइन नॉमिनेशन के लिए, संस्थाएं डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट्स या आधार-आधारित इलेक्ट्रॉनिक सिग्नेचर्स के माध्यम से नॉमिनेशन को मान्यता देंगी। इसके अलावा, निवेशकों को हर नॉमिनेशन सबमिशन के बाद एक रिसीप्ट मिलेगी, जिससे प्रक्रिया में पारदर्शिता और सुरक्षित रिकॉर्ड की संभावना बढ़ेगी।
नए दिशा-निर्देशों के तहत, अब निवेशकों को अपने नॉमिनी की अधिक विस्तृत जानकारी देनी होगी। इसमें नॉमिनी के पहचान संबंधी विवरण जैसे कि PAN नंबर, ड्राइविंग लाइसेंस नंबर, या उनके आधार नंबर की आखिरी चार अंकों का विवरण शामिल होगा। इसके साथ ही, निवेशकों को नॉमिनी के संपर्क विवरण और उनके साथ संबंध (जैसे, पुत्र, पत्नी, भाई, बहन, आदि) भी बताना होगा।